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हिमाचल प्रदेश: मानसून सीजन में अब तक 8,678 करोड़ का नुकसान, 60 सड़कें अभी भी बंद, 426 लोगों की गई जान

हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में अब तक 8,678 करोड़ का नुकसान हो चुका है. वहीं, 426 लोगों की जानें भी गई है. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Monsoon Loss).

Himachal Monsoon Loss
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 11, 2023, 9:48 PM IST

शिमला: प्रदेश में इस बार मानसून की बारिश ने भारी तबाही मचाई है. प्रदेश में सरकारी व निजी संपत्तियों के साथ-साथ अबकी बार भारी जानी नुकसान भी है. प्रदेश में अब तक 8,678 करोड़ का नुकसान हुआ है, जबकि 426 लोगों की जानें भी गई है. प्रदेश में बड़ी संख्या में सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं और लोक निर्माण विभाग सड़कों की बहाली के काम में जुटा हुआ है. अभी भी 60 सड़कें बंद हैं जिनको खोलने का काम जारी है.

मानसून सीजन में बारिश से नुकसान 8678 करोड़ तक पहुंच गया है. मौसम साफ होने के बाद अब सरकारी मशीनरी भी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. प्रदेश में मानसून सीजन में अब तक 426 लोगों की मौत हुई है, जबकि 427 लोग जख्मी भी हुए हैं. इसके अलावा 39 लोग लापता हुए हैं. इस बार पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश में 6428 मवेशियों की मौत इस बार हुई है.

13,540 परिवारों के आशियाने बारिश में क्षतिग्रस्त: मानसून सीजन में अबकी बार हजारों रिहायशी व अन्य मकान भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13540 परिवारों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2575 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए, जबकि 10965 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 318 दुकानें और 5797 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आकर ढह गईं.

बारिश से 8678 करोड़ का नुकसान: मानसून सीजन में बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी भी क्षति हुई है. राज्य में अब तक 8678 करोड़ का नुकसान आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2941 करोड़ की क्षति आंकी गई हैं. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. लोक निर्माण विभाग क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली के काम में जुटा है, इसके बावजूद 60 सड़कें अभी भी बंद हैं.

जल शक्ति विभाग को 2118 करोड़ की क्षति: भारी बारिश से हुए भूस्खलन की चपेट में पानी व अन्य परियोजनाएं भी आई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं बहाल कर गई हैं, हालांकि अभी भी करीब दो दर्जन परियोजनाएं बंद हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान आंका गया है. जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग के अलावा प्रदेश में अन्य विभागों को भी काफी क्षति पहुंची है.

राज्य के अन्य विभागों को भी बरसात में क्षति: राज्य बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शहरी विकास विभाग को 88.82 करोड़ और शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 125 करोड़ की क्षति है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश में फिर बदलने वाला है मौसम, इस दिन खराब होगा वैदर, तापमान में आएगी गिरावट

शिमला: प्रदेश में इस बार मानसून की बारिश ने भारी तबाही मचाई है. प्रदेश में सरकारी व निजी संपत्तियों के साथ-साथ अबकी बार भारी जानी नुकसान भी है. प्रदेश में अब तक 8,678 करोड़ का नुकसान हुआ है, जबकि 426 लोगों की जानें भी गई है. प्रदेश में बड़ी संख्या में सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं और लोक निर्माण विभाग सड़कों की बहाली के काम में जुटा हुआ है. अभी भी 60 सड़कें बंद हैं जिनको खोलने का काम जारी है.

मानसून सीजन में बारिश से नुकसान 8678 करोड़ तक पहुंच गया है. मौसम साफ होने के बाद अब सरकारी मशीनरी भी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. प्रदेश में मानसून सीजन में अब तक 426 लोगों की मौत हुई है, जबकि 427 लोग जख्मी भी हुए हैं. इसके अलावा 39 लोग लापता हुए हैं. इस बार पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश में 6428 मवेशियों की मौत इस बार हुई है.

13,540 परिवारों के आशियाने बारिश में क्षतिग्रस्त: मानसून सीजन में अबकी बार हजारों रिहायशी व अन्य मकान भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13540 परिवारों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2575 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए, जबकि 10965 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 318 दुकानें और 5797 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आकर ढह गईं.

बारिश से 8678 करोड़ का नुकसान: मानसून सीजन में बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी भी क्षति हुई है. राज्य में अब तक 8678 करोड़ का नुकसान आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2941 करोड़ की क्षति आंकी गई हैं. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. लोक निर्माण विभाग क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली के काम में जुटा है, इसके बावजूद 60 सड़कें अभी भी बंद हैं.

जल शक्ति विभाग को 2118 करोड़ की क्षति: भारी बारिश से हुए भूस्खलन की चपेट में पानी व अन्य परियोजनाएं भी आई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं बहाल कर गई हैं, हालांकि अभी भी करीब दो दर्जन परियोजनाएं बंद हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान आंका गया है. जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग के अलावा प्रदेश में अन्य विभागों को भी काफी क्षति पहुंची है.

राज्य के अन्य विभागों को भी बरसात में क्षति: राज्य बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शहरी विकास विभाग को 88.82 करोड़ और शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 125 करोड़ की क्षति है.

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