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हिमाचल कांग्रेस में चुनावी जीत से अधिक CM पद की चिंता, कौल के बोल से चढ़ा सियासी पारा - हिमाचल विधानसभा चुनाव

हिमाचल कांग्रेस में इन दिनों चुनाव परिणाम की ज्यादा चिंता नहीं है, चिंता इस बात की है कि सीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा ? पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार कौल सिंह ठाकुर ने फिर से अपनी महत्वाकांक्षा को शब्द दिए हैं. हालांकि कौल सिंह के अलावा कई और नाम भी सीएम रेस में शामिल (CM Candidate of Himachal congress) हैं. पढे़ं पूरी खबर...

CM Candidate in Himachal congress
CM Candidate in Himachal congress
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Published : Nov 24, 2022, 9:33 PM IST

शिमला: हिमाचल कांग्रेस में इन दिनों चुनाव परिणाम (Himachal election result) के मंथन से अधिक सीएम पद की चर्चा है. पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार कौल सिंह ठाकुर ने फिर से अपनी महत्वाकांक्षा को शब्द दिए हैं. कौल सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री पद के लिए वे हर तरह से उपयुक्त हैं. बात चाहे अनुभव की हो या फिर वरिष्ठता की. वैसे कौल सिंह का दावा गलत नहीं है. वे हिमाचल कांग्रेस में संगठन व सरकार में कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं. उन्हें विभिन्न विभागों में काम करने का अनुभव है तो संगठन को चलाना भी बाखूबी जानते हैं.(CM Candidate of Himachal congress).

इधर, कौल सिंह (Congress leader Kaul Singh Thakur) ने अपनी महत्वाकांक्षा व्यक्त की तो उधर सीएम पद के लिए लालायित अन्य नेता भी अपने-अपने तरीके से अपना दावा जता रहे हैं. ये अलग बात है कि प्रदेश में सत्ता किसके हाथ आएगी, परंतु सत्ता के शिखर पद के लिए कांग्रेस में लॉबिंग जोरों पर है. हिमाचल प्रदेश में इस समय कांग्रेस पार्टी नए दौर से गुजर रही है. कारण ये है कि प्रदेश के सबसे दिग्गज नेताओं में गिने जाने वाले वीरभद्र सिंह के बिना ये कांग्रेस का पहला चुनाव है. वीरभद्र सिंह मौजूद होते तो जिन सवालों से आज कांग्रेस जूझ रही है, वे पैदा ही नहीं होते. न तो पार्टी में सीएम फेस तलाशने की बात होती और न ही सत्ता में आने पर कैबिनेट मंत्री बनाने की जद्दोजहद.

अकेले वीरभद्र सिंह सभी मामले निपटा लेते, लेकिन अब स्थितियां और हैं. वैसे इस समय हिमाचल में कांग्रेस के भीतर सत्ता के कई केंद्र हैं. पीसीसी चीफ का पद प्रतिभा सिंह के पास है और ऐसे में हॉली लॉज की सत्ता को चैलेंज करना इतना आसान नहीं है. सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने कई समर्थकों को टिकट दिलाने में सफलता हासिल की है. सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी सीएम पद के प्रबल दावेदार हैं. पांच साल विपक्ष में रहते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने भाजपा सरकार को नाकों चने चबवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वे भी दावेदार हैं.

इसके अलावा रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी व कर्नल धनीराम शांडिल का नाम भी लिया जा रहा है, परंतु मुख्य रेस कौल सिंह ठाकुर, मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंद्र सिंह सुक्खू व हॉली लॉज का वरदहस्त पाने वाले नेता के बीच होगी. यहां गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस हाईकमान को हिमाचल में वीरभद्र सिंह के कद की अहमियत पता है और यही कारण है कि पार्टी ने प्रतिभा सिंह को पीसीसी चीफ बनाया. यही नहीं, प्रतिभा सिंह का पीसीसी चीफ की नियुक्ति वाले पत्र में उनका नाम प्रतिभा वीरभद्र सिंह लिखा गया था. कई बार मंच से प्रतिभा सिंह को प्रतिभा वीरभद्र सिंह के नाम से पुकारा गया.

चुनाव प्रचार में भी कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह के नाम पर भावनात्मक अपीलें की. उनके मुख्यमंत्री रहते हुए किए गए विकास कार्यों को करीब-करीब हर रैली में दोहराया गया. खासकर प्रतिभा सिंह ने अपने प्रचार अभियान में वीरभद्र सिंह के लंबे राजनीतिक जीवन की उपलब्धियों और उनके जनता से जुड़ाव को याद किया. ऐसे में चुनाव में सफलता मिलने पर हॉली लॉज के योगदान को नजर अंदाज करना किसी के लिए भी आसान नहीं है. देखा भी गया है कि हाल के दिनों में कौल सिंह ठाकुर व रामलाल ठाकुर ने शिमला आकर प्रतिभा सिंह से मुलाकात की. कौल सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर विक्रमादित्य सिंह ने उन्हें खूब उमंग के साथ याद करते हुए सोशल मीडिया पर फोटो डालकर बधाई दी थी. इससे कांग्रेस के भीतर होली लॉज की अहमियत समझी जा सकती है.

खैर, इससे पहले कांग्रेस को हिमाचल में रिवाज जारी रहने की प्रतीक्षा करनी होगी. हिमाचल में भाजपा पांच साल बाद सत्ता बदलने के रिवाज को इस दफा बदलने का दावा कर रही है तो कांग्रेस का कहना है कि रिवाज जारी है और उनकी पार्टी सत्ता में आ रही है. कौन सत्ता में आएगा और कौन नहीं, इसका फैसला तो ईवीएम खुलने पर ही होगा, लेकिन कांग्रेस में अंदरखाते सत्ता के शिखर की जंग जोरों पर है. देखना है कि सत्ता की बाजी अगर कांग्रेस के हाथ आती है तो सीएम का पद ताज किसके माथे पर सजेगा. (Himachal election 2022).

ये भी पढ़ें: पर्यटन कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कुल्लू में होगा मंथन, कल देश-विदेश से 150 प्रतिनिधि होंगे शामिल

शिमला: हिमाचल कांग्रेस में इन दिनों चुनाव परिणाम (Himachal election result) के मंथन से अधिक सीएम पद की चर्चा है. पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार कौल सिंह ठाकुर ने फिर से अपनी महत्वाकांक्षा को शब्द दिए हैं. कौल सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री पद के लिए वे हर तरह से उपयुक्त हैं. बात चाहे अनुभव की हो या फिर वरिष्ठता की. वैसे कौल सिंह का दावा गलत नहीं है. वे हिमाचल कांग्रेस में संगठन व सरकार में कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं. उन्हें विभिन्न विभागों में काम करने का अनुभव है तो संगठन को चलाना भी बाखूबी जानते हैं.(CM Candidate of Himachal congress).

इधर, कौल सिंह (Congress leader Kaul Singh Thakur) ने अपनी महत्वाकांक्षा व्यक्त की तो उधर सीएम पद के लिए लालायित अन्य नेता भी अपने-अपने तरीके से अपना दावा जता रहे हैं. ये अलग बात है कि प्रदेश में सत्ता किसके हाथ आएगी, परंतु सत्ता के शिखर पद के लिए कांग्रेस में लॉबिंग जोरों पर है. हिमाचल प्रदेश में इस समय कांग्रेस पार्टी नए दौर से गुजर रही है. कारण ये है कि प्रदेश के सबसे दिग्गज नेताओं में गिने जाने वाले वीरभद्र सिंह के बिना ये कांग्रेस का पहला चुनाव है. वीरभद्र सिंह मौजूद होते तो जिन सवालों से आज कांग्रेस जूझ रही है, वे पैदा ही नहीं होते. न तो पार्टी में सीएम फेस तलाशने की बात होती और न ही सत्ता में आने पर कैबिनेट मंत्री बनाने की जद्दोजहद.

अकेले वीरभद्र सिंह सभी मामले निपटा लेते, लेकिन अब स्थितियां और हैं. वैसे इस समय हिमाचल में कांग्रेस के भीतर सत्ता के कई केंद्र हैं. पीसीसी चीफ का पद प्रतिभा सिंह के पास है और ऐसे में हॉली लॉज की सत्ता को चैलेंज करना इतना आसान नहीं है. सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने कई समर्थकों को टिकट दिलाने में सफलता हासिल की है. सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी सीएम पद के प्रबल दावेदार हैं. पांच साल विपक्ष में रहते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने भाजपा सरकार को नाकों चने चबवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वे भी दावेदार हैं.

इसके अलावा रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी व कर्नल धनीराम शांडिल का नाम भी लिया जा रहा है, परंतु मुख्य रेस कौल सिंह ठाकुर, मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंद्र सिंह सुक्खू व हॉली लॉज का वरदहस्त पाने वाले नेता के बीच होगी. यहां गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस हाईकमान को हिमाचल में वीरभद्र सिंह के कद की अहमियत पता है और यही कारण है कि पार्टी ने प्रतिभा सिंह को पीसीसी चीफ बनाया. यही नहीं, प्रतिभा सिंह का पीसीसी चीफ की नियुक्ति वाले पत्र में उनका नाम प्रतिभा वीरभद्र सिंह लिखा गया था. कई बार मंच से प्रतिभा सिंह को प्रतिभा वीरभद्र सिंह के नाम से पुकारा गया.

चुनाव प्रचार में भी कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह के नाम पर भावनात्मक अपीलें की. उनके मुख्यमंत्री रहते हुए किए गए विकास कार्यों को करीब-करीब हर रैली में दोहराया गया. खासकर प्रतिभा सिंह ने अपने प्रचार अभियान में वीरभद्र सिंह के लंबे राजनीतिक जीवन की उपलब्धियों और उनके जनता से जुड़ाव को याद किया. ऐसे में चुनाव में सफलता मिलने पर हॉली लॉज के योगदान को नजर अंदाज करना किसी के लिए भी आसान नहीं है. देखा भी गया है कि हाल के दिनों में कौल सिंह ठाकुर व रामलाल ठाकुर ने शिमला आकर प्रतिभा सिंह से मुलाकात की. कौल सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर विक्रमादित्य सिंह ने उन्हें खूब उमंग के साथ याद करते हुए सोशल मीडिया पर फोटो डालकर बधाई दी थी. इससे कांग्रेस के भीतर होली लॉज की अहमियत समझी जा सकती है.

खैर, इससे पहले कांग्रेस को हिमाचल में रिवाज जारी रहने की प्रतीक्षा करनी होगी. हिमाचल में भाजपा पांच साल बाद सत्ता बदलने के रिवाज को इस दफा बदलने का दावा कर रही है तो कांग्रेस का कहना है कि रिवाज जारी है और उनकी पार्टी सत्ता में आ रही है. कौन सत्ता में आएगा और कौन नहीं, इसका फैसला तो ईवीएम खुलने पर ही होगा, लेकिन कांग्रेस में अंदरखाते सत्ता के शिखर की जंग जोरों पर है. देखना है कि सत्ता की बाजी अगर कांग्रेस के हाथ आती है तो सीएम का पद ताज किसके माथे पर सजेगा. (Himachal election 2022).

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