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जब चुराह के विधायक डॉ. हंसराज ने दी सदन में आमरण अनशन की चेतावनी, संस्थान बंद करने पर घेरी सुक्खू सरकार

सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के बजट का आज दूसरा दिन था. जिसमें पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष और चुराह से भाजपा विधायक डॉ. हंसराज ने सदन के भीतर अपने क्षेत्र की पीड़ा व्यक्त की और आमरण अनशन करने की चेतावनी दी. पढ़ें पूरी खबर...

चुराह के विधायक डॉ. हंसराज.
चुराह के विधायक डॉ. हंसराज.
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Published : Mar 15, 2023, 7:56 PM IST

Updated : Mar 16, 2023, 6:12 AM IST

चुराह के विधायक डॉ. हंसराज.

शिमला: पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष और चुराह से भाजपा विधायक डॉ. हंसराज ने बजट सत्र के दूसरे दिन सदन के भीतर ही आमरण अनशन करने की चेतावनी दे डाली. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सत्ता संभालते ही पूर्व सरकार के समय आखिरी नौ महीने के फैसले रिव्यू करते हुए 900 से अधिक संस्थान डी-नोटिफाई कर दिए. इनमें आकांक्षी जिला चंबा के भी कई संस्थान थे. चुराह के विधायक हंसराज ने इसे लेकर पीड़ा व्यक्त की और कहा कि चंबा जिले के स्कूल, कॉलेज, सब डिवीजन व अन्य संस्थान बंद करने से दुर्गम इलाकों की जनता परेशान है.

उन्होंने कहा कि यदि सीएम सुखविंदर सिंह और प्रदेश सरकार ने उनकी पीड़ा को नहीं समझा तो वे यहीं सदन में आमरण अनशन करेंगे. पूर्व की जयराम सरकार और मौजूदा सरकार की तुलना करते हुए हंसराज ने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार ने अक्टूबर 2017 में एक ही अधिसूचना में 21 कॉलेज खोले थे. उनमें से चंबा में भी दो कॉलेज खोले गए. उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार के समय जो कॉलेज खोले गए उनमें दो कॉलेजों की दूरी महज छह किलोमीटर थी. डलहौजी विधानसभा क्षेत्र में दो कॉलेज खोले गए.

एक कॉलेज सलूणी में खुला, एक भलेई में और एक लचोड़ी में खुला. जयराम सरकार सत्ता में आई तो उन्हें बंद नहीं किया गया. जनता की भलाई को देखते हुए उन्हें जारी रखा गया. आज वे कॉलेज चल रहे हैं. अक्टूबर 2017 में वीरभद्र सिंह सरकार उन कॉलेजों को खोलती है और नवंबर में आचार संहिता लग जाती है. फिर भी सत्ता में आने पर जयराम सरकार ने उन्हें फंक्शनल बनाया. हंसराज ने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार प्रदेश पर 48 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ गई थी.

हमारी सरकार के समय ये 69 हजार करोड़ पहुंचा और अब ढाई माह में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने साढ़े चार हजार करोड़ का कर्ज ले लिया है. हंसराज ने पूछा कि ये किस तरह का व्यवस्था परिवर्तन है? हंसराज ने पीड़ा जताई कि चंबा के मसरूंड में बड़ी कठिनाई से कॉलेज खुला था. एक कॉलेज 26 किलोमीटर की दूरी पर है तो दूसरा 48 किलोमीटर की दूरी पर. हंसराज ने कहा कि जयराम ठाकुर की सरकार के समय उनसे आग्रह किया गया तो मसरूंड में कॉलेज खुला.

हंसराज ने कहा कि चंबा पिछड़ा जिला है और इसके पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि चंबा में बिजली के दो ही डिवीजन है. एक तीसा में है जो चंबा से सौ किलोमीटर दूर है. दूसरा डिवीजन भरमौर में है जो 75 किलोमीटर दूर है. चंबा का डिवीजन तीन विधानसभा क्षेत्रों को कवर करता है. ये जयराम सरकार ने खोला था. ये चंबा, भरमौर व तीसा को कवर करता है. इस बार चंबा में भारी बर्फबारी हुई. हंसराज ने कहा कि यदि किसी ने बिजली का मीटर लगवाना है, सर्विस वायर बदलनी है तो क्या वो सौ किलोमीटर दूर जाएगा?

इस समय चार ट्रांसफार्मर एक महीने से फंक्शनल नहीं हैं. हंसराज ने कहा कि यहां सदन में अगर बिजली बोर्ड के अधिकारी बैठे हैं तो वे पता करें. अगर मेरी बात गलत निकली तो अभी रिजाइन कर दूंगा. आइल पंचायत में दो हफ्ते से से ट्रांसफार्मर की सुविधा नहीं मिल रही. डौरी पंचायत में यही हाल है. भारी बर्फबारी इस बार हुई. पिछले 11 साल से जनप्रतिनिधि हूं. इस दौरान कभी देवीकोठी इलाके को बंद नहीं देखा. इस बार दो महीने बंद रहा. जेसीबी भेजने का आग्रह किया, वो नहीं मिली. विधायक निधि बंद कर दी गई. बैकवर्ड प्लान का पैसा नहीं मिल रहा.

हंसराज ने कहा कि उनके क्षेत्र में 54 पिछड़ी पंचायतें हैं. तीसा में बिजली का डिवीजन खुला था, नकरोड़ में सब-डिवीजन खोला था. कॉलेज एक मसरूंड में खोला गया था. ये चंबा से 25 किलोमीटर दूर है. एक पीएचसी कोहाल में खोली थी. ये सभी को सुविधा देती थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने बंद कर दी. एक पीएचसी बैरागढ़ में खोली थी. इनके बंद होने से परेशानी आ रही है. अब सरकार पैसे का रोना रो रही है. यदि पैसे की इतनी ही फिक्र थी तो सीपीएस क्यों बनाए? इस तरह सदन में हंसराज ने अपने विधानसभा क्षेत्र की पीड़ा व्यक्त की और आमरण अनशन की चेतावनी दी.

ये भी पढ़ें: सोलन में सड़कों पर उतरे किसान और मजदूर, 'अधिकार' रैली के जरिए केंद्र सरकार के खिलाफ बोला हल्ला

चुराह के विधायक डॉ. हंसराज.

शिमला: पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष और चुराह से भाजपा विधायक डॉ. हंसराज ने बजट सत्र के दूसरे दिन सदन के भीतर ही आमरण अनशन करने की चेतावनी दे डाली. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सत्ता संभालते ही पूर्व सरकार के समय आखिरी नौ महीने के फैसले रिव्यू करते हुए 900 से अधिक संस्थान डी-नोटिफाई कर दिए. इनमें आकांक्षी जिला चंबा के भी कई संस्थान थे. चुराह के विधायक हंसराज ने इसे लेकर पीड़ा व्यक्त की और कहा कि चंबा जिले के स्कूल, कॉलेज, सब डिवीजन व अन्य संस्थान बंद करने से दुर्गम इलाकों की जनता परेशान है.

उन्होंने कहा कि यदि सीएम सुखविंदर सिंह और प्रदेश सरकार ने उनकी पीड़ा को नहीं समझा तो वे यहीं सदन में आमरण अनशन करेंगे. पूर्व की जयराम सरकार और मौजूदा सरकार की तुलना करते हुए हंसराज ने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार ने अक्टूबर 2017 में एक ही अधिसूचना में 21 कॉलेज खोले थे. उनमें से चंबा में भी दो कॉलेज खोले गए. उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार के समय जो कॉलेज खोले गए उनमें दो कॉलेजों की दूरी महज छह किलोमीटर थी. डलहौजी विधानसभा क्षेत्र में दो कॉलेज खोले गए.

एक कॉलेज सलूणी में खुला, एक भलेई में और एक लचोड़ी में खुला. जयराम सरकार सत्ता में आई तो उन्हें बंद नहीं किया गया. जनता की भलाई को देखते हुए उन्हें जारी रखा गया. आज वे कॉलेज चल रहे हैं. अक्टूबर 2017 में वीरभद्र सिंह सरकार उन कॉलेजों को खोलती है और नवंबर में आचार संहिता लग जाती है. फिर भी सत्ता में आने पर जयराम सरकार ने उन्हें फंक्शनल बनाया. हंसराज ने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार प्रदेश पर 48 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ गई थी.

हमारी सरकार के समय ये 69 हजार करोड़ पहुंचा और अब ढाई माह में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने साढ़े चार हजार करोड़ का कर्ज ले लिया है. हंसराज ने पूछा कि ये किस तरह का व्यवस्था परिवर्तन है? हंसराज ने पीड़ा जताई कि चंबा के मसरूंड में बड़ी कठिनाई से कॉलेज खुला था. एक कॉलेज 26 किलोमीटर की दूरी पर है तो दूसरा 48 किलोमीटर की दूरी पर. हंसराज ने कहा कि जयराम ठाकुर की सरकार के समय उनसे आग्रह किया गया तो मसरूंड में कॉलेज खुला.

हंसराज ने कहा कि चंबा पिछड़ा जिला है और इसके पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि चंबा में बिजली के दो ही डिवीजन है. एक तीसा में है जो चंबा से सौ किलोमीटर दूर है. दूसरा डिवीजन भरमौर में है जो 75 किलोमीटर दूर है. चंबा का डिवीजन तीन विधानसभा क्षेत्रों को कवर करता है. ये जयराम सरकार ने खोला था. ये चंबा, भरमौर व तीसा को कवर करता है. इस बार चंबा में भारी बर्फबारी हुई. हंसराज ने कहा कि यदि किसी ने बिजली का मीटर लगवाना है, सर्विस वायर बदलनी है तो क्या वो सौ किलोमीटर दूर जाएगा?

इस समय चार ट्रांसफार्मर एक महीने से फंक्शनल नहीं हैं. हंसराज ने कहा कि यहां सदन में अगर बिजली बोर्ड के अधिकारी बैठे हैं तो वे पता करें. अगर मेरी बात गलत निकली तो अभी रिजाइन कर दूंगा. आइल पंचायत में दो हफ्ते से से ट्रांसफार्मर की सुविधा नहीं मिल रही. डौरी पंचायत में यही हाल है. भारी बर्फबारी इस बार हुई. पिछले 11 साल से जनप्रतिनिधि हूं. इस दौरान कभी देवीकोठी इलाके को बंद नहीं देखा. इस बार दो महीने बंद रहा. जेसीबी भेजने का आग्रह किया, वो नहीं मिली. विधायक निधि बंद कर दी गई. बैकवर्ड प्लान का पैसा नहीं मिल रहा.

हंसराज ने कहा कि उनके क्षेत्र में 54 पिछड़ी पंचायतें हैं. तीसा में बिजली का डिवीजन खुला था, नकरोड़ में सब-डिवीजन खोला था. कॉलेज एक मसरूंड में खोला गया था. ये चंबा से 25 किलोमीटर दूर है. एक पीएचसी कोहाल में खोली थी. ये सभी को सुविधा देती थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने बंद कर दी. एक पीएचसी बैरागढ़ में खोली थी. इनके बंद होने से परेशानी आ रही है. अब सरकार पैसे का रोना रो रही है. यदि पैसे की इतनी ही फिक्र थी तो सीपीएस क्यों बनाए? इस तरह सदन में हंसराज ने अपने विधानसभा क्षेत्र की पीड़ा व्यक्त की और आमरण अनशन की चेतावनी दी.

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Last Updated : Mar 16, 2023, 6:12 AM IST
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