शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को घनाहट्टी में नए कैंपस के लिए मिली जमीन को अभी तक सरकार ने एचपीयू के नाम नहीं किया है. पिछले 5 सालों से एचपीयू को यह जमीन नए कैंपस के निर्माण के लिए दी गई है, लेकिन सरकार की ओर से इस जमीन को एचपीयू के नाम करने की प्रक्रिया अभी तक अधूरी है, एचपीयू कुलपति ने इस मामले में एक कमेटी का गठन भी किया है. यही कमेटी इस मामले को सरकार के समक्ष उठाएगी और एचपीयू के नए कैंपस के लिए घाटी में दी गई 251 बीघा जमीन को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के नाम करवाया जाएगा.
बता दें कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में एचपीयू अपने कैंपस विस्तार के लिए जमीन घनाहट्टी में उपलब्ध करवाई गई थी, 251 बीघा के करीब जमीन एचपीयू के नए कैंपस के लिए दी गई थी, इसमें एचपीयू में चल रहे प्रोफेशनल कोर्सेज के साथ ही हॉस्टल बनाने का भी प्रस्ताव था, लेकिन जमीन मिलने के इतने वर्षों बाद भी यह जमीन एचपीयू के नाम नहीं हो पाई है जिसके चलते इस पर निर्माण कार्य भी अभी तक शुरू करने का प्लान नहीं बन पाया है.
एचपीयू कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा कि अब इस मामले में उच्च स्तरीय समिति ने निर्णय लिया है कि शीघ्र ही नए दस्तावेज तैयार कर राज्य सरकार और वन एवं राजस्व विभाग के साथ बैठक की जाएगी. इस कार्य को शुरू करने को लेकर जल्द ही वन मंत्री के साथ चर्चा की जाएगी जिससे कि जल्द से जल्द निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान हो सके .