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बोर्ड एग्जाम में नकल रोकने के लिए मास्टर प्लान तैयार, 3 लेवल पर फ्लाइंग स्क्वायड रखेंगे पैनी नजर

बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारियों  का जायजा लेने के लिए सूबे के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने वीरवार को शिमला से वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों के साथ बैठक की.

शिक्षा मंत्री ने की अधिकारियों से बैठक
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Published : Feb 14, 2019, 9:46 PM IST

शिमला: प्रदेश में छह मार्च से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं. परीक्षाओं में नकल रोकने को लेकर इस बार जहां सीसीटीवी कैमरों से परीक्षा केंद्रों परनज़र रखी जा रही है, वहीं नकल रोकने के लिए बनाए गए उड़नदस्तों से भी पैनी नजर एग्जाम सेंटर्स पर रखी जाएगी.

प्रदेश में बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सूबे के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने वीरवार को शिमला से वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी डीसी, एसपी, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारियों और शिक्षा उपनिदेशकों व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. जिस दौरान शिक्षा मंत्री ने सभी अधिकारियों से फीडबैक लिया और नकल रोकने के सख्त निर्देश जारी किए.

शिक्षा मंत्री ने की अधिकारियों से बैठक
शिक्षा मंत्री ने की अधिकारियों से बैठक
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शिक्षा मंत्री ने नकल रोकने के लिए बनाए गए उड़नदस्तों को सख्त कदम उठाने को कहा और हिदायद दी कि परीक्षा केंद्रों में किसी तरह का डर छात्रों में पैदा न करें. इस बार बोर्ड की परीक्षाओं के लिए तीन स्तर के फ्लाइंग स्क्वायड बनाए जाएंगे. एक जहां शिक्षा बोर्ड अपने सत्र पर बनाएगा, दूसरा शिक्षा विभाग उप निदेशक के नेतृत्व में बनेगा और तीसरा उस क्षेत्र के एसडीएम के नेतृत्व में बनाए जाएंगे.

शिक्षा मंत्री ने की अधिकारियों से बैठक
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सुरेश भारद्वाज ने कहा कि परीक्षाओं के दौरान किसी भी सूरत में नकल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जहां कहीं भी इस तरह की गतिविधियां पाई जाती हैं, वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 85 फीसदी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है. इस बार मूल्यांकन केंद्र जहां छात्रों की अंसर शीट का मूल्यांकन होगा उनकी संख्या भी बढ़ा दी गई है. इस संख्या को 31 से बड़ा कर 53 कर दिया गया है ताकि समय पर परिणाम निकाला जा सके.

शिक्षा मंत्री ने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि परीक्षा केंद्र के बाहर कानून व्यवस्था व शांति बनाए रखें. जिससे परीक्षाओं के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न घटे. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी परीक्षा केंद्र या बोर्ड से शिकायत मिलती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से बैठक
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से बैठक
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बता दें प्रदेश भर में मार्च महीने में होने वाली परीक्षाओं के लिए प्रदेश भर में 1979 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं. जिनमें 2 लाख 35 हजार 625 छात्र बोर्ड की परीक्षा देंगे. इसमें 8वीं से लेकर 10वीं और 12वीं के छात्र शामिल होंगे. इस बार 10वीं की परीक्षा में 1 लाख 11 हजार 977 छात्र और 12वीं में 95 हजार 497 बच्चे परीक्षा देंगे.

देश की पहली महिला शिक्षिका के नाम पर बनाए गए 55 परीक्षा केंद्र
देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले के नाम पर इस बार शिक्षा विभाग ने परीक्षा केन्द्रों का नाम रखा है. प्रदेश भर में पहली बार 45 परीक्षा केंद्र सावित्री फुले के नाम से बनाए गए हैं. जिसमें परीक्षा के दौरान महिला अधिकारी कर्मचारी ही तैनात की जाएंगी. ये पहली बार है जब इस तरह की पहल शिक्षा बोर्ड ने की है.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सावित्री फुले देश की पहली शिक्षिका थीं. उन्होंने 1848 में महाराष्ट्र में स्कूल शुरू किया था, जहां महिलाएं पढ़ती थीं. इसको देखते हुए इस बार अलग से उनके नाम पर परीक्षा केंद्रों का नाम रखा गया है.

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शिमला: प्रदेश में छह मार्च से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं. परीक्षाओं में नकल रोकने को लेकर इस बार जहां सीसीटीवी कैमरों से परीक्षा केंद्रों परनज़र रखी जा रही है, वहीं नकल रोकने के लिए बनाए गए उड़नदस्तों से भी पैनी नजर एग्जाम सेंटर्स पर रखी जाएगी.

प्रदेश में बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सूबे के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने वीरवार को शिमला से वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी डीसी, एसपी, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारियों और शिक्षा उपनिदेशकों व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. जिस दौरान शिक्षा मंत्री ने सभी अधिकारियों से फीडबैक लिया और नकल रोकने के सख्त निर्देश जारी किए.

शिक्षा मंत्री ने की अधिकारियों से बैठक
शिक्षा मंत्री ने की अधिकारियों से बैठक
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शिक्षा मंत्री ने नकल रोकने के लिए बनाए गए उड़नदस्तों को सख्त कदम उठाने को कहा और हिदायद दी कि परीक्षा केंद्रों में किसी तरह का डर छात्रों में पैदा न करें. इस बार बोर्ड की परीक्षाओं के लिए तीन स्तर के फ्लाइंग स्क्वायड बनाए जाएंगे. एक जहां शिक्षा बोर्ड अपने सत्र पर बनाएगा, दूसरा शिक्षा विभाग उप निदेशक के नेतृत्व में बनेगा और तीसरा उस क्षेत्र के एसडीएम के नेतृत्व में बनाए जाएंगे.

शिक्षा मंत्री ने की अधिकारियों से बैठक
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सुरेश भारद्वाज ने कहा कि परीक्षाओं के दौरान किसी भी सूरत में नकल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जहां कहीं भी इस तरह की गतिविधियां पाई जाती हैं, वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 85 फीसदी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है. इस बार मूल्यांकन केंद्र जहां छात्रों की अंसर शीट का मूल्यांकन होगा उनकी संख्या भी बढ़ा दी गई है. इस संख्या को 31 से बड़ा कर 53 कर दिया गया है ताकि समय पर परिणाम निकाला जा सके.

शिक्षा मंत्री ने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि परीक्षा केंद्र के बाहर कानून व्यवस्था व शांति बनाए रखें. जिससे परीक्षाओं के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न घटे. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी परीक्षा केंद्र या बोर्ड से शिकायत मिलती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से बैठक
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बता दें प्रदेश भर में मार्च महीने में होने वाली परीक्षाओं के लिए प्रदेश भर में 1979 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं. जिनमें 2 लाख 35 हजार 625 छात्र बोर्ड की परीक्षा देंगे. इसमें 8वीं से लेकर 10वीं और 12वीं के छात्र शामिल होंगे. इस बार 10वीं की परीक्षा में 1 लाख 11 हजार 977 छात्र और 12वीं में 95 हजार 497 बच्चे परीक्षा देंगे.

देश की पहली महिला शिक्षिका के नाम पर बनाए गए 55 परीक्षा केंद्र
देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले के नाम पर इस बार शिक्षा विभाग ने परीक्षा केन्द्रों का नाम रखा है. प्रदेश भर में पहली बार 45 परीक्षा केंद्र सावित्री फुले के नाम से बनाए गए हैं. जिसमें परीक्षा के दौरान महिला अधिकारी कर्मचारी ही तैनात की जाएंगी. ये पहली बार है जब इस तरह की पहल शिक्षा बोर्ड ने की है.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सावित्री फुले देश की पहली शिक्षिका थीं. उन्होंने 1848 में महाराष्ट्र में स्कूल शुरू किया था, जहां महिलाएं पढ़ती थीं. इसको देखते हुए इस बार अलग से उनके नाम पर परीक्षा केंद्रों का नाम रखा गया है.

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बोर्ड परीक्षाओं में नकल पर नकेल कसने को सरकार ने किया मास्टर प्लान तैयार , शिक्षा मंत्री ने दिए सख्त निर्देश,वीडियो कांफ्रेसिंग से लिया तैयरियों का जायजा 

शिमला:  प्रदेश में छह मार्च से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही है। परीक्षाओं में नकल रोकने को लेकर इस बार जहां सीसीटीवी कैमरों से परीक्षा केन्द्रों में नज़र रखी जा रही है वही नकल रोकने के लिए बनाए गए उड़नदस्तों से भी पैनी नज़र परीक्षा केन्द्रों पर रखी जाएगी। प्रदेश में बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारियों  का जायजा लेने के लिए शिक्षामंत्री सुरेश भारद्वाज ने वीरवार को शिमला से वीडियों कोंफ्रेसिंग से
के समस्त डीसी, एसपी, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारियों तथा शिक्षा उपनिदेशकों ओर विभाग के अधिकारियों से फीडबैक लिया और नकल रोकने के सख्त निर्देश भी जारी किए। 
शिक्षा मंत्री ने साथ ही  नकल रोकने के लिए बनाए गए उड़नदस्तों को भी सख्त कदम उठाने को कहा और हिदायद भी दी है कीपरीक्षा केन्द्रों में किसी तरह का डर छात्रों में पैदा न करें। इस बार बोर्ड की परीक्षाओं के लिए तीन स्तर के  फ़्लाइंग स्क्वैड बनाए जाएंगे। एक जहां शिक्षा बोर्ड अपने सत्र पर बनाएगा वहीं दूसरी शिक्षा विभाग उप निदेशक के नेतृत्व में बनेगा और जबकि तीसरी उस क्षेत्र के एसडीएम के  नेतृत्व में बनाए जाएंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा की परीक्षाओं के दौरान किसी भी सूरत में नकल को बर्दास्त किया जाएगा और जहां इस तरह की गतिविधियां पाई जाती है वहां पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 
 शिक्षा मंत्री ने कहा की प्रदेश के 85 फीसदी परीक्षा केन्द्रों में सीसीटीवी  कैमरों से नजर रखी जा रही है  और इस बार मूल्यांकन केंद्रों जहां छात्रों की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन होगा उनकी संख्या भी बड़ा दी गई है। इस संख्या को 31 से बड़ा कर 53 कर दिया गया ताकि समय पर परिणाम निकला जा सके।
 शिक्षा मंत्री ने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि परीक्षा केंद्र के बाहर कानून व्यवस्था तथा शांति बनाए रखें ताकि परीक्षाओं के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित न हो। यदि किसी परीक्षा केंद्र या बोर्ड से शिकायत मिलती है तो उसे पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
बता दे प्रदेश भर में मार्च महीने में होने वाली परीक्षाओं के लिए प्रदेश भर में 1979 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें 2 लाख 35 हजार 625 छात्र बोर्ड की परीक्षा देंगे। इसमें 8वीं से लेकर 10वीं और 12वीं के छात्र शामिल होंगे। इस बार 10वीं की परीक्षा में 1 लाख 11 हज़ार 977 छात्र और 12वीं में 95 हज़ार 497 बच्चे परीक्षा देंगे। 

देश की पहली महिला शिक्षिका के नाम पर प्रदेश में पहली बार बनाए गए 55  परीक्षा केंद्र 

देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले के नाम पर इस बार शिक्षा विभाग ने परीक्षा केन्द्रों का नाम रखा है। प्रदेश भर में पहली बार 45  परीक्षा  केंद्र सावित्री फुले के नाम से बनाए गए है जिसमें परीक्षा के दौरान  महिला अधिकारी कर्मचारी ही तैनात की जाएंगी। ये पहली बार है जब इस तरह की  पहल शिक्षा बोर्ड ने की है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा की  सावित्री फुले  देश की पहली शिक्षका थी  और उन्होंने 1848  में महाराष्ट्र में स्कूल शुरू किया था जहां महिलाएं पढ़ती थी इसको देखते हुए इस बार अलग से उनके नाम पर  परीक्षा केन्द्रों का नाम रखा गया है। 
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