शिमला: प्रदेश में छह मार्च से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं. परीक्षाओं में नकल रोकने को लेकर इस बार जहां सीसीटीवी कैमरों से परीक्षा केंद्रों परनज़र रखी जा रही है, वहीं नकल रोकने के लिए बनाए गए उड़नदस्तों से भी पैनी नजर एग्जाम सेंटर्स पर रखी जाएगी.
प्रदेश में बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सूबे के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने वीरवार को शिमला से वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी डीसी, एसपी, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारियों और शिक्षा उपनिदेशकों व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. जिस दौरान शिक्षा मंत्री ने सभी अधिकारियों से फीडबैक लिया और नकल रोकने के सख्त निर्देश जारी किए.
शिक्षा मंत्री ने नकल रोकने के लिए बनाए गए उड़नदस्तों को सख्त कदम उठाने को कहा और हिदायद दी कि परीक्षा केंद्रों में किसी तरह का डर छात्रों में पैदा न करें. इस बार बोर्ड की परीक्षाओं के लिए तीन स्तर के फ्लाइंग स्क्वायड बनाए जाएंगे. एक जहां शिक्षा बोर्ड अपने सत्र पर बनाएगा, दूसरा शिक्षा विभाग उप निदेशक के नेतृत्व में बनेगा और तीसरा उस क्षेत्र के एसडीएम के नेतृत्व में बनाए जाएंगे.
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि परीक्षाओं के दौरान किसी भी सूरत में नकल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जहां कहीं भी इस तरह की गतिविधियां पाई जाती हैं, वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 85 फीसदी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है. इस बार मूल्यांकन केंद्र जहां छात्रों की अंसर शीट का मूल्यांकन होगा उनकी संख्या भी बढ़ा दी गई है. इस संख्या को 31 से बड़ा कर 53 कर दिया गया है ताकि समय पर परिणाम निकाला जा सके.
शिक्षा मंत्री ने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि परीक्षा केंद्र के बाहर कानून व्यवस्था व शांति बनाए रखें. जिससे परीक्षाओं के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न घटे. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी परीक्षा केंद्र या बोर्ड से शिकायत मिलती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए.
बता दें प्रदेश भर में मार्च महीने में होने वाली परीक्षाओं के लिए प्रदेश भर में 1979 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं. जिनमें 2 लाख 35 हजार 625 छात्र बोर्ड की परीक्षा देंगे. इसमें 8वीं से लेकर 10वीं और 12वीं के छात्र शामिल होंगे. इस बार 10वीं की परीक्षा में 1 लाख 11 हजार 977 छात्र और 12वीं में 95 हजार 497 बच्चे परीक्षा देंगे.
देश की पहली महिला शिक्षिका के नाम पर बनाए गए 55 परीक्षा केंद्र
देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले के नाम पर इस बार शिक्षा विभाग ने परीक्षा केन्द्रों का नाम रखा है. प्रदेश भर में पहली बार 45 परीक्षा केंद्र सावित्री फुले के नाम से बनाए गए हैं. जिसमें परीक्षा के दौरान महिला अधिकारी कर्मचारी ही तैनात की जाएंगी. ये पहली बार है जब इस तरह की पहल शिक्षा बोर्ड ने की है.
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सावित्री फुले देश की पहली शिक्षिका थीं. उन्होंने 1848 में महाराष्ट्र में स्कूल शुरू किया था, जहां महिलाएं पढ़ती थीं. इसको देखते हुए इस बार अलग से उनके नाम पर परीक्षा केंद्रों का नाम रखा गया है.