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Himachal Monsoon Loss: मानसून सीजन में मरने वालों का आंकड़ा 417 पहुंचा, अब तक 8,677 करोड़ का नुकसान

हिमाचल प्रदेश में आपदा की वजह से अब तक 8,677 करोड़ का नुकसान हो चुका है. वहीं, मरने वालों का आंकड़ा 417 तक पहुंच गया है. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Monsoon Loss).

Himachal Monsoon Loss
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 8, 2023, 9:48 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अबकी बार मानसून ने भारी नुकसान हुआ है. मानसून सीजन में मरने वालों का आंकडा 417 तक पहुंच गया है. इसके अलावा 408 लोग भी इस दौरान जख्मी हुए हैं. इसके साथ ही मानसून सीजन में 8,677 करोड़ का नुकसान अब तक हुआ है. उधर मौसम साफ होने के बाद सरकारी मशीनरी भी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. प्रदेश में मानसून में अब तक 417 लोगों की मौत हुई है, जबकि 408 लोग जख्मी हुए हैं. इसके अलावा 38 लोग अभी तक लापता हैं. प्रदेश मानव जीवन को नुकसान होने के साथ ही पशुधन को भी अबकी बार भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश में 6425 मवेशियों की मौत बरसात में हुई है.

13,456 परिवारों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त: इस मानसून में बड़ी संख्या में रिहायशी व अन्य मकान भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13456 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2560 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए, जबकि 10896 मकानों को भी आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 318 दुकानें और 5689 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आईं.

मानसून में 8,677 करोड़ का नुकसान: प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब 8677 करोड़ का नुकसान इससे प्रदेश में आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2941 करोड़ की क्षति आंकी गई हैं. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. हालांकि क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, मगर कई जगह सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, इससे उनकी बहाली में काफी समय लग रहा है.

भारी बारिश से हुए भूस्खलन की चपेट में पानी व अन्य परियोजनाएं भी आई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं बहाल कर गई हैं, हालांकि अभी भी 26 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान आंका गया है.

इनके अलावा प्रदेश में बिजली को भी भारी क्षति पहुंची है. बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 125 करोड़ की क्षति पहुंचाई है.

ये भी पढ़ें- Hamirpur Sinking Villages: आपदा आई, आफत लाई... रहस्यमय तरीके से धंस रहे हैं ये 5 गांव, सिंकिंग जोन घोषित

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अबकी बार मानसून ने भारी नुकसान हुआ है. मानसून सीजन में मरने वालों का आंकडा 417 तक पहुंच गया है. इसके अलावा 408 लोग भी इस दौरान जख्मी हुए हैं. इसके साथ ही मानसून सीजन में 8,677 करोड़ का नुकसान अब तक हुआ है. उधर मौसम साफ होने के बाद सरकारी मशीनरी भी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. प्रदेश में मानसून में अब तक 417 लोगों की मौत हुई है, जबकि 408 लोग जख्मी हुए हैं. इसके अलावा 38 लोग अभी तक लापता हैं. प्रदेश मानव जीवन को नुकसान होने के साथ ही पशुधन को भी अबकी बार भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश में 6425 मवेशियों की मौत बरसात में हुई है.

13,456 परिवारों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त: इस मानसून में बड़ी संख्या में रिहायशी व अन्य मकान भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13456 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2560 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए, जबकि 10896 मकानों को भी आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 318 दुकानें और 5689 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आईं.

मानसून में 8,677 करोड़ का नुकसान: प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब 8677 करोड़ का नुकसान इससे प्रदेश में आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2941 करोड़ की क्षति आंकी गई हैं. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. हालांकि क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, मगर कई जगह सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, इससे उनकी बहाली में काफी समय लग रहा है.

भारी बारिश से हुए भूस्खलन की चपेट में पानी व अन्य परियोजनाएं भी आई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं बहाल कर गई हैं, हालांकि अभी भी 26 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान आंका गया है.

इनके अलावा प्रदेश में बिजली को भी भारी क्षति पहुंची है. बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 125 करोड़ की क्षति पहुंचाई है.

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