शिमला: मंडी जिले के नाचन में अवैध वन कटान की जांच के लिए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंडी के सचिव सहित डीसी व एसपी की संयुक्त कमेटी गठित की है. इस संदर्भ में हिमाचल हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई पर ये आदेश पारित किए.
नाचन डीएफओ पर अवैध कटान का आरोप: जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि पांच साल की अवधि में नाचन वन मंडल में कई जगह हजारों हरे पेड़ काट डाले गए हैं. याचिका में डीएफओ नाचन पर आरोप लगाया गया है कि उनके इशारे पर ये भारी कटान हुआ है. आरोप के अनुसार वन संरक्षण अधिनियम के तहत मंजूरी के बिना अत्यधिक घने जंगल से पेड़ों को काटकर अवैध रूप से सड़कों का निर्माण किया गया है.
नाचन डीएफओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग: याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि शिकारी देवी-देहर रोड के लगभग 10 किलोमीटर के दायरे में सेंक्चुरी एरिया होने के बावजूद वन क्षेत्र नष्ट हो गया है. नाचन वन मंडल के डीएफओ के इशारे पर रेस्ट हाउस से लगभग 100 मीटर की दूरी पर चैलचौक में भी लगभग 500 हरे पेड़ों को काटकर कर एक मैदान का निर्माण किया गया है. प्रार्थी ने वन और पर्यावरण की बर्बादी के साथ ही सरकारी संपदा को नष्ट होने से न बचाने के लिए डीएफओ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
3 माह में रिपोर्ट सबमिट करेगी कमेटी: वहीं, इस मामले में बनाए गए प्रतिवादियों ने याचिकाकर्ता की तरफ से दाखिल जवाब में लगाए गए आरोपों का खंडन किया है. न्यायालय ने कमेटी को यह सत्यापित करने का निर्देश दिया है कि प्रतिवादियों द्वारा दायर जवाब में किए गए दावे सही हैं या नहीं? समिति को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट अदालत के समक्ष दाखिल करने का निर्देश दिया गया है. इस मामले में अब आगामी सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी.
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