शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों ( सीएचसी) में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को लेकर संज्ञान लिया है. हिमाचल हाई कोर्ट ने मामले में दायर याचिका में प्रदेश सरकार को ताजा स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए हैं.
HC के राज्य सरकार को आदेश: हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए कि मामले पर पिछली सुनवाई के बाद यदि डॉक्टरों और अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ के कोई रिक्त पद भरे गए हैं तो उनकी विस्तृत जानकारी कोर्ट के समक्ष रखे. मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने नियुक्त किए गए डॉक्टर और अन्य कर्मियों के नाम सहित उनकी जानकारी देने के आदेश दिए हैं.
स्वास्थ्य केंद्रों में मेडिकल स्टाफ की कमी: हिमाचल हाई कोर्ट ने उपरोक्त रिक्त पदों के खिलाफ भर्ती किए कर्मियों की नियुक्ति की तारीख का ब्योरा भी मांगा है. जनहित में दायर किए गए मामले में प्रदेश के अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में मेडिकल स्टाफ की कमी के मुद्दे पर प्रकाश डाला गया है. प्रार्थी की ओर से कहा गया कि स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों और मेडिकल कर्मचारियों की भारी कमी है. राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं.
हाई कोर्ट ने मांगी जानकारी: भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों के दिशानिर्देशों के अनुसार भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों की कमी है. जनहित में दायर याचिका को विस्तार देते हुए हिमाचल हाई कोर्ट ने राज्य के सीएचसी व पीएचसी में डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की उपलब्धता के बारे में जानकारी मांगी है.
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