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हिमाचल में 37 साल से रिपीट नहीं हुई सरकार, क्या इस बार बदल जाएगा ये रिवाज? - Government did not repeat in Himachal

37 साल हिमाचल की सत्ता पर कांग्रेस और बीजेपी बारी-बारी काबिज होती रही हैं. इस बार बीजेपी हिमाचल में मिशन रिपीट यानी सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है. क्या बदलेगा हिमाचल का रिवाज ? (Himachal Pradesh Election 2022) (Mission Repeat in Himachal)

HIMACHAL ELECTION 2022
HIMACHAL ELECTION 2022
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Published : Nov 12, 2022, 7:57 AM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर 68 सीटों पर वोटिंग हो रही है. जबकि 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे. लेकिन इस बार हिमाचल में बीजेपी का रिवाज बदलने और कांग्रेस का ताज बदलने का नारा जोर-शोर से सुनाई दे रहा है. आखिर क्या है ये रिवाज, जिसे बीजेपी इस बार बदलने का दावा कर रही है. (Himachal Pradesh Election 2022) (Himachal Pradesh Election 2022) (Mission Repeat in Himachal)

37 साल से रिपीट नहीं हुई सरकार- दरअसल हिमाचल में साल 1985 के बाद से हिमाचल में कोई भी सियासी दल सरकार रिपीट नहीं कर पाया है. 37 साल हिमाचल की सत्ता पर कांग्रेस और बीजेपी बारी-बारी काबिज होती रही हैं. इस बार बीजेपी हिमाचल में मिशन रिपीट यानी सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है. वैसे ये दावा 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने भी किया था लेकिन हिमाचल की जनता ने सत्ता पर कमल खिला दिया. बीजेपी इस बार ये रिवाज बदलने का दावा कर रही है. (Himachal Pradesh Election date)

बीजेपी का दावा- दरअसल इस साल की शुरुआत में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 4 राज्यों में जीत हासिल की थी. खास बात ये है कि इन चारों राज्यों यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में बीजेपी ने सरकार रिपीट की है. खासकर यूपी में करीब 35 साल और उत्तराखंड में राज्य गठन के 22 साल बाद सरकार रिपीट हुई है. बीजेपी ने जो इन राज्यों में किया है वही दावा हिमाचल में भी किया जा रहा है.

बीते 37 साल में क्या हुआ है- साल 1983 में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकुर राम लाल की जगह वीरभद्र सिंह को दिल्ली से भेजा और 1983 से 1985 तक बचे हुए दो सालों के लिए मुख्यमंत्री रहे. 1985 में छठी विधानसभा के लिए हुए विधानसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस की वापसी हुई और मुख्यमंत्री एक बार फिर वीरभद्र सिंह बने. इसके बाद से कोई भी दल सरकार रिपीट नहीं कर पाई है. (Government did not repeat in Himachal)

- 1990 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और मुख्यमंत्री शांता कुमार बने. जो अब तक हिमाचल के इकलौते ब्राह्मण मुख्यमंत्री हैं. अब तक बने 6 में से 5 मुख्यमंत्री राजपूत हैं. शांता कुमार दूसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने थे. करीब 3 साल बाद सरकार ने बहुत खोया और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया.
- इसके बाद साल 1993 में चुनाव हुए तो सत्ता में कांग्रेस की वापसी हुई और वीरभद्र सिंह तीसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने.
- 1998 में हिमाचल में फिर से विधानसबा चुनाव हुए तो इस बार बीजेपी ने हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ मिलकर बनाई और प्रेम कुमार धूमल पहली बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने थे. हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी का गठन पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम ने कांग्रेस से अलग होकर किया था. चुनाव में उनकी पार्टी को 5 सीटें मिली थी, जबकि बीजेपी और कांग्रेस को 31-31 सीटें मिली थी. हिमाचल विकास कांग्रेस ने बीजेपी को समर्थन दिया और पूरे 5 साल सरकार चलाई.

- 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई और वीरभद्र सिंह फिर से हिमाचल के मुख्यमंत्री बन गए.
- 2007 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुमत हासिल किया और सरकार बनाई. प्रेम कुमार धूमल दूसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने.
- 2012 के विधानसभा चुनाव में सरकार बदलने का सिलसिला जारी रहा और इस बार जनता ने बहुमत कांग्रेस को दिया. वीरभद्र सिंह ही मुख्यमंत्री बने.
- 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और बीजेपी को बंपर बहुमत मिला. हालांकि इस बार हिमाचल में बीजेपी के सीएम फेस प्रेम कुमार धूमल अपना चुनाव हार गए. जिसके चलते जयराम ठाकुर हिमाचल के नए मुख्यमंत्री बने.

HIMACHAL ELECTION 2022
37 साल से रिपीट नहीं हुई सरकार
1985 से पहले हिमाचल में कांग्रेस का एकछत्र राज था. यशवंत परमार 1963 से 1971 तक लगातार दो बार केंद्र शासित प्रदेश हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे और 1971 में राज्य का दर्जा मिलने के बाद भी 1977 तक दो बार मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद ठाकुर राम लाल 1977 और फिर 1980 में मुख्यमंत्री बने. हालांकि इस बीच 1977 में हिमाचल में जनता पार्टी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री शांता कुमार बने.

राज बदलेगा या रिवाज ?- ये सवाल इस चुनाव में एक बार फिर सियासी फिजाओं में तैर रहा है. बीजेपी रिवाज बदलकर सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है तो कांग्रेस के मुताबिक रिवाज नहीं बदलते बल्कि ताज बदलते हैं. 8 दिसंबर को मतगणना होनी है. जिसके बाद इस सवाल का जवाब मिल जाएगा. 8 दिसंबर को साफ हो जाएगा कि हिमाचल में हर बार की तरह ताज बदलेगा या फिर रिवाज ?

शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर 68 सीटों पर वोटिंग हो रही है. जबकि 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे. लेकिन इस बार हिमाचल में बीजेपी का रिवाज बदलने और कांग्रेस का ताज बदलने का नारा जोर-शोर से सुनाई दे रहा है. आखिर क्या है ये रिवाज, जिसे बीजेपी इस बार बदलने का दावा कर रही है. (Himachal Pradesh Election 2022) (Himachal Pradesh Election 2022) (Mission Repeat in Himachal)

37 साल से रिपीट नहीं हुई सरकार- दरअसल हिमाचल में साल 1985 के बाद से हिमाचल में कोई भी सियासी दल सरकार रिपीट नहीं कर पाया है. 37 साल हिमाचल की सत्ता पर कांग्रेस और बीजेपी बारी-बारी काबिज होती रही हैं. इस बार बीजेपी हिमाचल में मिशन रिपीट यानी सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है. वैसे ये दावा 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने भी किया था लेकिन हिमाचल की जनता ने सत्ता पर कमल खिला दिया. बीजेपी इस बार ये रिवाज बदलने का दावा कर रही है. (Himachal Pradesh Election date)

बीजेपी का दावा- दरअसल इस साल की शुरुआत में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 4 राज्यों में जीत हासिल की थी. खास बात ये है कि इन चारों राज्यों यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में बीजेपी ने सरकार रिपीट की है. खासकर यूपी में करीब 35 साल और उत्तराखंड में राज्य गठन के 22 साल बाद सरकार रिपीट हुई है. बीजेपी ने जो इन राज्यों में किया है वही दावा हिमाचल में भी किया जा रहा है.

बीते 37 साल में क्या हुआ है- साल 1983 में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकुर राम लाल की जगह वीरभद्र सिंह को दिल्ली से भेजा और 1983 से 1985 तक बचे हुए दो सालों के लिए मुख्यमंत्री रहे. 1985 में छठी विधानसभा के लिए हुए विधानसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस की वापसी हुई और मुख्यमंत्री एक बार फिर वीरभद्र सिंह बने. इसके बाद से कोई भी दल सरकार रिपीट नहीं कर पाई है. (Government did not repeat in Himachal)

- 1990 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और मुख्यमंत्री शांता कुमार बने. जो अब तक हिमाचल के इकलौते ब्राह्मण मुख्यमंत्री हैं. अब तक बने 6 में से 5 मुख्यमंत्री राजपूत हैं. शांता कुमार दूसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने थे. करीब 3 साल बाद सरकार ने बहुत खोया और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया.
- इसके बाद साल 1993 में चुनाव हुए तो सत्ता में कांग्रेस की वापसी हुई और वीरभद्र सिंह तीसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने.
- 1998 में हिमाचल में फिर से विधानसबा चुनाव हुए तो इस बार बीजेपी ने हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ मिलकर बनाई और प्रेम कुमार धूमल पहली बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने थे. हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी का गठन पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम ने कांग्रेस से अलग होकर किया था. चुनाव में उनकी पार्टी को 5 सीटें मिली थी, जबकि बीजेपी और कांग्रेस को 31-31 सीटें मिली थी. हिमाचल विकास कांग्रेस ने बीजेपी को समर्थन दिया और पूरे 5 साल सरकार चलाई.

- 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई और वीरभद्र सिंह फिर से हिमाचल के मुख्यमंत्री बन गए.
- 2007 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुमत हासिल किया और सरकार बनाई. प्रेम कुमार धूमल दूसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने.
- 2012 के विधानसभा चुनाव में सरकार बदलने का सिलसिला जारी रहा और इस बार जनता ने बहुमत कांग्रेस को दिया. वीरभद्र सिंह ही मुख्यमंत्री बने.
- 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और बीजेपी को बंपर बहुमत मिला. हालांकि इस बार हिमाचल में बीजेपी के सीएम फेस प्रेम कुमार धूमल अपना चुनाव हार गए. जिसके चलते जयराम ठाकुर हिमाचल के नए मुख्यमंत्री बने.

HIMACHAL ELECTION 2022
37 साल से रिपीट नहीं हुई सरकार
1985 से पहले हिमाचल में कांग्रेस का एकछत्र राज था. यशवंत परमार 1963 से 1971 तक लगातार दो बार केंद्र शासित प्रदेश हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे और 1971 में राज्य का दर्जा मिलने के बाद भी 1977 तक दो बार मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद ठाकुर राम लाल 1977 और फिर 1980 में मुख्यमंत्री बने. हालांकि इस बीच 1977 में हिमाचल में जनता पार्टी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री शांता कुमार बने.

राज बदलेगा या रिवाज ?- ये सवाल इस चुनाव में एक बार फिर सियासी फिजाओं में तैर रहा है. बीजेपी रिवाज बदलकर सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है तो कांग्रेस के मुताबिक रिवाज नहीं बदलते बल्कि ताज बदलते हैं. 8 दिसंबर को मतगणना होनी है. जिसके बाद इस सवाल का जवाब मिल जाएगा. 8 दिसंबर को साफ हो जाएगा कि हिमाचल में हर बार की तरह ताज बदलेगा या फिर रिवाज ?

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