शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने जेबीटी के पदों के लिए बीएड डिग्री धारकों को भी शामिल करने के अपने फैसले पर फिलहाल रोक लगा (Himachal High Court stayed)दी है. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सरकार द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात फैसले पर अमल करने पर रोक लगाने के आदेश पारित किए. 26 नवंबर को हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती मामलों पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया था कि शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई द्वारा निर्धारित नियम एलिमेंटरी शिक्षा विभाग के साथ साथ अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग पर भी लागू होते है.
कोर्ट ने विभिन्न याचिकाओं को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार को यह आदेश भी दिए थे कि वह 28 जून 2018 की एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन करे. कोर्ट के फैसले से जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र हो गए थे ,परन्तु इस फैसले पर रोक के पश्चात बीएड डिग्री धारक फिर से इन पदों के लिए रेस से बाहर हो गए.
उल्लेखनीय है कि बीएड डिग्री धारक याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि उन्हें भी जेबीटी भर्ती के लिए कंसीडर किया जाए ,क्योंकि वो बीएड डिग्री धारक होने के साथ साथ टेट उतीर्ण भी और एनसीटीई के नियमों के तहत जेबीटी शिक्षक बनने के लिए पात्रता रखते है. ज्ञात रहे कि एनसीटीई के नियमों के तहत बीएड डिग्री धारक जेबीटी के पदों की भर्ती के लिए सशर्त पात्र बनाये गए .अतः उन्हें नियुक्ति प्राप्त करने के पश्चात 6 महीने का अतिरिक्त ब्रिज कोर्स करना(bridge course is mandatory after B.Ed.) होगा.
ये भी पढ़ें : सोलन में हिमाचल की पहली फूल मंडी का लोकार्पण, राज्य में केसर उत्पादन की भी तैयारी