शिमलाः हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 22 जुलाई 1971 को बना हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) अपने विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ संस्कारों और नेतृत्व करने की नींव रखता है. यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपना नाम किया है.
यह सूची शुरू होती है हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर दो बार अफगानिस्तान के राष्ट्रपति की गद्दी पर काबिज होने वाले हामिद करजई (Hamid Karzai) से. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने साल 1983 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की. साल 2003 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने हामिद करजई को मानद उपाधि (Honorary Degree) से भी नवाजा.
इसके बाद सूची में नाम आता है साल 1963 बैच के आईपीएस अफसर हिमाचल प्रदेश के नाहन क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले अश्वनी शर्मा (Ashwani Sharma) का. अश्वनी शर्मा हिमाचल प्रदेश पुलिस के डीजीपी से सीबीआई निदेशक और फिर नागालैंड के राज्यपाल बने. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने साल 2013 में अश्वनी शर्मा को मानद उपाधि से नवाजा. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने साल 2014 में बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा (Buddhist religious leader Dalai Lama) और साल 2011 में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला (Rajeev Shukla) को भी मानद उपाधि से नवाजा है.
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पढ़े विद्यार्थियों ने राजनीतिक क्षेत्र में अपनी अलग जगह बनाई है. न केवल प्रदेश में बल्कि देश की राजनीति में प्रदेश के चेहरों ने बड़ा नाम कमाया है. इस सूची में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (BJP National President Jagat Prakash Nadda), कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा (Senior Congress leader Anand Sharma), हिमाचल प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज (Cabinet Minister Suresh Bhardwaj), रामलाल मारकंडा (Ramlal Markanda), छठे वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती (Satpal Singh Satti), पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा (Narendra Bragta), नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri), हिमाचल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu), पूर्व मंत्री धनीराम शांडिल (Dhaniram Shandil), कांग्रेस नेता हर्षवर्धन चौहान (Harshvardhan Chauhan), हरभजन सिंह भज्जी (Harbhajan Singh Bhajji), केवल सिंह पठानिया (Kewal Singh Pathania), बीजेपी नेता रणधीर शर्मा (Randhir Sharma), माकपा विधायक राकेश सिंघा (Rakesh Singha) समेत नगर निगम शिमला में रिकॉर्ड तोड़ मतों से विजय पाने वाले माकपा के पूर्व महापौर संजय चौहान (Sanjay Chauhan) (7 हजार 868 वोट से जीत) और पूर्व उप-महापौर टिकेंद्र पंवर (Tikendra Pawar) (4 हजार 778 वोट से जीत) हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से ही पढ़े हैं. एचपीयू से शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों ने सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में अपना अलग नाम बनाया है.
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एलुमनाई एसोसिएशन (HPUAA) के अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का 50 साल से अधिक का इतिहास बेहद गरिमामयी है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों ने न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपना नाम किया है. प्रदेश विश्वविद्यालय से पढ़े विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के इतिहास को गौरवशाली बनाया है. वहीं, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का इन बड़ी शख्सियतों से मनोबल बढ़ता है. वर्तमान समय में प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी इन बड़ी शख्सियतों से प्रेरणा लेते हैं.
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने 52 साल के छोटे से अंतराल में कई बड़े चेहरे देकर विश्व पटल पर अपना नाम बनाया है. वर्तमान समय में नैक (National Assessment and Accreditation Council) की ओर से विश्वविद्यालय को 'ए' ग्रेड प्राप्त है. विश्वविद्यालय को अभी एक लंबा सफर तय करना है और विश्वविद्यालय का इतिहास या साफ बताता है कि भविष्य में भी विश्वविद्यालय से ऐसे ही बड़े चेहरे निकलेंगे, जो न केवल हिमाचल का बल्कि देश का नाम विश्व पटल पर रोशन करेंगे.
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