शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग में बेलदार के पद पर कार्य कर रहे कर्मचारी को सर्वेक्षक यानी सर्वेयर अथवा ओवरसियर के पद का वेतन जारी करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में अदालत ने लोक निर्माण विभाग की अपील को खारिज कर दिया. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की.
न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर की अगुवाई वाली खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग की अपील खारिज करते हुए कहा कि बेलदार के पद पर लगाए गए कर्मचारी को सर्वेयर के पद का वेतन दिया जाए. उल्लेखनीय है कि इस मामले में एकलपीठ ने भी इसी नेचर का फैसला दिया था. इस पर लोक निर्माण विभाग ने एकलपीठ के फैसले को डबल बैंच के समक्ष अपील के माध्यम से चुनौती दी थी, लेकिन डबल बैंच ने भी यही निर्णय सुनाया.
इससे पहले एकलपीठ ने प्रतिवादी राकेश कुमार को सर्वेयर के पद पर नियमित करने और उसे सर्वेक्षक के पद का बकाया वेतन अदा करने का फैसला दिया था. विभाग ने एकलपीठ के इस निर्णय को अपील के माध्यम से चुनौती दी थी. खंडपीठ ने पाया कि प्रतिवादी राकेश कुमार ने श्रम प्राधिकरण के समक्ष दावा किया था कि वह योग्य सर्वेक्षक है. जबकि उसे बेलदार के पद पर तैनाती दी गई थी. उसके बाद विभाग ने प्रतिवादी से सर्वेक्षक का काम लिया और बेलदार के पद का ही वेतन अदा किया.
श्रम प्राधिकरण ने मामले के जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद विभाग को आदेश दिए थे कि प्रतिवादी राकेश कुमार को सर्वेक्षक के पद पर नियमित किया जाए और उसे सर्वेक्षक के पद का बकाया वेतन भी अदा किया जाए. हाईकोर्ट ने विभाग की अपील के खारिज करते हुए एकलपीठ के निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी.
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