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नए कैंपस के लिए मिली 251 बीघा जमीन को HPU करवाएगा अपने नाम, कमेटी सरकार के समक्ष उठाएगा मामला - undefined

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को घनाहट्टी में नए कैंपस के लिए मिली जमीन को अभी तक सरकार ने एचपीयू के नाम नहीं किया है

नए कैंपस के लिए मिली 251 बीघा जमीन को HPU करवाएगा अपने नाम, कमेटी सरकार के समक्ष उठाएगा मामला
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Published : Jul 17, 2019, 3:38 PM IST


शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को घनाहट्टी में नए कैंपस के लिए मिली जमीन को अभी तक सरकार ने एचपीयू के नाम नहीं किया है. पिछले 5 सालों से एचपीयू को यह जमीन नए कैंपस के निर्माण के लिए दी गई है, लेकिन सरकार की ओर से इस जमीन को एचपीयू के नाम करने की प्रक्रिया अभी तक अधूरी है, एचपीयू कुलपति ने इस मामले में एक कमेटी का गठन भी किया है. यही कमेटी इस मामले को सरकार के समक्ष उठाएगी और एचपीयू के नए कैंपस के लिए घाटी में दी गई 251 बीघा जमीन को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के नाम करवाया जाएगा.

बता दें कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में एचपीयू अपने कैंपस विस्तार के लिए जमीन घनाहट्टी में उपलब्ध करवाई गई थी, 251 बीघा के करीब जमीन एचपीयू के नए कैंपस के लिए दी गई थी, इसमें एचपीयू में चल रहे प्रोफेशनल कोर्सेज के साथ ही हॉस्टल बनाने का भी प्रस्ताव था, लेकिन जमीन मिलने के इतने वर्षों बाद भी यह जमीन एचपीयू के नाम नहीं हो पाई है जिसके चलते इस पर निर्माण कार्य भी अभी तक शुरू करने का प्लान नहीं बन पाया है.

एचपीयू कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा कि अब इस मामले में उच्च स्तरीय समिति ने निर्णय लिया है कि शीघ्र ही नए दस्तावेज तैयार कर राज्य सरकार और वन एवं राजस्व विभाग के साथ बैठक की जाएगी. इस कार्य को शुरू करने को लेकर जल्द ही वन मंत्री के साथ चर्चा की जाएगी जिससे कि जल्द से जल्द निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान हो सके .


शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को घनाहट्टी में नए कैंपस के लिए मिली जमीन को अभी तक सरकार ने एचपीयू के नाम नहीं किया है. पिछले 5 सालों से एचपीयू को यह जमीन नए कैंपस के निर्माण के लिए दी गई है, लेकिन सरकार की ओर से इस जमीन को एचपीयू के नाम करने की प्रक्रिया अभी तक अधूरी है, एचपीयू कुलपति ने इस मामले में एक कमेटी का गठन भी किया है. यही कमेटी इस मामले को सरकार के समक्ष उठाएगी और एचपीयू के नए कैंपस के लिए घाटी में दी गई 251 बीघा जमीन को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के नाम करवाया जाएगा.

बता दें कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में एचपीयू अपने कैंपस विस्तार के लिए जमीन घनाहट्टी में उपलब्ध करवाई गई थी, 251 बीघा के करीब जमीन एचपीयू के नए कैंपस के लिए दी गई थी, इसमें एचपीयू में चल रहे प्रोफेशनल कोर्सेज के साथ ही हॉस्टल बनाने का भी प्रस्ताव था, लेकिन जमीन मिलने के इतने वर्षों बाद भी यह जमीन एचपीयू के नाम नहीं हो पाई है जिसके चलते इस पर निर्माण कार्य भी अभी तक शुरू करने का प्लान नहीं बन पाया है.

एचपीयू कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा कि अब इस मामले में उच्च स्तरीय समिति ने निर्णय लिया है कि शीघ्र ही नए दस्तावेज तैयार कर राज्य सरकार और वन एवं राजस्व विभाग के साथ बैठक की जाएगी. इस कार्य को शुरू करने को लेकर जल्द ही वन मंत्री के साथ चर्चा की जाएगी जिससे कि जल्द से जल्द निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान हो सके .

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को घनाहट्टी में नए कैंपस के लिए मिली जमीन को अभी तक सरकार ने एचपीयू के नाम ही नहीं किया है। पिछले 5 सालों से एचपीयू को यह जमीन नए कैंपस के निर्माण के लिए दी गई है लेकिन सरकार की ओर से इस जमीन को एचपीयू के नाम करने की प्रक्रिया अभी तक अधूरी है। अब एचपीयू इस जमीन को अपने नाम करवाने की प्रक्रिया को पूरा करने की बात कह रहा है। एचपीयू कुलपति ने इस मामले में एक कमेटी का गठन भी किया है। यही कमेटी इस मामले को सरकार के समक्ष उठाएगी और एचपीयू के नए कैंपस के लिए घाटी में दी गई 251 बीघा जमीन को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के नाम करवाया जाएगा। इसके बाद इस जमीन पर एचपीयू के नए कैंपस को बनाने के लिए तैयारी विश्वविद्यालय की ओर से की जाएगी।


Body:बता दें कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में एचपीयू अपने कैंपस विस्तार के लिए जमीन घनाहट्टी में उपलब्ध करवाई गई थी। 251 बीघा के करीब जमीन एचपीयू के नए कैंपस के लिए दी गई थी। इसमें एचपीयू में चल रहे प्रोफेशनल कोर्सेज के साथ ही हॉस्टल बनाने का भी प्रस्ताव था,लेकिन जमीन मिलने के इतने वर्षों बाद भी यह जमीन एचपीयू के नाम ही नहीं हो पाई है जिसके चलते इस पर निर्माण कार्य भी अभी तक शुरू करने का प्लान नहीं बन पाया है। अब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने खुद जमीन का निरीक्षण करने के बाद यह फैसला लिया है कि सबसे पहले इस जमीन को एचपीयू के नाम करवाने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा जिसके बाद इस जमीन का किस तरह से इस्तेमाल नए कैंपस के निर्माण के लिए किया जाएगा इसके लिए पूरी योजना गठित कमेटी की ओर से तैयार की जाएगी।


Conclusion:एचपीयू कुलपति प्रो.सिकंदर कुमार ने कहा कि अब इस मामले में उच्च स्तरीय समिति ने निर्णय लिया है कि शीघ्र ही नए दस्तावेज तैयार कर राज्य सरकार और वन एवं राजस्व विभाग के साथ बैठक की जाएगी। इसके साथ ही 251 बीघा में से कुछ क्षेत्र ऐसा है जिसमें वृक्ष नहीं है ऐसे में इस क्षेत्र में नए कैंपस का निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है। इस कार्य को शुरू करने को लेकर जल्द ही वन मंत्री के साथ चर्चा की जाएगी जिससे कि जल्द से जल्द निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान हो सके। अभी यह जमीन भी एचपीयू के नाम नहीं हुई है जिसके लिए समिति से सदस्य मुख्यमंत्री से मिल कर इस जमीन को विश्वविद्यालय के नाम जल्द हस्तान्तरण करने की अपील करेंगे।

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