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Rampur Bridge Damaged: 'मौत का पुल' पार करने को मजबूर ग्रामीण, अनजान बन बैठे हैं अधिकारी, विकास के दावों की देखिए जमीनी हकीकत! - शिमला मौत का पुल पार करने को मजबूर ग्रामीण

शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में सतलुज नदी पर बना पुल क्याओ और कुट पंचायत को जोड़ता है, जो पिछले दिनों आई आपदा में एक तरफ से बुरी क्षतिग्रस्त हो चुका है, लेकिन शासन-प्रशासन इसकी सुध नहीं ले रहा है. ऐसे में यहां के ग्रामीण जान हथेली पर रख कर पुल पार करने को मजबूर हैं. पढ़िए पूरी खबर...(Rampur Bridge Damaged) (Disaster Himachal) (Himachal Rampur Bridge damaged)

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'मौत का पुल' पार करने को मजबूर ग्रामीण
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 17, 2023, 5:13 PM IST

Updated : Oct 17, 2023, 6:07 PM IST

'मौत का पुल' पार करने को मजबूर ग्रामीण

रामपुर: हिमाचल प्रदेश में आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां के लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए सालों से विकास की बाट जोह रहे हैं. जबकि सरकार प्रदेश में विकास कार्यों को लेकर लाखों दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. यकीन न आए तो जरा इन तस्वीरों को देख लीजिए. ये है शिमला जिला का रामपुर उपमंडल. जहां क्याओ और कुट पंचायत को जोड़ने वाले पुल की हालत देखकर आप भी इसे 'मौत का पुल' कह उठेंगे. वहीं, इस 'मौत के पुल' को हर रोज ग्रामीण पार करके आवाजाही करने को मजबूर हैं.

बता दें कि रामपुर उपमंडल के अंतर्गत आने वाली क्याओ और कुट पंचायत को जोड़ने वाले पुल की हालत जर्जर हो चुकी है. यह पुल सतलुज नदी के ऊपर बनाया गया है, लेकिन पिछले दिनों आई आपदा में यह पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. जिसकी वजह से अब ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर पुल को पार करना पड़ रहा है.

ग्रामीणों ने बताया कि क्याओ पुल सतलुज नदी पर बना है, लेकिन बीते दिनों प्रदेश में आई आपदा और भारी भूस्खलन के कारण यह पुल एक तरफ से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. जिससे पुल टूटने की कगार पर है. इस पुल से दो पंचायतों के लोग हर दिन सफर करते हैं. पुल की हालत बीते महीनों से काफी जर्जर हो चुकी है. ऐसे में यहां से गुजरने वाले ग्रामीणों के जान पर खतरा बना रहता है.

पुल डैमेज होने की वजह से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि यह एक मात्र पुल है, जिसके सहारे से वह सतलुज नदी को पार कर रामपुर मुख्यालय पहुंचते हैं. यह पुल यहां के ग्रामीणों के लिए आसान और सुरक्षित रास्ता हुआ करता था, ऐसे में अगर यह क्षतिग्रस्त पुल टूटता है तो उन्हें दूसरे रास्ता से जाना पड़ेगा, जिससे ग्रामीणों के कार्य प्रभावित होंगे.

ग्रामीणों का कहना है कि यह पुल कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है. जिससे ग्रामीणों का पुल से आना जाना पूरी तरह से बंद हो सकता है. ऐसे में ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार से आग्रह किया है कि इसका मरम्मत कार्य समय पर किया जाए. ताकि ग्रामीणों को आने जाने में कोई परेशानी न हो और यहां पर किसी भी प्रकार का कोई हादसा न हो. वहीं, इस पुल के बारे में लोक निर्माण विभाग रामपुर के अधिशासी अभियंता रजनीश ने से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया उनके पास इसकी कोई जानकारी नहीं है. उन्हें नहीं पता कि क्याओ में कोई पुल क्षतिग्रस्त हो रहा है.

ये भी पढ़ें: Cement Price Himachal: हिमाचल में फिर बढ़े सीमेंट के दाम, अब प्रति बैग देने होंगे इतने रुपये

'मौत का पुल' पार करने को मजबूर ग्रामीण

रामपुर: हिमाचल प्रदेश में आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां के लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए सालों से विकास की बाट जोह रहे हैं. जबकि सरकार प्रदेश में विकास कार्यों को लेकर लाखों दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. यकीन न आए तो जरा इन तस्वीरों को देख लीजिए. ये है शिमला जिला का रामपुर उपमंडल. जहां क्याओ और कुट पंचायत को जोड़ने वाले पुल की हालत देखकर आप भी इसे 'मौत का पुल' कह उठेंगे. वहीं, इस 'मौत के पुल' को हर रोज ग्रामीण पार करके आवाजाही करने को मजबूर हैं.

बता दें कि रामपुर उपमंडल के अंतर्गत आने वाली क्याओ और कुट पंचायत को जोड़ने वाले पुल की हालत जर्जर हो चुकी है. यह पुल सतलुज नदी के ऊपर बनाया गया है, लेकिन पिछले दिनों आई आपदा में यह पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. जिसकी वजह से अब ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर पुल को पार करना पड़ रहा है.

ग्रामीणों ने बताया कि क्याओ पुल सतलुज नदी पर बना है, लेकिन बीते दिनों प्रदेश में आई आपदा और भारी भूस्खलन के कारण यह पुल एक तरफ से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. जिससे पुल टूटने की कगार पर है. इस पुल से दो पंचायतों के लोग हर दिन सफर करते हैं. पुल की हालत बीते महीनों से काफी जर्जर हो चुकी है. ऐसे में यहां से गुजरने वाले ग्रामीणों के जान पर खतरा बना रहता है.

पुल डैमेज होने की वजह से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि यह एक मात्र पुल है, जिसके सहारे से वह सतलुज नदी को पार कर रामपुर मुख्यालय पहुंचते हैं. यह पुल यहां के ग्रामीणों के लिए आसान और सुरक्षित रास्ता हुआ करता था, ऐसे में अगर यह क्षतिग्रस्त पुल टूटता है तो उन्हें दूसरे रास्ता से जाना पड़ेगा, जिससे ग्रामीणों के कार्य प्रभावित होंगे.

ग्रामीणों का कहना है कि यह पुल कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है. जिससे ग्रामीणों का पुल से आना जाना पूरी तरह से बंद हो सकता है. ऐसे में ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार से आग्रह किया है कि इसका मरम्मत कार्य समय पर किया जाए. ताकि ग्रामीणों को आने जाने में कोई परेशानी न हो और यहां पर किसी भी प्रकार का कोई हादसा न हो. वहीं, इस पुल के बारे में लोक निर्माण विभाग रामपुर के अधिशासी अभियंता रजनीश ने से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया उनके पास इसकी कोई जानकारी नहीं है. उन्हें नहीं पता कि क्याओ में कोई पुल क्षतिग्रस्त हो रहा है.

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Last Updated : Oct 17, 2023, 6:07 PM IST
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