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हिमाचल एसएमसी अध्यापक संघ ने सरकार को दी चेतावनी, यहां जानिए आखिर क्या है वजह

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Published : Feb 3, 2022, 4:11 PM IST

हिमाचल में एसएमसी अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राजधानी शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसएमसी अध्यापक संघ (himachal teachers federation) के प्रदेश अध्यक्ष मनोज रोंगटा ने कहा कि प्रदेश के दुर्गम इलाकों में कार्यरत 2255 एसएमसी अध्यापकों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार 13 फरवरी तक एसएमसी अध्यापकों को लेकर स्पष्टीकरण नहीं देती है तो 14 फरवरी को एसएमसी अध्यापक संघ परिवार सहित सचिवालय का घेराव करेगा.

Press conference of State President of SMC Teachers Association
एसएमसी अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस

शिमला: जैसे-जैसे हिमाचल में विधानसभा चुनाव (Himachal assembly elections 2022) नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सभी संगठन सक्रिय हो रहे हैं. विभिन्न संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की धमकी दे रहे हैं. इसी कड़ी में अब एसएमसी अध्यापकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एसएमसी अध्यापक संघ (SMC Teachers Association Himachal) ने सरकार से 13 फरवरी तक नियमित करने को लेकर लिखित में आश्वासन देने की मांग की है.

एसएमसी अध्यापक संघ का कहना है कि अगर सरकार 13 फरवरी तक एसएमसी अध्यापकों को लेकर स्पष्टीकरण नहीं देती है तो 14 फरवरी को एसएमसी अध्यापक संघ परिवार सहित सचिवालय का घेराव करेगा और अगर फिर भी सरकार ने नीति नहीं बनाई तो क्रमिक और आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

एसएमसी अध्यापक संघ ने सरकार को दी चेतावनी.
राजधानी शिमला में पत्रकार वार्ता कर एसएमसी अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज रोंगटा ने कहा कि प्रदेश के दुर्गम इलाकों में कार्यरत 2255 एसएमसी अध्यापकों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है. उन्होंने कहा कि टीए, पेट और पैरा अध्यापकों के लिए सरकार ने नियमित करने की नीति बनाई है, जबकि एमएमसी को केवल आश्वासन ही मिले हैं. उन्होंने कहा कि सरकार एसएमसी अध्यापकों को नियमित करने को लेकर स्पष्टीकरण दे अन्यथा अध्यापक सड़कों पर आने को मजबूर होंगे.

ये भी पढ़ें: जज्बा: मंडी में छात्रों के वैक्सीनेशन के लिए बर्फ में 6 किमी पैदल चली हेल्थ वर्कर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने शेयर किया वीडियो

बता दें कि वर्ष 2012 में एसएमसी अध्यापकों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन 10 वर्ष सेवाएं देने के बावजूद भी इनको नियमित करने को लेकर सरकार ने कोई नीति नहीं बनाई है. यही वजह है कि एसएमसी शिक्षक संघ ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को एक बार फिर से अल्टीमेटम दिया है.

ये भी पढ़ें: एसएमसी अध्यापकों के मुद्दे पर सरकार गंभीर, शिक्षा मंत्री ने कहा जल्द होगा समाधान

शिमला: जैसे-जैसे हिमाचल में विधानसभा चुनाव (Himachal assembly elections 2022) नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सभी संगठन सक्रिय हो रहे हैं. विभिन्न संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की धमकी दे रहे हैं. इसी कड़ी में अब एसएमसी अध्यापकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एसएमसी अध्यापक संघ (SMC Teachers Association Himachal) ने सरकार से 13 फरवरी तक नियमित करने को लेकर लिखित में आश्वासन देने की मांग की है.

एसएमसी अध्यापक संघ का कहना है कि अगर सरकार 13 फरवरी तक एसएमसी अध्यापकों को लेकर स्पष्टीकरण नहीं देती है तो 14 फरवरी को एसएमसी अध्यापक संघ परिवार सहित सचिवालय का घेराव करेगा और अगर फिर भी सरकार ने नीति नहीं बनाई तो क्रमिक और आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

एसएमसी अध्यापक संघ ने सरकार को दी चेतावनी.
राजधानी शिमला में पत्रकार वार्ता कर एसएमसी अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज रोंगटा ने कहा कि प्रदेश के दुर्गम इलाकों में कार्यरत 2255 एसएमसी अध्यापकों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है. उन्होंने कहा कि टीए, पेट और पैरा अध्यापकों के लिए सरकार ने नियमित करने की नीति बनाई है, जबकि एमएमसी को केवल आश्वासन ही मिले हैं. उन्होंने कहा कि सरकार एसएमसी अध्यापकों को नियमित करने को लेकर स्पष्टीकरण दे अन्यथा अध्यापक सड़कों पर आने को मजबूर होंगे.

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बता दें कि वर्ष 2012 में एसएमसी अध्यापकों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन 10 वर्ष सेवाएं देने के बावजूद भी इनको नियमित करने को लेकर सरकार ने कोई नीति नहीं बनाई है. यही वजह है कि एसएमसी शिक्षक संघ ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को एक बार फिर से अल्टीमेटम दिया है.

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