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माइनिंग घोटाला से 100 करोड़ का नुकसान, बिना लीज के चल रहे थे 63 क्रशर, पूर्व की भाजपा सरकार रही आंखे मूंदे: सीएम सुक्खू

Himachal Minning Scam: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने माइनिंग घोटाले को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा प्रदेश में 63 स्टोन क्रशर बिना अनुमति के चल रहे थे, जिन्होंने किसी भी प्रकार की रॉयल्टी सरकार को नहीं दी. जिससे राज्य सरकार को 100 करोड़ का नुकसान हुआ है. 5 साल तक 63 क्रशर बिना अनुमति के प्रदेश में चलते रहे, लेकिन पूर्व की भाजपा सरकार आंखें मूंदे रही. पढ़िए पूरी खबर...

Himachal Minning Scam
सीएम सुक्खू का भाजपा पर हमला
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 20, 2023, 4:01 PM IST

Updated : Nov 20, 2023, 5:28 PM IST

सीएम सुक्खू का भाजपा पर हमला

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्टोन क्रशर का बड़ा घोटाला सामने आया है. प्रदेश में बीते 5 सालों से 63 के करीब स्टोन क्रशर बिना लीज के चल रहे थे, जिससे सरकार को करीब 100 करोड़ से अधिक का चूना लगा है. इन स्टोन क्रशर द्वारा कोई भी रॉयल्टी उद्योग विभाग को नहीं दी गई. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मामले को लेकर सख्ती दिखाई है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को मामले में कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने पूर्व की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा 5 सालों से प्रदेश में अवैध रूप से 63 स्टोन क्रशर चल रहे थे और पूर्व की भाजपा सरकार आंखें मूंदी रही.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा "आपदा के दौरान स्टोन क्रशर को लेकर हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था. उसने अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें ब्यास बेसिन में कुल्लू, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिले में करीब 131 स्टोन क्रशर पाए गए. इसमें हैरानी की बात यह है कि 63 स्टोन क्रशर के पास लीज ही नहीं थी. पूर्व की भाजपा सरकार ने आंखें मूंद रखी थी और बिना लीज के ही प्रदेश में स्टोन क्रशर चल रहे थे. यह माइनिंग का बहुत बड़ा घोटाला है. बीते पांच साल में प्रदेश को 50 से 100 करोड़ का नुकसान इसकी वजह से हुआ है. अभी केवल 4 जिलों में ही स्टोन क्रशर की जांच की गई है और उसमें ही इतने क्रशर बिना अनुमति के चल रहे थे, अन्य जिलों में भी देखा जाएगा कि जो क्रशर चल रहे हैं, उनके पास लीज है यहां नहीं है"

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने "कहा प्रदेश में कई स्टोन क्रशर बगैर लीज लिए या लीज एक्सपायर होने के बाद भी चलाए जा रहे थे. इसके अलावा कई स्टोन क्रशर जनरेटर के जरिए चलाए जा रहे थे, जिससे हिमाचल प्रदेश सरकार को मिलने वाली रॉयल्टी का बड़ा नुकसान हुआ. क्रशर संचालन में घोटाला होने की बात सामने आई है. अभी केवल चार जिलों में क्रशर की जांच हुई है. अब प्रदेश सरकार उद्योग विभाग की निगरानी में अन्य जिलों में भी क्रशर संचालन की जांच की जाएगी. वहीं, जनरेटर के जरिए क्रशर चलाने पर उन्होंने भारी पेनाल्टी लगाने के संकेत दिए हैं."

वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री कार्यालय से राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत ई-टैक्सी योजना की शुरुआत की. योजना के तहत प्रदेश सरकार ने राज्य के युवा बेरोजगारों को 50% सब्सिडी देने के साथ टैक्सी के लिए इलेक्ट्रिकल व्हीकल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. ताकि प्रदेश में ई-व्हीकल को बढ़ावा दिया जा सके. मुख्यमंत्री ने योजना की शुरुआत करते हुए इसे प्रदेश को हरित राज्य बनाने की ओर एक बड़ा कदम बताया.

इस दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा हिमाचल को देश के पहले हरित राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसी कड़ी में ई-टैक्सी योजना की शुरुआत की जा रही है, जिसमें प्रदेश के युवाओं के लिए 50% सब्सिडी के साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने की योजना है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इन ई-टैक्सी को सरकारी कार्यालयों के बेड़े में भी शामिल करने का प्रावधान किया जाएगा. वहीं उन्होंने बताया कि अगले चरणों में सौर ऊर्जा विकसित करने जैसी कई दूसरी योजनाएं भी लाई जाएगी. जिसमें एक तरफ युवाओं को रोजगार मिलेगा तो दूसरी ओर प्रदेश की जलवायु का संरक्षण भी किया जा सकेगा.

वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने राजस्व विभाग से जुड़े मामलों पर कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश में पहली बार तेजी से इंतकाल के मामलों को निपटारा किया है. सरकार जल्द ही इंतकाल अदालतों के माध्यम से प्रदेश में इंतकाल के जीरो मामले होने का लक्ष्य प्राप्त कर लेगी. इसके बाद पार्टीशन और म्यूटेशन को लेकर जुड़े मामलों के लिए भी सरकार इसी आधार पर अदालतें चलायेंगी. इस दौरान सीएम ने पूर्व भाजपा सरकार के जनमंच कार्यक्रम पर प्रहार करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार पूर्व सरकार की तरह सार्वजनिक कार्यक्रमों में अधिकारियों को डांट फटकार लगाने का काम नहीं करेगी. जिस तरह पूर्व भाजपा सरकार जनमंच कार्यक्रमों में किया करती थी मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसे आजादी के बाद सबसे बड़ा व्यवस्था परिवर्तन बताया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के युवाओं के लिए खुशखबरी, खुलेगा नौकरियों का पिटारा, विभिन्न विभागों में भरे जाएंगे 15 हजार पद

सीएम सुक्खू का भाजपा पर हमला

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्टोन क्रशर का बड़ा घोटाला सामने आया है. प्रदेश में बीते 5 सालों से 63 के करीब स्टोन क्रशर बिना लीज के चल रहे थे, जिससे सरकार को करीब 100 करोड़ से अधिक का चूना लगा है. इन स्टोन क्रशर द्वारा कोई भी रॉयल्टी उद्योग विभाग को नहीं दी गई. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मामले को लेकर सख्ती दिखाई है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को मामले में कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने पूर्व की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा 5 सालों से प्रदेश में अवैध रूप से 63 स्टोन क्रशर चल रहे थे और पूर्व की भाजपा सरकार आंखें मूंदी रही.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा "आपदा के दौरान स्टोन क्रशर को लेकर हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था. उसने अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें ब्यास बेसिन में कुल्लू, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिले में करीब 131 स्टोन क्रशर पाए गए. इसमें हैरानी की बात यह है कि 63 स्टोन क्रशर के पास लीज ही नहीं थी. पूर्व की भाजपा सरकार ने आंखें मूंद रखी थी और बिना लीज के ही प्रदेश में स्टोन क्रशर चल रहे थे. यह माइनिंग का बहुत बड़ा घोटाला है. बीते पांच साल में प्रदेश को 50 से 100 करोड़ का नुकसान इसकी वजह से हुआ है. अभी केवल 4 जिलों में ही स्टोन क्रशर की जांच की गई है और उसमें ही इतने क्रशर बिना अनुमति के चल रहे थे, अन्य जिलों में भी देखा जाएगा कि जो क्रशर चल रहे हैं, उनके पास लीज है यहां नहीं है"

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने "कहा प्रदेश में कई स्टोन क्रशर बगैर लीज लिए या लीज एक्सपायर होने के बाद भी चलाए जा रहे थे. इसके अलावा कई स्टोन क्रशर जनरेटर के जरिए चलाए जा रहे थे, जिससे हिमाचल प्रदेश सरकार को मिलने वाली रॉयल्टी का बड़ा नुकसान हुआ. क्रशर संचालन में घोटाला होने की बात सामने आई है. अभी केवल चार जिलों में क्रशर की जांच हुई है. अब प्रदेश सरकार उद्योग विभाग की निगरानी में अन्य जिलों में भी क्रशर संचालन की जांच की जाएगी. वहीं, जनरेटर के जरिए क्रशर चलाने पर उन्होंने भारी पेनाल्टी लगाने के संकेत दिए हैं."

वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री कार्यालय से राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत ई-टैक्सी योजना की शुरुआत की. योजना के तहत प्रदेश सरकार ने राज्य के युवा बेरोजगारों को 50% सब्सिडी देने के साथ टैक्सी के लिए इलेक्ट्रिकल व्हीकल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. ताकि प्रदेश में ई-व्हीकल को बढ़ावा दिया जा सके. मुख्यमंत्री ने योजना की शुरुआत करते हुए इसे प्रदेश को हरित राज्य बनाने की ओर एक बड़ा कदम बताया.

इस दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा हिमाचल को देश के पहले हरित राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसी कड़ी में ई-टैक्सी योजना की शुरुआत की जा रही है, जिसमें प्रदेश के युवाओं के लिए 50% सब्सिडी के साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने की योजना है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इन ई-टैक्सी को सरकारी कार्यालयों के बेड़े में भी शामिल करने का प्रावधान किया जाएगा. वहीं उन्होंने बताया कि अगले चरणों में सौर ऊर्जा विकसित करने जैसी कई दूसरी योजनाएं भी लाई जाएगी. जिसमें एक तरफ युवाओं को रोजगार मिलेगा तो दूसरी ओर प्रदेश की जलवायु का संरक्षण भी किया जा सकेगा.

वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने राजस्व विभाग से जुड़े मामलों पर कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश में पहली बार तेजी से इंतकाल के मामलों को निपटारा किया है. सरकार जल्द ही इंतकाल अदालतों के माध्यम से प्रदेश में इंतकाल के जीरो मामले होने का लक्ष्य प्राप्त कर लेगी. इसके बाद पार्टीशन और म्यूटेशन को लेकर जुड़े मामलों के लिए भी सरकार इसी आधार पर अदालतें चलायेंगी. इस दौरान सीएम ने पूर्व भाजपा सरकार के जनमंच कार्यक्रम पर प्रहार करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार पूर्व सरकार की तरह सार्वजनिक कार्यक्रमों में अधिकारियों को डांट फटकार लगाने का काम नहीं करेगी. जिस तरह पूर्व भाजपा सरकार जनमंच कार्यक्रमों में किया करती थी मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसे आजादी के बाद सबसे बड़ा व्यवस्था परिवर्तन बताया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के युवाओं के लिए खुशखबरी, खुलेगा नौकरियों का पिटारा, विभिन्न विभागों में भरे जाएंगे 15 हजार पद

Last Updated : Nov 20, 2023, 5:28 PM IST
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