शिमला: बुधवार को हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत प्रश्नकाल से हुई. जहां विधायक कुलदीप राठौर ने 1134 करोड़ की बागवानी परियोजना से संबंधित सवाल उठाए. उन्होंने परियोजना के उद्देश्य पूरा न होने पर सवाल उठाए और सदन में विभाग की ओर से दी गई जानकारी को लीपापोती बता दिया. जिसपर कुलदीप राठौर ने जांच की मांग भी कर दी.
बागवानी मंत्री ने दिया जवाब- कुलदीप राठौर ने सवाल उठाया तो बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन में कहा कि प्रोजेक्ट के तहत 80 लाख उन्नत किस्म के पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था और देरी के चलते अब तक करीब 10 लाख पौधे लगाए गए हैं. सीए स्टोर और मार्किट यार्ड से संबंधित 80 फीसदी काम पूरा हुआ. 2019 में वर्ल्ड बैंक ने रिव्यू कर प्रोजेक्ट 1066 करोड़ का किया था. कुलदीप राठौर की जांच की मांग पर मंत्री जगत नेगी ने जांच का आश्वासन दिया है.
हिमाचल में जल जीवन मिशन कहां तक पहुंचा- बीजेपी विधायक सुखराम चौधरी और रणधीर शर्मा ने प्रदेश में जल जीवन मिशन को लेकर सवाल किया, जिसपर डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में कहा कि इस मिशन के तहत पीने के पानी के अब तक 9,22,795 कनेक्शन लगे हैं. जबकि केवल 36,463 कनेक्शन लगना बाकी है.
डिप्टी सीएम ने पूर्व सीएम पर चुटकी ली- नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर दिल्ली दौरे से लौटकर सदन में आये तो डिप्टी सीएम ने उनपर चुटकी लेते कहा कि नेता प्रतिपक्ष दिल्ली गए थे. जहां केंद्रीय वित्त मंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात की है, कहीं हमारी फंडिग ना बंद करवा देना.
सदन में गूंजा पाइप खरीद का मामला- पूर्व सरकार के समय पाइप खरीद का मामला भी बुधवार को सदन में गूंजा. विधायक केवल सिंह पठानिया और सुधीर शर्मा ने अपने सवाल में पाइप की गुणवत्ता पर सवाल उठाए. केवल सिंह पठानिया ने कहा कि दिल्ली, गाजियाबाद और ओडिशा से होते हुए बद्दी और परवाणु से खरीद हुई, फर्म चेंज होती रही पर गुणवत्ता एक जैसी है. इसलिये पाइप खरीद मामले की जांच होनी चाहिए.
इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के समय करीब 2 हजार करोड़ की पाइपें खरींदी, पूर्व सरकार ने तीन तरह की पाइपें खरींदी, इसमें सबसे ज्यादा जीआई पाइपें करीब 1700 करोड़ की खरीदी गई, जल जीवन मिशन में पहले सोर्स को मजबूत किया होता तो ये स्थिति नहीं हो सकती, आखिरी चार महीनों में बेरहमी से पाइपें बांटी गई.
जनमंच को लेकर उठे सवाल- विधायक संजय रतन ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री से सवाल किया था कि पूर्व सरकार में कितने जनमंच आयोजित किए गए. इनमे कितना खर्च हुआ और कितनी शिकायतों का निपटारा हुआ. विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कुल 258 जनमंचों का आयोजन हुआ जिसपर 5.34 करोड़ रुपये खर्च हुए.
जनमंच पर हुआ हंगामा- जनमंच के खर्च को लेकर सवाल उठे तो जगत सिंह नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि ये जनमंच नहीं लंच मंच था. जहां सिर्फ भोजन पर 2.70 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. जिसके बाद सदन में हंगामा शुरु हुआ, नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जनमंच को बंद करना ठीक नहीं होगा. सदन में हंगामे के बीच सीएम सुक्खू ने हस्तक्षेप किया और कहा कि पूर्व सरकार के समय में जनमंच हुआ. इस पर 5 करोड़ से अधिक खर्च हुआ. नई सरकार में नया मंच होगा, सीएम ने नेता विपक्ष को भरोसा दिलाया कि जल्द ही सरकार नया मंच शुरू किया जाएगा. विपक्ष इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और सदन में नारेबाजी होने वाली. विपक्ष के नेता सदन में वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे.
विधानसभा स्पीकर ने विधायक विक्रमादित्य सिंह को बजट चर्चा पर बोलने के लिए कहा लेकिन विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच विधायक कुछ भी नहीं बोल पाए. विपक्ष के शोर शराबे को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी और दोपहर करीब साढ़े बारह बजे सदन शुरू हो पाया.