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HPU के दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्रों को मिली बड़ी सौगात, 'सुगम्य लाइब्रेरी' में आसानी से पढ़ सकेंगे किताबें

विश्वविद्यालय के 50वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एचपीयू पुस्तकालय के ग्राउंड फ्लोर पर बनाई गई इस सुगम्य लाइब्रेरी का लोकार्पण किया. इस पुस्तकालय में छात्र हाईटेक तकनीक के माध्यम से किताबों को स्कैन कर उन्हें टॉकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से पढ़ सकते हैं.

'सुगम्य लाइब्रेरी' में आसानी से पढ़ सकेंगे किताबें
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Published : Jul 22, 2019, 4:41 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्रों के लिए बनाया गया सुगम्य पुस्तकालय छात्रों को सुपुर्द कर दिया गया है. विश्वविद्यालय के 50वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एचपीयू पुस्तकालय के ग्राउंड फ्लोर पर बनाई गई इस सुगम्य लाइब्रेरी का लोकार्पण किया.

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बता दें कि इस पुस्तकालय में छात्र हाईटेक तकनीक के माध्यम से किताबों को स्कैन कर उन्हें टॉकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से पढ़ सकते हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह एक बहुत ही सराहनीय पहल दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्रों की सुविधा के लिए की गई है. उन्होंने कहा कि सरकार स्कूलों और प्रदेश के कॉलेजों में भी इस तरह के पुस्तकालय खोलने के लिए पहल करेंगी. जयराम ठाकुर ने इस पुस्तकालय की शुरुआत के लिए एचपीयू विकलांगजन मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव को भी बधाई दी.

वहीं दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्रों का कहना हैं कि इस पुस्तकालय के बनने से उन्हें पहले जो किताबें पढ़ने में दिक्कत आती थी, वो अब नहीं आ रही हैं.

ये भी पढ़े: 50 साल का हुआ एचपीयू, स्थापना दिवस में बतौर मुख्यातिथि विश्वविद्यालय पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम

गौर रहे कि सुगम्य पुस्तकालय में कई तरह के टॉकिंग सॉफ्टवेयर से लैस 17 कंप्यूटर लगाए गए हैं. इन कम्प्यूटर्स के जरिए दृष्टिबाधित छात्र ना केवल विश्वविद्यालय की बल्कि भारत सरकार की ओर से स्थापित ऑनलाइन लाइब्रेरी सुगम्य पुस्तकालय और अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन लाइब्रेरी बुक शेयर की लाखों पुस्तकें पढ़ सकेंगे.

छात्रों को लाखों ऑनलाइन पुस्तकें अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन लाइब्रेरी बुक शेयर ओर केंद्र सरकार के सुगम्य पुस्तकालय से उपलब्ध हो जाएगी. यह ऑनलाइन पुस्तकें अंग्रेजी भाषा के साथ- साथ हिंदी में भी उपलब्ध होगी.

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्रों के लिए बनाया गया सुगम्य पुस्तकालय छात्रों को सुपुर्द कर दिया गया है. विश्वविद्यालय के 50वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एचपीयू पुस्तकालय के ग्राउंड फ्लोर पर बनाई गई इस सुगम्य लाइब्रेरी का लोकार्पण किया.

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बता दें कि इस पुस्तकालय में छात्र हाईटेक तकनीक के माध्यम से किताबों को स्कैन कर उन्हें टॉकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से पढ़ सकते हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह एक बहुत ही सराहनीय पहल दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्रों की सुविधा के लिए की गई है. उन्होंने कहा कि सरकार स्कूलों और प्रदेश के कॉलेजों में भी इस तरह के पुस्तकालय खोलने के लिए पहल करेंगी. जयराम ठाकुर ने इस पुस्तकालय की शुरुआत के लिए एचपीयू विकलांगजन मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव को भी बधाई दी.

वहीं दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्रों का कहना हैं कि इस पुस्तकालय के बनने से उन्हें पहले जो किताबें पढ़ने में दिक्कत आती थी, वो अब नहीं आ रही हैं.

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गौर रहे कि सुगम्य पुस्तकालय में कई तरह के टॉकिंग सॉफ्टवेयर से लैस 17 कंप्यूटर लगाए गए हैं. इन कम्प्यूटर्स के जरिए दृष्टिबाधित छात्र ना केवल विश्वविद्यालय की बल्कि भारत सरकार की ओर से स्थापित ऑनलाइन लाइब्रेरी सुगम्य पुस्तकालय और अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन लाइब्रेरी बुक शेयर की लाखों पुस्तकें पढ़ सकेंगे.

छात्रों को लाखों ऑनलाइन पुस्तकें अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन लाइब्रेरी बुक शेयर ओर केंद्र सरकार के सुगम्य पुस्तकालय से उपलब्ध हो जाएगी. यह ऑनलाइन पुस्तकें अंग्रेजी भाषा के साथ- साथ हिंदी में भी उपलब्ध होगी.

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दृष्टिबाधित ओर दिव्यांग छात्रों के लिए बनाया गया सुगम्य पुस्तकालय छात्रों को सुपुर्द कर दिया गया। विश्वविद्यालय के 50 वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर में एचपीयू पुस्तकालय के जमीनी तल पर बनाई गई इस सुगम्य लाइब्रेरी का लोकार्पण किया। यह पुस्तकालय उत्तर भारत का अपनी तरह का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जहां दृष्टिबाधित ओर दिव्यांग छात्रों के लिए यह सुगम्य पुस्तकालय बनाया गया है। इस पुस्तकालय में छात्र हाईटेक तकनीक के माध्यम से किताबों को स्कैन कर उन्हें टॉकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से पढ़ सकते है। इस पुस्तकालय का लोकार्पण करने के दैरान लाइब्रेरी में छात्र किस तरह से शिक्षा ग्रहण करेंगे उसके बारे में भी जानकारी ली।


Body:मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक बहुत ही बहेतर पहल है जो दृष्टिबाधित ओर दिव्यांग छात्रों की सुविधा को देखते हुए की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार स्कूलों और प्रदेश के कॉलेजों में भी इस तरह के पुस्तकालय खोलने के लिए पहल करेंगी। इस तरह का सुझाव आया है जिस पर सरकार विचार करेगी। उन्होंने एचपीयू के इस प्रयास को सराहनीय बताते हुए कहा कि ऐसे बच्चें जिनके जीवन में काफी बाधाएं आती है उनके जीवन कठिन होता है ऐसे में एचपीयू में उन्हें इस पुस्तकालय में पढ़ने की सुविधा दी है जिससे वो आगे बढ़ सकेंगे ओर सक्षम बन सकेंगें।उन्होंने इस पुस्तकालय की शुरुआत के लिए एचपीयू विकलांगजन मामलों के नोडल अधिकारी प्रो.अजय श्रीवास्तव को भी बधाई दी। इस सुगम्य पुस्तकालय को जिन दृष्टिबाधित ओर दिव्यांग छात्रों के लिए बनाया गया है उनका कहना भी यही है कि इस पुस्तकालय के बनने से उन्हें पहले जो किताबें पढ़ने में दिक्कत आती है वो अब नहीं आ पा रही हैं। छात्रों को इस पुस्तकालय में लगे कंप्यूटरों में टॉकिंग सॉफ्टवेयर के साथ ही स्केनर के साथ पुस्तकों को स्कैन कर उन्हें आसानी से पढ़ पा रहे है। छात्रों को ऑनलाइन भी पुस्तकें इस पुस्तकालय के माध्यम से मिल पा रही हैं। इससे पहले छात्रों को बाहर से अपनी किताबों को कन्वर्ट करवाने के साथ ही अपने साथियों की मदद किताबों को पढ़ने के लिए लेनी पड़ती थी लेकिन अब इस पुस्तकालय के माध्यम से उनकी पढ़ाई आसान हो गई है।


Conclusion:इस बाधारहित सुगम्य पुस्तकालय में क़ई तरह के टॉकिंग सॉफ्टवेयर से लैस 17 कंप्यूटर लगाए गए हैं। इन कम्प्यूटरों के ज़रिए दृष्टिबाधित छात्र सुनकर ना सिर्फ विश्वविद्यालय की बल्कि भारत सरकार की ओर से स्थापित ऑनलाइन लाइब्रेरी सुगम्य पुस्तकालय ओर अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन लाइब्रेरी बुक शेयर की लाखों पुस्तकें पढ़ सकेंगे। सुगम्य पुस्तकालय में कोई भी पुस्तक स्कैन करके दृष्टिबाधित छात्र टॉकिंग सॉफ्टवेयर जॉज,एनवीडीए ओर ओसीआर के माध्यम से सुनकर पढ़ सकते हैं। उन्हें लाखों ऑनलाइन पुस्तकें अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन लाइब्रेरी बुक शेयर ओर केंद्र सरकार के सुगम्य पुस्तकालय से उपलब्ध हो जाएगी। यह ऑनलाइन पुस्तकें अंग्रेजी के साथ ही हिंदी में भी उपलब्ध होगी।
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