शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High court) ने नियमों के खिलाफ पैराग्लाइडिंग (Paragliding in Himachal) की अनुमति प्रदान करने पर सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने दो दिन के भीतर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 21 नवंबर को निर्धारित की है. कुल्लू जिला के गांव फलेन के रहने वाले जय चंद ठाकुर ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी.
याचिका में आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने प्रतिवादी पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन डोभी को नियमों के खिलाफ पैराग्लाइडिंग की अनुमति दी है. याचिका में दलील दी गई है कि वायु क्रीडा नियमों यानी एयर स्पोर्ट्स रूल्स के अनुसार संयुक्त कमेटी ने प्रतिवादी एसोसिएशन के लिए पैराग्लाइडिंग आयोजित करने की सिफारिश की है. संयुक्त कमेटी की सिफारिश के अनुसार गांव फलेन से डोभी तक वाणिज्यिक यानी कमर्शियल पैराग्लाइडिंग के लिए उपयुक्त साइट है. वहीं, उक्त क्षेत्र में पहले से ही इस तरह की गतिविधियां चल रही हैं.
आरोप लगाया गया है कि इस क्षेत्र में एयर ट्रैफिक अधिक होने से हादसों का खतरा बढ़ गया है. याचिकाकर्ता ने गुहार लगाई है कि प्रतिवादी एसोसिएशन को वाणिज्यिक पैराग्लाइडिंग के लिए दी गई अनुमति को रद्द किया जाए. सरकार को आदेश दिए जाए कि एयर स्पोर्ट्स नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए ताकि पैराग्लाइडिंग के बढ़ते हुए हादसों को रोका जा सके. अब इस मामले में अगली सुनवाई दो दिन बाद यानी सोमवार 21 नवंबर को होगी.(HP High court on Paragliding in Himachal).
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