शिमला: सचिवालय में शनिवार को प्रदेश कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर लंबी से चर्चा हुई. सरकार ने निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने लंबी मंत्रणा के बाद निजी स्कूलों को सिर्फ टयूशन फीस वसूलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. अब निजी स्कूल सिर्फ मार्च से मई तक ट्यूशन फीस वसूल सकेंगें.
बैठक में निर्णय लिया गया कि ट्यूशन फीस भी वही स्कूल ले सकेंगे जिन्होंने लॉकडाउन में ई-लर्निंग से बच्चों को पढ़ाया है. इसके अलावा निजी स्कूल अविभावकों पर फीस लेने का दबाब भी नहीं बना सकेंगे.
इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय हुआ कि निजी स्कूल अध्यापकों को सेलरी देने से मना नहीं कर सकते. कोविड-19 के इस दौर में निजी स्कूल अध्यापकों और कर्मचारियों की सेलरी में कटौती भी नही करेंगे. इसके अलावा कोई भी शिक्षण संस्थान किसी भी कर्मचारी को नहीं निकाल सकेंगे.
स्कूल खोलने के बारे में फिलहाल कैबिनेट में कोई निर्णय नहीं हुआ है. इसलिए फिलहाल स्कूल शुरू नहीं होंगे, लेकिन प्रदेश सरकार ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. शिक्षण संस्थानों में बने क्वारंटाइन सेंटर्स को धीरे धीरे शिफ्ट किया जा रहा है, ताकि किसी प्रकार का भी वायरस फैलने का खतरा न हो.
बता दें कि प्रदेशभर से निजी स्कूलों की मनमानी की खबरें सामने आ रहीं थी. स्कूल अभिभावकों पर फीस देने का दबाव बना रहे थे. वहीं, बाहरी राज्यों से घर लौटे लोगों को स्कूलों में संस्थागत क्वारंटाइन किया जा रहा है. लोग स्कूलों में लोगों को क्वारंटाइन करने का विरोध भी कर रहे थे. अब सरकार ने स्कूलों से क्वारंटाइन सेंटर्स को शिफ्ट करने का निर्णय लिया है.