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IPS संजय कुंडू, शालिनी अग्निहोत्री को झटका, हाइकोर्ट ने खारिज की री-कॉल एप्लीकेशन, SIT जांच के आदेश

HC rejects recall application of Sanjay Kundu and Shalini Agnihotri: हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट ने पूर्व डीजीपी संजय कुंडू और आईपीएस शालिनी अग्निहोत्री की री-कॉल याचिका खारिज कर दी है. जो दोनों अफसरों के लिए बड़ा झटका है. इसके अलावा हाइकोर्ट ने कारोबारी निशांत शर्मा मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं.

sanjay kundu
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 9, 2024, 2:16 PM IST

Updated : Jan 9, 2024, 3:35 PM IST

शिमला: हिमाचल के डीजीपी रहे संजय कुंडू और एसपी रैंक की अफसर शालिनी अग्निहोत्री को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दोनों अफसरों ने हिमाचल हाईकोर्ट में पूर्व के आदेश को वापस लेने के लिए री-कॉल एप्लीकेशन दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने इस आवेदन को खारिज कर दिया है. यही नहीं, हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कहा कि आईजी रैंक का अफसर पूरे मामले की जांच करे.

हाईकोर्ट ने अब मामले में 28 फरवरी को स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अगुवाई वाली खंडपीठ ने की. आईजी रैंक का अफसर अब निशांत शर्मा की शिकायत सहित संजय कुंडू की एफआईआर और तमाम पहलुओं पर जांच करेंगे.

पूरा मामला क्या है- गौरतलब है कि हिमाचल के कांगड़ा जिले से संबंध रखने वाले एक कारोबारी निशांत शर्मा ने हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस को एक ई-मेल किया था. जिसमें खुद को और परिवार की जान को खतरा बताया था. निशांत ने उस वक्त डीजीपी रहे संजय कुंडू पर गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद इस चिट्ठी पर हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने डीजीपी पर लगाए गए आरोपों पर सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए.

डीजीपी को पद से हटाने के निर्देश- 26 दिसंबर 2023 को हाइकोर्ट ने डीजीपी संजय कुंडू और कांगड़ा जिले की एसपी शालिनी अग्निहोत्री को मौजूदा पोस्टिंग से हटाने के आदेश दिए, ताकि मामले की जांच निष्पक्ष हो सके. इस आदेश के खिलाफ संजय कुंडू ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया. इस बीच 2 जनवरी 2024 को हिमाचल सरकार ने संजय कुंडू को आयुष विभाग भेज दिया. जहां उन्हें प्रिसिंपल सेक्रेटरी, आयुष लगा दिया गया. उसी दिन आईपीएस सतवंत अटवाल को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंप दिया गया. अगले ही दिन 3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी को पद से हटाने वाले हाइकोर्ट के निर्देश पर रोक लगा दी. साथ ही कोर्ट ने संजय कुंडू को हाइकोर्ट में आदेश वापस लेने की अर्जी दाखिल करने को कह दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने इस अर्जी पर दो हफ्ते में फैसला करने को भी कहा.

4 जनवरी को कारोबारी निशांत शर्मा केस में हाइकोर्ट में सुनवाई हुई तो आईपीएस संजय कुंडू और शालिनी अग्निहोत्री ने हाइकोर्ट में रिकॉल याचिका दायर कर दी. जिसपर हाइकोर्ट ने 5 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया. मंगलवार 9 जनवरी को हाइकोर्ट ने आईपीएस संजय कुंडू और शालिनी अग्निहोत्री को झटका देते हुए उनकी रिकॉल एप्लीकेशन खारिज कर दी. साथ ही कोर्ट ने इस मामले की जांच आईजी रैंक के अफसर की निगरानी में एसआईटी से कराने के आदेश दिए हैं.

अनुप रत्न एडवोकेट जनरल हिमाचल प्रदेश डीजीपी संजय कुंडू और कांगड़ा एसपी शालिनी अग्निहोत्री द्वारा उनके ट्रांसफर आदेश को रद्द करने के लिए जो याचिका डाली गई थी, उसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा है कि जो मटेरियल अभी तक कलेक्ट हुआ है, उसके आधार पर अभी भी अगर डीजीपी और कांगड़ा एसपी अपने पद पर बने रहते हैं तो पक्षपात की संभावना है. न्यायालय ने कहा हम मेरिट पर कोई चर्चा नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा संजय कुंडू मामले में रिकॉल नहीं बनता है. इसलिए हमने जो आदेश दिया है, वह वैसा ही रहेगा.

वहीं, एसपी शालिनी अग्निहोत्री मामले में कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या ये मामला ऐसा प्रतीत होता है कि एसपी कांगड़ा ने मामले में सीरियसनेस नहीं दिखाई, जो दिखानी चाहिए थी. न्यायालय ने अपना आदेश में स्पष्ट लिखा है कि जब एक कॉग्निजेबल ऑफेंस हुआ तो एसपी को और ज्यादा चुस्ती से काम करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इसलिए एसपी कांगड़ा का स्थानांतरण किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: IPS संजय कुंडू को हिमाचल डीजीपी के पद से हटाने वाले हाइकोर्ट के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

शिमला: हिमाचल के डीजीपी रहे संजय कुंडू और एसपी रैंक की अफसर शालिनी अग्निहोत्री को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दोनों अफसरों ने हिमाचल हाईकोर्ट में पूर्व के आदेश को वापस लेने के लिए री-कॉल एप्लीकेशन दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने इस आवेदन को खारिज कर दिया है. यही नहीं, हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कहा कि आईजी रैंक का अफसर पूरे मामले की जांच करे.

हाईकोर्ट ने अब मामले में 28 फरवरी को स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अगुवाई वाली खंडपीठ ने की. आईजी रैंक का अफसर अब निशांत शर्मा की शिकायत सहित संजय कुंडू की एफआईआर और तमाम पहलुओं पर जांच करेंगे.

पूरा मामला क्या है- गौरतलब है कि हिमाचल के कांगड़ा जिले से संबंध रखने वाले एक कारोबारी निशांत शर्मा ने हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस को एक ई-मेल किया था. जिसमें खुद को और परिवार की जान को खतरा बताया था. निशांत ने उस वक्त डीजीपी रहे संजय कुंडू पर गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद इस चिट्ठी पर हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने डीजीपी पर लगाए गए आरोपों पर सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए.

डीजीपी को पद से हटाने के निर्देश- 26 दिसंबर 2023 को हाइकोर्ट ने डीजीपी संजय कुंडू और कांगड़ा जिले की एसपी शालिनी अग्निहोत्री को मौजूदा पोस्टिंग से हटाने के आदेश दिए, ताकि मामले की जांच निष्पक्ष हो सके. इस आदेश के खिलाफ संजय कुंडू ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया. इस बीच 2 जनवरी 2024 को हिमाचल सरकार ने संजय कुंडू को आयुष विभाग भेज दिया. जहां उन्हें प्रिसिंपल सेक्रेटरी, आयुष लगा दिया गया. उसी दिन आईपीएस सतवंत अटवाल को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंप दिया गया. अगले ही दिन 3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी को पद से हटाने वाले हाइकोर्ट के निर्देश पर रोक लगा दी. साथ ही कोर्ट ने संजय कुंडू को हाइकोर्ट में आदेश वापस लेने की अर्जी दाखिल करने को कह दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने इस अर्जी पर दो हफ्ते में फैसला करने को भी कहा.

4 जनवरी को कारोबारी निशांत शर्मा केस में हाइकोर्ट में सुनवाई हुई तो आईपीएस संजय कुंडू और शालिनी अग्निहोत्री ने हाइकोर्ट में रिकॉल याचिका दायर कर दी. जिसपर हाइकोर्ट ने 5 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया. मंगलवार 9 जनवरी को हाइकोर्ट ने आईपीएस संजय कुंडू और शालिनी अग्निहोत्री को झटका देते हुए उनकी रिकॉल एप्लीकेशन खारिज कर दी. साथ ही कोर्ट ने इस मामले की जांच आईजी रैंक के अफसर की निगरानी में एसआईटी से कराने के आदेश दिए हैं.

अनुप रत्न एडवोकेट जनरल हिमाचल प्रदेश डीजीपी संजय कुंडू और कांगड़ा एसपी शालिनी अग्निहोत्री द्वारा उनके ट्रांसफर आदेश को रद्द करने के लिए जो याचिका डाली गई थी, उसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा है कि जो मटेरियल अभी तक कलेक्ट हुआ है, उसके आधार पर अभी भी अगर डीजीपी और कांगड़ा एसपी अपने पद पर बने रहते हैं तो पक्षपात की संभावना है. न्यायालय ने कहा हम मेरिट पर कोई चर्चा नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा संजय कुंडू मामले में रिकॉल नहीं बनता है. इसलिए हमने जो आदेश दिया है, वह वैसा ही रहेगा.

वहीं, एसपी शालिनी अग्निहोत्री मामले में कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या ये मामला ऐसा प्रतीत होता है कि एसपी कांगड़ा ने मामले में सीरियसनेस नहीं दिखाई, जो दिखानी चाहिए थी. न्यायालय ने अपना आदेश में स्पष्ट लिखा है कि जब एक कॉग्निजेबल ऑफेंस हुआ तो एसपी को और ज्यादा चुस्ती से काम करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इसलिए एसपी कांगड़ा का स्थानांतरण किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: IPS संजय कुंडू को हिमाचल डीजीपी के पद से हटाने वाले हाइकोर्ट के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

Last Updated : Jan 9, 2024, 3:35 PM IST
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