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हिमाचल कैबिनेट की बैठक जारी: पेट्रोल-डीजल, सीमेंट, बिजली हो सकते हैं महंगे

प्रदेश सरकार का वैसे तो बिजली की दरें बढ़ाने का प्लान है, लेकिन अगर यह सिरे नहीं चढ़ता है तो प्रदेश सरकार बिजली के प्रति यूनिट स्लैब पर कोविड-19 सेस लगा सकती है. इससे प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लग सकता है.

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Published : May 13, 2020, 10:00 AM IST

Updated : May 13, 2020, 11:33 AM IST

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हिमाचल कैबिनेट

शिमला : हिमाचल कैबिनेट की बैठक होटल पीटरहॉफ में जारी है. कैबिनेट की बैठक में रोजमर्रा की जरूरतों वाली अनेक चीजों पर को कोविड-19 सेस लगाया जा सकता है. प्रदेशवासियों को सबसे बड़ा झटका बिजली बिलों में बढ़ोतरी से लग सकता है.

प्रदेश सरकार का वैसे तो बिजली की दरें बढ़ाने का प्लान है, लेकिन अगर यह सिरे नहीं चढ़ता है तो प्रदेश सरकार बिजली के प्रति यूनिट स्लैब पर कोविड-19 सेस लगा सकती है. इससे प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लग सकता है. राजस्व प्राप्ति बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार पेट्रोल और डीजल के ऊपर भी कोविड-19 सेस लगाने की योजना है जिससे प्रदेश में पेट्रोल डीजल के कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है. यह सेस कितना होगा इसका निर्णय आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में हो सकता है.

अगर ऐसा हुआ तो आने वाले दिनों में वाहन पंजीकरण फीस 6 से बढ़ाकर 8 प्रतिशत की की जा सकती है. वहीं पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स में भी बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव है इसके अलावा सीमेंट के ऊपर भी कोविड सेट लगाने की योजना है, जिससे सीमेंट के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी हो सकती है. साथ ही सीमेंट बनाने के लिए प्रयोग होने वाले कालीकट पर भी कोविड सेस लगाया जा सकता है.

प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य परिवहन उद्योग कृषि और बागवानी जैसे महत्वपूर्ण विभागों से राजस्व प्राप्ति को बढ़ाना है. राज्यों के को-ऑपरेटिव बैंकों में जमा धन राशि का भी सरकार प्रयोग करना चाह रही है और इसके लिए प्रदेश सरकार ने 100 करोड़ रुपये की कोऑपरेटिव बैंक की किटी बनाने की योजना बनाई है. हालांकि इसका क्या प्रारूप होगा इसका निर्णय को-ऑपरेटिव बैंकों को लेना है. जिसको लेकर आज कैबिनेट बैठक में भी मंथन होगा अगर ऐसा हुआ तो को-ऑपरेटिव बैंकों में जमा इस धनराशि को सरकार अपने हिसाब से प्रयोग कर सकती है.

शिमला : हिमाचल कैबिनेट की बैठक होटल पीटरहॉफ में जारी है. कैबिनेट की बैठक में रोजमर्रा की जरूरतों वाली अनेक चीजों पर को कोविड-19 सेस लगाया जा सकता है. प्रदेशवासियों को सबसे बड़ा झटका बिजली बिलों में बढ़ोतरी से लग सकता है.

प्रदेश सरकार का वैसे तो बिजली की दरें बढ़ाने का प्लान है, लेकिन अगर यह सिरे नहीं चढ़ता है तो प्रदेश सरकार बिजली के प्रति यूनिट स्लैब पर कोविड-19 सेस लगा सकती है. इससे प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लग सकता है. राजस्व प्राप्ति बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार पेट्रोल और डीजल के ऊपर भी कोविड-19 सेस लगाने की योजना है जिससे प्रदेश में पेट्रोल डीजल के कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है. यह सेस कितना होगा इसका निर्णय आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में हो सकता है.

अगर ऐसा हुआ तो आने वाले दिनों में वाहन पंजीकरण फीस 6 से बढ़ाकर 8 प्रतिशत की की जा सकती है. वहीं पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स में भी बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव है इसके अलावा सीमेंट के ऊपर भी कोविड सेट लगाने की योजना है, जिससे सीमेंट के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी हो सकती है. साथ ही सीमेंट बनाने के लिए प्रयोग होने वाले कालीकट पर भी कोविड सेस लगाया जा सकता है.

प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य परिवहन उद्योग कृषि और बागवानी जैसे महत्वपूर्ण विभागों से राजस्व प्राप्ति को बढ़ाना है. राज्यों के को-ऑपरेटिव बैंकों में जमा धन राशि का भी सरकार प्रयोग करना चाह रही है और इसके लिए प्रदेश सरकार ने 100 करोड़ रुपये की कोऑपरेटिव बैंक की किटी बनाने की योजना बनाई है. हालांकि इसका क्या प्रारूप होगा इसका निर्णय को-ऑपरेटिव बैंकों को लेना है. जिसको लेकर आज कैबिनेट बैठक में भी मंथन होगा अगर ऐसा हुआ तो को-ऑपरेटिव बैंकों में जमा इस धनराशि को सरकार अपने हिसाब से प्रयोग कर सकती है.

Last Updated : May 13, 2020, 11:33 AM IST
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