शिमला: अदालती आदेशों की अनुपालना न करने पर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग के दो अधिकारियों की सैलरी रोकने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने अनिल कुमार द्वारा दायर अनुपालना याचिका की सुनवाई के बाद ये आदेश पारित किए हैं. जिसके तहत कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ और धर्मपुर डिवीजन के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर की सैलरी रोकने का आदेश दिया है.
हाई कोर्ट ने 12 जून 2023 को पारित आदेशों में स्पष्ट किया था कि प्रार्थी के पक्ष में आए फैसले पर 6 हफ्ते में अमल किया जाए. वरना दोषी कर्मियों को कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश दिए थे. मामले पर सुनवाई 24 जुलाई को निर्धारित की गई थी. मगर सोमवार को भी लोक निर्माण विभाग फैसले पर अमल करने में नाकाम रहा. मामले पर सुनवाई के दौरान विभाग ने एक बार फिर अतिरिक्त समय की मांग की जिसके कारणों को अपर्याप्त पाते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक फैसले पर अमल नहीं हो जाता तब तक दोनों अधिकारियों का वेतन जारी ना किया जाए.
मामला क्या है- इस मामले में प्रार्थी अनिल कुमार एचपी पीडब्लूडी धर्मपुर में साल 1998 में दैनिक भोगी के रूप में नियुक्त हुआ था. साल 2007 में उसे नौकरी से निकाल दिया गया. जिसके बाद मामला लेबर कोर्ट धर्मशाला पहुंचा था. लेबर कोर्ट ने विभाग को गलत तरीके से निकाले प्रार्थी को 25 हजार रुपए एक मुश्त देने के आदेश दिए. लेकिन विभाग की ओर से लेबर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया.
इसके बाद प्रार्थी अनिल कुमार ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट ने दौलत राम बनाम राज्य सरकार के फैसले के आधार पर प्रार्थी अनिल कुमार के पक्ष में फैसला सुनाया. विभाग की ओर से कोर्ट के आदेशों के अनुपालन के लिए कुछ और वक्त मांगा गया. जिसके बाद हाई कोर्ट ने इस मामले में अदालती आदेशों की अवहेलना का मामला पाते हुए दोनों अधिकारियों के वेतन को रोकने के आदेश पारित कर दिए.
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