शिमला: कांग्रेस सरकार ने पूर्व जयराम सरकार का एक और फैसला पलट दिया है. बिजली विभाग और जल विभाग के बाद अब नई सरकार ने हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तहत 1 अप्रैल 2022 के बाद नए खोले और अपग्रेड किए गए स्वास्थ्य संस्थानों को डिनोटीफाई कर दिया है. (himachal pradesh govt decision) (Sukhu Govt denotified health institutions)
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव सुभाशीष पांडा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. आदेशों में यह स्पष्ट किया गया है कि हिमाचल प्रदेश में 1 अप्रैल 2022 के बाद खोले गए नए स्वास्थ्य संस्थान और अपग्रेड किए गए स्वास्थ्य संस्थान डिनोटीफाई किए जाते हैं. (Himachal Health Department) (Sukhu govt denotifies newly opened health institutions)
पहले 32 बिजली बोर्ड के दफ्तर किए थे डिनोटिफाई: इससे पहले सोमवार को हिमाचल की सुक्खू सरकार ने बिजली बोर्ड के भी 32 दफ्तर डिनोटिफाई किए थे. बिजली बोर्ड की ओर से इसे लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दी गई है. जिन 32 दफ्तरों को डिनोटिफाई किया है, उनमें तीन ऑपरेशन सर्कल, 12 डिवीजन और 17 सब डिवीजन शामिल हैं. जो ऑपरेशन सर्कल बंद किए गए हैं उनमें धर्मपुर, नूरपर और भवारना शामिल हैं. 12 इलेक्ट्रिक डिवीजन (ईडी) बंद होने वालों में शिलाई, सराहां, संगढ़ाह, सुजानपुर, थुनाग, नागनी में दावी-मरहू मुंडी, भाबानगर, तिस्सा, हरोली, बाथाहर बंजार, थानाकलां, भोरंज शामिल हैं. (Electricity board offices denotified mandi) (Sukhu govt denotifies 32 electricity offices) (Sukhu govt denotifies health institutions)
डिनोटिफाई होने वाले 17 सब डिवीजनों में शिलाई ईडी के अधीन कोफ्टा, पांवटा साहिब के तहत संतोषगढ़, राजगढ़ ईडी के तहत चंदोल, सोलन ईडी के चायल, संगड़ाहा ईडी के तहत संगड़ाहा, हरिपुरधार, शिमला ईडी के तहत शोघी, सुजानपुर ईडी के तहत जंगलबेरी और छबुट्टा, थुनाग ईडी के तहत थुनाग, बागाचनोगी, तीरा ईडी के तहत नकरोड, रामपुर ईडी के तहत निरथ, भोरंज के ईडी लदरौर, ईडी घुमारवीं के तहत जेजवीन शामिल हैं. (Sukhu govt denotifies newly opened electricity offices)
कर्मचारियों ने सरकार के फैसले को सराहा: बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार के इस फैसले को सराहा है. हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड़ इम्प्लॉइज यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा और महासचिव हीरा लाल वर्मा ने प्रदेश सरकार द्वारा चुनाव से पहले बिजली बोर्ड में राजनीतिक दृष्टिकोण से खोले गए कार्यालयों को डिनोटिफाइ करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया है. यूनियन के महासचिव हीरालाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड में चुनावों से पहले पिछ्ली सरकार द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए 3 आपरेशन सर्कल, 12 डिविजन, 17 सब डिविजन खोले गए, जिनकी अन्यथा बोर्ड में जरूरत ही नहीं थी. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के अभाव के चलते इन कार्यालयों के खोलने से उपभोक्ताओं को दी जा रही सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही थी.(HPSEB electrical divisions denotified).
कर्मचारियों नेताओं ने कहा कि आज जहां बिजली बोर्ड बड़े वितीय संकट से गुजर रहा है, वहीं बिजली बोर्ड कर्मचारियों की भारी कमी से जुझ रहा है, ऐसे में इन कार्यालयों के खोलने से बोर्ड की वितीय स्थिति और बिगड़नी थी. इन 32 कार्यालयों को डिनोटिफाई करने से बिजली बोर्ड को बहुत बड़ी राहत मिलेगी. ऐसे में सरकार के इस फैसले का कर्मचारी स्वागत करते हैं.
बीजेपी ने बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया : उधर बीजेपी सरकार के फैसले पलटे जाने पर सत्ता से विपक्ष में पहुंची बीजेपी ने नई नवेली कांग्रेस सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया है. पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकार के आखिरी 9 महीनों का रिव्यू करना और फैसले रद्द करना दुर्भाग्यपूर्ण है. बीजेपी नेता ने भी सुक्खू सरकार पर राजनीतिक द्वेष की भावना से काम करने का आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी की सरकार ने 5 साल बिना भेदभाव के काम किया लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आते ही पूर्व सरकार द्वारा जनहित में लिए गए फैसलों को पलट दिया है.