शिमला: प्रदेश के स्कूलों में बोर्ड की परीक्षाओं में अब छात्रों का आकलन उनकी योग्यता के अनुसार ही होगा. इसके लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड कक्षाओं के प्रश्न पत्र के पैटर्न में बदलाव करने की तैयारी में है.
ये बदलाव इस आधार पर किया जाएगा कि पढ़ाई में एवरेज से लेकर टॉप तक के बच्चे का परीक्षाओं का आकलन सही तरीके से हो सके. इसके लिए प्रश्न पत्र की सीरीज तो पहले की तरह ही रहेगी, लेकिन प्रश्न पत्र में प्रश्नों को डालने का पैटर्न बदला जाएगा. नए पैटर्न के तहत ए,बी,सी, सीरीज में आसान सवालों से लेकर कठिन सवाल पूछे जाएंगे.
बोर्ड के लिए जो प्रश्न पत्र तैयार होंगे उसमें 40 फीसदी प्रश्न आसान होंगे जबकि 40 फीसदी सामान्य स्तर के और बाकी 20 प्रतिशत कठिन सवाल डाले जाएंगे. हर प्रश्न पत्र की सीरीज का पैटर्न इसी आधार पर रहेगा, जिससे कि पढ़ाई में कमजोर बच्चा और पढ़ाई में एवरेज बच्चे के साथ ही जो बच्चा पढ़ाई में ज्यादा बेहतर है. उसका आकलन इस प्रश्न पत्र के पैटर्न के आधार पर आसानी से और सही तरीके से हो पाएगा.
हर सीरीज में इन प्रश्नों को कॉमिनेशन के रूप में डाला जाएगा ताकि छात्र आसानी से इन सवालों को हल कर सके. हर एक सीरीज के प्रश्न पत्र में प्रश्नों का कॉमिनेशन इस तय पैटर्न के आधार पर ही बन सके इसके लिए पहले ही एक प्रश्न बैंक शिक्षकों की ओर से तैयार किया जाएगा. ये प्रश्न बैंक उसी आधार पर बनाया जाएगा जिसमें आसान से लेकर सामान्य और कठिन प्रश्न शामिल किए जाएंगे. इसके बाद इसी क्वेश्चन बैंक का सहारा लेकर बोर्ड परीक्षाओं के लिए ए,बी,सी सीरीज के प्रश्न पत्र तैयार किए जाएंगे.
बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों में पैटर्न के बदलाव की बात करते हुए स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेश सोनी ने कहा कि छात्रों के साथ ही शिक्षकों की भी एनसीईआरटी के सिलेबस को लेकर ओरियंटेशन करना जरूरी है. एनसीईआरटी का सिलेबस ऐसा सिलेबस है जिससे नीट और अन्य परिक्षाओं का सिलेबस भी आता है. ऐसे में ये सिलेबस छात्रों के लिए मददगार है. ऐसे में ये जरुरी है कि छात्रों को एप्लिकेशन बेस्ड और न्यूमेरिकल बेस्ड प्रश्नों को सॉल्व करना सिखाया जाए. बोर्ड की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र एनसीईआरटी की किताबों तैयार किए जाएंगे.
बढ़ाया गया है परीक्षाओं के मूल्यांकन का मानदेय
बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि कि शिक्षक शिक्षकों को बोर्ड की परीक्षाओं के मूल्यांकन को लेकर मानदेय भी बढ़ा दिया गया है. इससे पहले शिक्षकों को 1800 से 2300 कर दिया गया है. पहले जहां 1200 से 1500 रुपए दिए जाते थे अब उसे बढ़ा दिया गया है. इसके साथ ही स्कूल प्रिंसिपल में निरीक्षक के तौर पर नहीं जा सकेंगे. ये बदलाव बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए लिए गए हैं.
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