शिमला: हिमाचल में नवंबर में होने वाली इन्वेस्टर मीट पर पक्ष और विपक्ष आमने सामने आ गए हैं. एक तरफ जहां जयराम सरकार इस मीट को प्रदेश हित्त में बता रही है और हजारों करोड़ के निवेश आने की उम्मीद जता रही है. वहीं विपक्ष इन्वेस्टर मीट को लेकर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों ले रहा है.
कांग्रेस ने इन्वेस्टर मीट को महज एक नौटंकी करार दिया है. विपक्ष का आरोप है कि इस मीट के जरिए हिमाचल की बेशकीमती जमीन को बेचने की कोशिश की जा रही है.
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ने देश-विदेश का दौरा कर ये प्रचार किया कि हिमाचल में काफी निवेशक आ रहे हैं. सरकार धर्मशाला में इन्वेस्टर मीट का आयोजन कर रही है, लेकिन ये नौटंकी से ज्यादा कुछ नहीं है.
राठौर ने कहा कि हिमाचल में पहले से ही काफी उद्योग है और बहुत से कारोबारी यहां से पलायन कर रहे हैं. सरकार इन उद्योगों को पलायन करने से रोकने में नाकाम हो रही है और प्रदेश में और निवेशकों को लाने के दावे कर रही है, जबकि जो यहां उद्योग है उनमें छटनी की जा रही है और लोग बेरोजगार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को केंद्र से औद्योगिक पैकेज की मांग करने चाहिए.
पीसीसी चीफ ने कहा कि सरकार इस इनवेस्टर मीट के जरिये हिमाचल की जमीनों को बाहरी लोगों को बेचने की फिराक में है, लेकिन कांग्रेस सरकार के इन मंसूबो को कामयाब नहीं होने देगी. कांग्रेस ने 'सेव हिमाचल' के नाम से कंपेन शुरू किया है और कांग्रेस को जरा भी लगेगा कि सरकार प्रदेश की जमीनों को बेचने की कोशिश करेगी तो सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.