शिमला: हिमाचल में अडानी समूह की दो सीमेंट कंपनी बंद करने को लेकर सरकार एक्शन मोड में आ गई है. सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को इस मामले में उचित कदम उठाने के आदेश दिए, जिसके बाद आज मुख्य सचिव आरडी धीमान ने आज उद्योग, परिवहन, राज्य आपूर्ति निगम सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की. डीसी सोलन और बिलासपुर भी इसमें वर्चुअली शामिल हुए. बैठक के बाद सरकार की ओर से अडानी समूह को नोटिस जारी किया गया और उससे जवाब मांगा गया है.(Himachal Government sent a notice to Adani group).
बिना नोटिस के प्लांट बंद करना नियमों का सीधा उल्लंघन: सरकार ने जो नोटिस जारी किया है, उसमें कंपनी से कहा गया है कि बिना किसी पूर्व सूचना के प्लांट बंद करना नियमों का उल्लंघन है. प्लांट बंद कराने के बारे में न तो सरकार को और ही स्थानीय प्रशासन को सूचित किया गया है. सरकार ने कंपनी को जमीन सहित अन्य सुविधाएं दी हैं और ऐसे में कंपनी तरह एक एकाएक ऐसा फैसला नहीं ले सकती. कंपनी के फैसले से हजारों लोगों का भविष्य जुड़ा हुआ है और प्लांट बंद करने का फैसला एक तरफा है. यह राजस्व, परिवहन, उद्योग और श्रम नियमों का सरासर उल्लंघन है. नोटिस में कंपनी से कहा गया है कि क्यों ने इसके लिए उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
डीसी को दोनों पक्षों के बीच विवाद हल करवाने के भी निर्देश: कंपनी प्रबंधन और ट्रक यूनियन के बीच उपजे विवाद को लेकर भी सरकार ने सोलन और बिलासपुर जिला के डीस को विवाद सुलझाने के निर्देश भी दिए गए हैं. दोनों पक्षों में माल भाड़े को लेकर विवाद पैदा हुआ है, जिसके बाद कंपनी ने दाड़लाघाट और बरमाणा प्लांट को बंद कर दिया है.(Adani group cement Plants in Himachal)(ACC Ambuja plants shut operations in Himachal).
विधानसभा सत्र से पहले विवाद सुलझाने में जुटी सरकार: सीमेंट कंपनियों के विवाद को सरकार विधानसभा सत्र से पहले सुलझाना चाह रही है. विधानसभा सत्र 22 दिसंबर से धर्मशाला के तपोवन में हो रहा है. अगर यह विवाद जारी रहा तो विधानसभा के शीतकालीन सत्र में यह मुद्दा विपक्ष उठाकर सता पक्ष को घेर सकता है. सीमेंट कंपनी के इस फैसले से हजारों परिवारों का रोजी रोटी पर पर संकट छा गया है. यही नहीं इससे हिमाचल में काम काज भी ठप्प पड़ने के आसार हो गए हैं. जिन दो प्लांट को बंद किया गया है, वे हिमाचल के कुल सीमेंट उत्पादन का पचास फीसदी से ज्यादा सीमेंट तैयार करते हैं.
हिमाचल के अलावा पड़ोसी राज्यों और अन्य राज्यों में भी यहां से सीमेंट की सप्लाई की जाती है. हिमाचल में भी इन दो कंपनियों का सीमेंट बड़े स्तर पर इस्तेमाल होता है. सीमेटं प्लांट बंद होने से हिमाचल की बाकी कंपनियां लोगों की डिमांड को पूरा नहीं कर पाएंगी. ऐसे में अगर यह विवाद लंबा खींचता है तो इससे हिमाचल में भी निर्माण कार्य लटक सकते हैं. निजी निर्माण कार्यों के अलावा सरकारी कार्यों के भी प्रभावित होने के पूरे आसार है.
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