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आने वाली है अच्छी खबर, अगले 5 दिन में कोरोना मुक्त हो सकता है हिमाचल - corona virus

प्रदेश में कुल 40 मामले कोविड-19 के सामने आये जिनमें से 28 मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज किए जा चुके हैं. अनुमान के मुताबिक आने वाले 5 दिनों में हिमाचल कोरोना मुक्त हो सकता है

Himachal may be corona free
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Published : May 1, 2020, 4:31 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केसिज की संख्या अब केवल 7 रह गई है. एक अनुमान के मुताबिक आने वाले 5 दिनों में हिमाचल कोरोना मुक्त हो सकता है. प्रदेश में कुल 40 मामले कोविड-19 के सामने आये जिनमें से 28 मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज किए जा चुके हैं.

प्रदेश में कोविड-19 से एकमात्र व्यक्ति की मौत हो गई थी. हिमाचल में अब तक कोरोना वायरस जांच के लिए कुल 6133 सैंपल्स लिए गए, जिनमें से 6091 सैंपल्स निगेटिव आये हैं और दो की रिपोर्ट आना बाकी है. प्रदेश में बीते एक हफ्ते से कोई नया मामला सामने नहीं आया है और अब तक कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या 40 है.

करीब सत्तर लाख की आबादी वाले पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश ने कोरोना से लड़ाई में देश के सामने मिसाल कायम की है. हिमाचल प्रदेश ने विभिन्न उपायों के जरिए कोरोना के प्रसार को थामने में सफलता हासिल की है. लॉकडाउन का सख्ती से पालन और फिर घर-घर जाकर स्क्रीनिंग ने इस पहाड़ी राज्य को कोरोना से निपटने में सफलता दिलाई है.

हिमाचल ने अपनाई एक्टिव केस फाइंडिंग प्रक्रिया, पीएम ने भी की तारीफ

हिमाचल सरकार ने एक्टिव केस फाइंडिंग की जिस प्रक्रिया को अपनाया, उसकी तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है. यही नहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के अन्य राज्यों को भी एक्टिव केस फाइंडिंग प्रक्रिया को अपनाने की सलाह दी है. हिमाचल में जांच का अनुपात भी देश में सबसे अधिक है. यहां कोरोना के लिए जांच का अनुपात प्रति मिलियन 700 व्यक्ति है.

हिमाचल प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 19 मार्च को आया था. कांगड़ा जिला में ये मामला आने के बाद ही डीसी कांगड़ा ने सरकार की अनुमति से त्वरित फैसला लेते हुए जिला में कर्फ्यू लगा दिया. धार्मिक संस्थान बंद किए गए.

इसी बीच 23 मार्च को तिब्बती मूल के बुजुर्ग की टांडा अस्पताल में मौत हुई. वो अमेरिका से आया था. उसकी ट्रेवल हिस्ट्री निकाल कर उससे जुड़े सभी लोगों को क्वारंटाइन किया गया. 24 मार्च को सरकार ने पूरे प्रदेश में कफ्र्यू लागू कर दिया. प्रदेश के बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए. शिमला, टांडा, कसौली में सैंपल टेस्टिंग शुरू की गई. हिमाचल से लगती अन्य राज्यों की सीमाएं सील की गईं.

इसी दौरान हिमाचल सरकार ने प्रदेश के हर घर के बारे में जानकारी जुटाने का फैसला लिया कि कहीं कोई कोई जुकाम-बुखार से पीड़ित तो नहीं अथवा कोरोना काल में कहीं किसी की ट्रैवल हिस्ट्री तो नहीं है. इसके लिए सरकार ने पहली अप्रैल से अभियान शुरू किया. प्रदेश के हर जिला में स्वास्थ्य कर्मचारी, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित जरूरत के अनुसार पुलिस कर्मचारियों को भी इस अभियान से जोड़ा गया.

इसका परिणाम ये हुआ कि दो ऐसे व्यक्ति भी कोरोना के संदिग्ध पाए गए, जिनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी. इसका दूसरा लाभ ये हुआ कि पूरे प्रदेश का डाटा सामने आ गया. प्रदेश की जनता ने इस मुहिम में भरपूर सहयोग किया. अभियान की सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिरमौर जिला में दो दिन के भीतर ही टीम ने 35, 616 लोगों की न केवल स्क्रीनिंग की, बल्कि उन्हें जागरुक भी किया. इसी बीच प्रदेश में नए मामले सामने आते गए और वहीं मरीज ठीक भी होते रहे.

जमातियों ने बिगाड़ा काम

देश भर में निजामुद्दीन मरकज में भाग लेकर लौटे लोगों में सैकड़ों लोग पॉजिटिव दर्ज किए गए. हिमाचल प्रदेश में कोरोना के केसिज नियंत्रण में थे, लेकिन मरकज के आयोजन में शामिल हुए जमातियों ने जांच से छिपकर काम बिगाड़ दिया. अंतत: सरकार के आदेश पर डीजीपी एसआर मरडी ने सख्ती दिखाई और पहचान छिपाने पर अटैंप्ट टू मर्डर का केस दर्ज करने का ऐलान किया. जांच के बाद हिमाचल में 25 जमात से जुड़े लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

सरकार की रणनीतियों, पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सामूहिक प्रयासों के चलते अब प्रदेश कोरोना से लड़ाई में जीत हासिल करने की स्थिति में नजर आ रहा है. प्रदेश में बीते एक हफ्ते से कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है. बीते कल ही 3 मरीजों की फॉलोअप कोरोना रिपोर्ट्स निगेटिव आने से अब 7 कोरोना पॉजिटिव मरीज ही अस्पतालों में रह गए हैं जिनमें सभी लगभग पूरी तरह रिकवर कर चुके हैं. इसे देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि 5 मई तक प्रदेश कोरोना मुक्त हो जाएगा.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केसिज की संख्या अब केवल 7 रह गई है. एक अनुमान के मुताबिक आने वाले 5 दिनों में हिमाचल कोरोना मुक्त हो सकता है. प्रदेश में कुल 40 मामले कोविड-19 के सामने आये जिनमें से 28 मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज किए जा चुके हैं.

प्रदेश में कोविड-19 से एकमात्र व्यक्ति की मौत हो गई थी. हिमाचल में अब तक कोरोना वायरस जांच के लिए कुल 6133 सैंपल्स लिए गए, जिनमें से 6091 सैंपल्स निगेटिव आये हैं और दो की रिपोर्ट आना बाकी है. प्रदेश में बीते एक हफ्ते से कोई नया मामला सामने नहीं आया है और अब तक कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या 40 है.

करीब सत्तर लाख की आबादी वाले पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश ने कोरोना से लड़ाई में देश के सामने मिसाल कायम की है. हिमाचल प्रदेश ने विभिन्न उपायों के जरिए कोरोना के प्रसार को थामने में सफलता हासिल की है. लॉकडाउन का सख्ती से पालन और फिर घर-घर जाकर स्क्रीनिंग ने इस पहाड़ी राज्य को कोरोना से निपटने में सफलता दिलाई है.

हिमाचल ने अपनाई एक्टिव केस फाइंडिंग प्रक्रिया, पीएम ने भी की तारीफ

हिमाचल सरकार ने एक्टिव केस फाइंडिंग की जिस प्रक्रिया को अपनाया, उसकी तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है. यही नहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के अन्य राज्यों को भी एक्टिव केस फाइंडिंग प्रक्रिया को अपनाने की सलाह दी है. हिमाचल में जांच का अनुपात भी देश में सबसे अधिक है. यहां कोरोना के लिए जांच का अनुपात प्रति मिलियन 700 व्यक्ति है.

हिमाचल प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 19 मार्च को आया था. कांगड़ा जिला में ये मामला आने के बाद ही डीसी कांगड़ा ने सरकार की अनुमति से त्वरित फैसला लेते हुए जिला में कर्फ्यू लगा दिया. धार्मिक संस्थान बंद किए गए.

इसी बीच 23 मार्च को तिब्बती मूल के बुजुर्ग की टांडा अस्पताल में मौत हुई. वो अमेरिका से आया था. उसकी ट्रेवल हिस्ट्री निकाल कर उससे जुड़े सभी लोगों को क्वारंटाइन किया गया. 24 मार्च को सरकार ने पूरे प्रदेश में कफ्र्यू लागू कर दिया. प्रदेश के बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए. शिमला, टांडा, कसौली में सैंपल टेस्टिंग शुरू की गई. हिमाचल से लगती अन्य राज्यों की सीमाएं सील की गईं.

इसी दौरान हिमाचल सरकार ने प्रदेश के हर घर के बारे में जानकारी जुटाने का फैसला लिया कि कहीं कोई कोई जुकाम-बुखार से पीड़ित तो नहीं अथवा कोरोना काल में कहीं किसी की ट्रैवल हिस्ट्री तो नहीं है. इसके लिए सरकार ने पहली अप्रैल से अभियान शुरू किया. प्रदेश के हर जिला में स्वास्थ्य कर्मचारी, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित जरूरत के अनुसार पुलिस कर्मचारियों को भी इस अभियान से जोड़ा गया.

इसका परिणाम ये हुआ कि दो ऐसे व्यक्ति भी कोरोना के संदिग्ध पाए गए, जिनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी. इसका दूसरा लाभ ये हुआ कि पूरे प्रदेश का डाटा सामने आ गया. प्रदेश की जनता ने इस मुहिम में भरपूर सहयोग किया. अभियान की सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिरमौर जिला में दो दिन के भीतर ही टीम ने 35, 616 लोगों की न केवल स्क्रीनिंग की, बल्कि उन्हें जागरुक भी किया. इसी बीच प्रदेश में नए मामले सामने आते गए और वहीं मरीज ठीक भी होते रहे.

जमातियों ने बिगाड़ा काम

देश भर में निजामुद्दीन मरकज में भाग लेकर लौटे लोगों में सैकड़ों लोग पॉजिटिव दर्ज किए गए. हिमाचल प्रदेश में कोरोना के केसिज नियंत्रण में थे, लेकिन मरकज के आयोजन में शामिल हुए जमातियों ने जांच से छिपकर काम बिगाड़ दिया. अंतत: सरकार के आदेश पर डीजीपी एसआर मरडी ने सख्ती दिखाई और पहचान छिपाने पर अटैंप्ट टू मर्डर का केस दर्ज करने का ऐलान किया. जांच के बाद हिमाचल में 25 जमात से जुड़े लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

सरकार की रणनीतियों, पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सामूहिक प्रयासों के चलते अब प्रदेश कोरोना से लड़ाई में जीत हासिल करने की स्थिति में नजर आ रहा है. प्रदेश में बीते एक हफ्ते से कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है. बीते कल ही 3 मरीजों की फॉलोअप कोरोना रिपोर्ट्स निगेटिव आने से अब 7 कोरोना पॉजिटिव मरीज ही अस्पतालों में रह गए हैं जिनमें सभी लगभग पूरी तरह रिकवर कर चुके हैं. इसे देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि 5 मई तक प्रदेश कोरोना मुक्त हो जाएगा.

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