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देश के किसी भी कोने से वोट डाल सकेंगे हिमाचली, चुनाव आयोग रिमोट वोटिंग पर कर रहा काम

दूसरे राज्यों में रह रहे हिमाचल के लोगों को वोट डालने के लिए अब अपने राज्य नहीं लौटना पड़ेगा. आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) विकसित की है. भारत निर्वाचन आयोग ने प्रोटोटाइप REVM के प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है. (Election commission working on remote voting)

Himachal Election Commission
हिमाचल चुनाव आयोग
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Published : Dec 29, 2022, 7:37 PM IST

शिमला: रोजगार, शिक्षा या अन्‍य कारणों से दूसरे राज्यों में रह रहे हिमाचल के लोगों को वोट डालने के लिए अब अपने राज्य नहीं लौटना पड़ेगा. केंद्रीय चुनाव आयोग ऐसे सभी मतदाताओं के लिए रिमोट वोटिंग की सुविधा शुरू करने की तैयारी में जुट गया है. इस सुविधा के शुरू होने के बाद प्रवासियों को वोट डालने के लिए गृह राज्य लौटने के झंझट से छुटकारा मिलेगा. इस संबंध में केंद्रीय चुनाव आयोग ने हिमाचल निर्वाचन आयोग को पत्र जारी कर राजनीतिक दलों की 31 जनवरी तक राय मांगी है. राजनीतिक दलों की फीडबैक मिलने के बाद आयोग इस दिशा में आगे बढ़ेगा.

वोट प्रतिशत बढ़ाने को आयोग ने उठाया कदम: आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) विकसित की है. भारत निर्वाचन आयोग ने प्रोटोटाइप REVM के प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है. आयोग ने इसके लिए कानूनी, प्रक्रियात्मक, प्रशासनिक और प्रौद्योगिकी चुनौतियों पर राजनीतिक दलों की राय जानने के लिए अवधारणा पत्र जारी किया है.

आयोग का मानना है कि माइग्रेशन के आधार पर मतदान के अधिकार से लोगों को वंचित करना उचित नहीं है. आम चुनाव 2019 में 67.4% मतदान हुआ था. 30 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रह गए थे. ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान का प्रतिशत अलग-अलग होने को लेकर सजग है. 2024 के लोकसभा चुनाव में वोटर टर्नआउट में सुधार लाने और निर्वाचन में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में आयोग इस नई तकनीक पर काम कर रहा है.

राजनीतिक दलों से इन बिंदुओं पर मांगी राय: केंद्रीय चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से इस तकनीक पर काम शुरू करने से पहले विभिन्न बिंदुओं पर उनकी राय मांगी है. निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को एक अवधारणा पत्र जारी किया है. जिसमें उन्हें घरेलू प्रवासियों को परिभाषित करने, आदर्श आचार संहिता लागू करने, मतदान की गोपनीयता बनाए रखने, मतदाताओं की पहचान के लिए पोलिंग एजेंटों की सुविधा देने के साथ ही रिमोट मतदान की प्रक्रिया और मतगणना में आने वाली चुनौतियों का उल्लेख करते अपनी राय देनी है. (Election commission working on remote voting)

31 जनवरी 2023 तक देनी होगी राय: केंद्रीय चुनाव आयोग ने बहु निर्वाचन क्षेत्र प्रोटोटाइप रिमोट EVM की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन करने के लिए सभी मान्यता प्राप्त 8 राष्ट्र और 57 राज्य दलों को 16 जनवरी 2023 तक आमंत्रित किया है. इस अवसर पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे. इन दलों को 31 जनवरी तक अपनी राय भारत निर्वाचन आयोग को देनी होगी. सभी दलों से प्राप्त फीडबैक और प्रोटोटाइप प्रदर्शन के आधार पर आयोग रिमोट मतदान पद्धति को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ेगा.

ये भी पढ़ें- सीएम सुखविंदर सुक्खू नए साल में बनाएंगे अपनी टीम, कैबिनेट में शिमला जिला होगा 'सिरमौर'

शिमला: रोजगार, शिक्षा या अन्‍य कारणों से दूसरे राज्यों में रह रहे हिमाचल के लोगों को वोट डालने के लिए अब अपने राज्य नहीं लौटना पड़ेगा. केंद्रीय चुनाव आयोग ऐसे सभी मतदाताओं के लिए रिमोट वोटिंग की सुविधा शुरू करने की तैयारी में जुट गया है. इस सुविधा के शुरू होने के बाद प्रवासियों को वोट डालने के लिए गृह राज्य लौटने के झंझट से छुटकारा मिलेगा. इस संबंध में केंद्रीय चुनाव आयोग ने हिमाचल निर्वाचन आयोग को पत्र जारी कर राजनीतिक दलों की 31 जनवरी तक राय मांगी है. राजनीतिक दलों की फीडबैक मिलने के बाद आयोग इस दिशा में आगे बढ़ेगा.

वोट प्रतिशत बढ़ाने को आयोग ने उठाया कदम: आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) विकसित की है. भारत निर्वाचन आयोग ने प्रोटोटाइप REVM के प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है. आयोग ने इसके लिए कानूनी, प्रक्रियात्मक, प्रशासनिक और प्रौद्योगिकी चुनौतियों पर राजनीतिक दलों की राय जानने के लिए अवधारणा पत्र जारी किया है.

आयोग का मानना है कि माइग्रेशन के आधार पर मतदान के अधिकार से लोगों को वंचित करना उचित नहीं है. आम चुनाव 2019 में 67.4% मतदान हुआ था. 30 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रह गए थे. ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान का प्रतिशत अलग-अलग होने को लेकर सजग है. 2024 के लोकसभा चुनाव में वोटर टर्नआउट में सुधार लाने और निर्वाचन में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में आयोग इस नई तकनीक पर काम कर रहा है.

राजनीतिक दलों से इन बिंदुओं पर मांगी राय: केंद्रीय चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से इस तकनीक पर काम शुरू करने से पहले विभिन्न बिंदुओं पर उनकी राय मांगी है. निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को एक अवधारणा पत्र जारी किया है. जिसमें उन्हें घरेलू प्रवासियों को परिभाषित करने, आदर्श आचार संहिता लागू करने, मतदान की गोपनीयता बनाए रखने, मतदाताओं की पहचान के लिए पोलिंग एजेंटों की सुविधा देने के साथ ही रिमोट मतदान की प्रक्रिया और मतगणना में आने वाली चुनौतियों का उल्लेख करते अपनी राय देनी है. (Election commission working on remote voting)

31 जनवरी 2023 तक देनी होगी राय: केंद्रीय चुनाव आयोग ने बहु निर्वाचन क्षेत्र प्रोटोटाइप रिमोट EVM की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन करने के लिए सभी मान्यता प्राप्त 8 राष्ट्र और 57 राज्य दलों को 16 जनवरी 2023 तक आमंत्रित किया है. इस अवसर पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे. इन दलों को 31 जनवरी तक अपनी राय भारत निर्वाचन आयोग को देनी होगी. सभी दलों से प्राप्त फीडबैक और प्रोटोटाइप प्रदर्शन के आधार पर आयोग रिमोट मतदान पद्धति को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ेगा.

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