कोयंबटूर: कोयंबटूर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम विशेष अदालत ने 2019 में मेट्टुपालयम में ऑनर किलिंग के एक मामले में अपने भाई और उसकी प्रेमिका की हत्या के लिए एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है.
कोयंबटूर जिले के मेट्टुपालयम के सीरंगरायण ओडई क्षेत्र का कनगराज नामक युवक और उसी क्षेत्र की वर्षिणी प्रिया नामक युवती एक-दूसरे से प्रेम करते थे. चूंकि कनगराज उच्च जाति से था और वर्षिणी प्रिया निम्न जाति से थी, इसलिए उनके परिवार ने उनके प्यार को स्वीकार नहीं किया, इसलिए उन्होंने उसी क्षेत्र में किराए पर एक अलग घर ले लिया और वहीं रहने लगे. घटना के मुताबिक इससे नाराज कनगराज के बड़े भाई विनोथ ने कनगराज के घर जाकर उस पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
वहीं जब वर्षिणी प्रिया ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने उस पर भी हमला कर दिया जिससे उसकी भी मौत हो गई. मामले में जून 2019 में मेट्टुपालयम पुलिस ने एससी और एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया और विनोथ और उसके दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया.
मामले की सुनवाई कोयम्बटूर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम विशेष न्यायालय में चल रही थी. इस बारे में फैसला 23 जनवरी को सुनाया गया. फैसला पढ़ते हुए जज विवेकानंदन ने कहा, "यह मामला साजिश की धारा के तहत दर्ज किया गया है. लेकिन सबूतों के आधार पर साजिश साबित नहीं हुई है." उन्होंने कहा, "इसलिए आरोपी विनोथ के तीनों दोस्तों को रिहा किया जाता है. साथ ही यह भी पुष्टि हो गई है कि पहला आरोपी विनोथ अपराध में शामिल था. विनोथ ने ऐसा अपराध किया है जिसके लिए मृत्युदंड मिलना चाहिए. इस मामले में 29 जनवरी को कोयंबटूर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम विशेष अदालत में दोनों पक्षों की ओर से दलीलें पेश की गईं.
आरोपी विनोथ को कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद सरकार ने दलील दी कि उसे अधिकतम सजा दी जानी चाहिए. फैसला सुनाते हुए जज विवेकानंदन ने कहा, "दंपत्ती की हत्या का मामला एक दुर्लभ जाति आधारित हत्या है. इसलिए आरोपी को मौत की सजा दी जाती है." पत्रकारों से बात करते हुए विशेष लोक अभियोजक पी पा मोहन ने कहा, "इस मामले में आरोपी विनोद ने 25 जून, 2019 को अपने छोटे भाई कनगराज और वर्षिणी प्रिया की हत्या कर दी थी. वर्षिणी प्रिया की मां अमुदा की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच की गई. जांच के दौरान 16 गवाहों से पूछताछ की गई. अदालत ने साजिश की धारा 120 बी के तहत तीन लोगों को बरी कर दिया." उन्होंने कहा, "इस मामले में पहले आरोपी विनोद को अधिकतम मौत की सजा दी गई है. तीनों लोगों को बरी किए जाने के खिलाफ अपील दायर की जाएगी."
ये भी पढ़ें- घरेलू कामगारों की सुरक्षा के लिए कानून बने, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिए निर्देश