शिमला: कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए हिमाचल सरकार ने टीकाकरण पर जोर देना शुरू कर दिया है. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वैक्सीन केंद्रों पर लोगों की भीड़ जुट रही है. सुबह 10 बजे से 4 बजे तक लोग अपनी बारी का इंतजार कर टीकाकरण केंद्रों पर कर रहे हैं. इसी बीच हिमाचल के लिए एक राहत भरी खबर है.
स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक डॉ रमेश चंद ने कहा कि महामारी से निपटने के लिए टीकाकरण ही कारगर उपाय है. हिमाचल को भारत सरकार के माध्यम से बुधवार को कोविशिल्ड वैक्सीन की 50 हजार वैक्सीन और मिली हैं. सरकार ने सिरम संस्थान को कोविशील्ड वैक्सीन की 1 लाख 7 हजार 620 खुराक की आपूर्ति के लिए 3.39 करोड़ का भुगतान कर दिया है. इसकी जल्द आपूर्ति होने की उम्मीद है. वैक्सीन मिलते ही 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग का टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा.
14 से 30 अप्रैल तक कोविड से 362 लोगों की मौत
जानकारी के अनुसार हिमाचल में 14 से 30 अप्रैल तक कोविड से 362 लोगों की मौत हुई हैं. इनमें 67 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने वैक्सीन की पहली खुराक ली थी. केवल मात्र 2 ऐसे लोग हैं, जिनकी मौत वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद हुई है. मौत के दोनों मामलों में एक व्यक्ति की मृत्यु वैक्सीन लगवाने के 4 दिन बाद, जबकि दूसरे व्यक्ति की मृत्यु वैक्सीन लेने के 16 दिन बाद हुई है. पता चला है कि दोनों व्यक्ति टीकाकरण के बाद प्रभावी इम्यूनिटी विकसित होने से पहले ही कोरोना से संक्रमित हो गए थे.
कोविड वैक्सीनेशन में हिमाचल आगे
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने कहा कि राज्य में 91.9 प्रतिशत स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं (एचसीडब्ल्यू) को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है, जबकि राष्ट्रीय औसत 88.7 प्रतिशत है. प्रदेश में वैक्सीन की दूसरी खुराक 90.3 प्रतिशत स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को दी है, जिसका राष्ट्रीय औसत 79.1 प्रतिशत है.
टीकाकरण के लिए प्रयास तेज
45 वर्ष से अधिक जनसंख्या वर्ग में वैक्सीन की पहली खुराक 78 प्रतिशत लोगों को दी गई है, जबकि राष्ट्रीय औसत 30 प्रतिशत है. पात्र लोगों का टीकाकरण जल्द करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
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