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कांग्रेस में वर्किंग प्रेसिडेंट कॉन्सेप्ट पर भाजपा ने उठाये सवाल, कहा- आलाकमान को नेताओं का BJP में जाने का डर

चुनावी साल में प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां तेज (himachal assembly elections 2022) हो गई हैं. वहीं, हिमाचल कांग्रेस में फेरबदल के बाद भाजपा ने तंज कसा है. भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल (Himachal BJP General Secretary Trilok Jamwal ) ने कहा है कि कांग्रेस को एक संगठन की अहमियत नहीं पता, इसलिए उन्होंने एक अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्ष की घोषणा की है.

Trilok Jamwal on working president concept in Congress
कांग्रेस में वर्किंग प्रेसिडेंट कॉन्सेप्ट पर भाजपा ने उठाए सवाल.
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Published : Apr 27, 2022, 8:25 PM IST

शिमला: भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल (Himachal BJP General Secretary Trilok Jamwal ) ने बुधवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को एक संगठन की अहमियत नहीं पता, इसलिए उन्होंने एक अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्ष की घोषणा की है. लगता है कि कांग्रेस को अपने ही अध्यक्ष पर संशय है, तभी उन्होंने एक अध्यक्ष और चार वर्किंग अध्यक्ष बना दिए. कांग्रेस जनता के बीच जाने का अवसर खो चुकी है.

त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि इस परिस्थितियों में एक अध्यक्ष अपना निर्णय (Trilok Jamwal on working president concept in Congress) कैसे ले सकेगा यह सोचने की बात है. उन्होंने आदर्श सगठन में एक ही अध्यक्ष शोभनीय होता है. उन्होंने कहा कि इस बार कांग्रेस की सारी कार्यकारिणी दिल्ली से ही घोषित हुई है. एसा पहली बार हुआ है, एक राजनीतिक दल के अध्यक्ष को उसके पदाधिकारियों को चुनने का भी अवसर प्राप्त नहीं हुआ. लगता है कि कांग्रेस इस बार केंद्र कांग्रेस की कठपुतली की तरह काम करने वाली है.

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कांग्रेस की कार्यकारिणी की घोषणा ( working president concept in Congress) हुई है, उसमें साफ दिख रहा है कि परिवारवाद को बढ़ावा दिया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनने से परिवारवाद की बड़ा उदाहरण कांग्रेस ने जनता और अपने कार्यकर्ताओं के बीच रखा है. इससे यह तो पता चल गया कि कांग्रेस में एक कार्यकर्ता कभी बड़ा नेता नहीं बन सकता. नेता बनने के लिए परिवार के सदस्यों का राजनीति में होना आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि आनन-फानन में पदाधिकारियों की घोषणा से लगता है कि कांग्रेस पार्टी को भय था कि उनके दिग्गज नेता कहीं भाजपा की सदस्यता (himachal assembly elections 2022) ग्रहण न कर लें. क्षेत्रीय संतुलन से ज्यादा कांग्रेस ने अपने नेताओं को पार्टी परिवर्तन से बचने का प्रयास किया है. कांग्रेस की यह कार्यकारिणी लंबे समय के लिए नहीं चलने वाली, नेता बनने की प्रतिस्पर्धा इस कार्यकारिणी के आड़े आती दिखाई दे रही है.


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शिमला: भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल (Himachal BJP General Secretary Trilok Jamwal ) ने बुधवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को एक संगठन की अहमियत नहीं पता, इसलिए उन्होंने एक अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्ष की घोषणा की है. लगता है कि कांग्रेस को अपने ही अध्यक्ष पर संशय है, तभी उन्होंने एक अध्यक्ष और चार वर्किंग अध्यक्ष बना दिए. कांग्रेस जनता के बीच जाने का अवसर खो चुकी है.

त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि इस परिस्थितियों में एक अध्यक्ष अपना निर्णय (Trilok Jamwal on working president concept in Congress) कैसे ले सकेगा यह सोचने की बात है. उन्होंने आदर्श सगठन में एक ही अध्यक्ष शोभनीय होता है. उन्होंने कहा कि इस बार कांग्रेस की सारी कार्यकारिणी दिल्ली से ही घोषित हुई है. एसा पहली बार हुआ है, एक राजनीतिक दल के अध्यक्ष को उसके पदाधिकारियों को चुनने का भी अवसर प्राप्त नहीं हुआ. लगता है कि कांग्रेस इस बार केंद्र कांग्रेस की कठपुतली की तरह काम करने वाली है.

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कांग्रेस की कार्यकारिणी की घोषणा ( working president concept in Congress) हुई है, उसमें साफ दिख रहा है कि परिवारवाद को बढ़ावा दिया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनने से परिवारवाद की बड़ा उदाहरण कांग्रेस ने जनता और अपने कार्यकर्ताओं के बीच रखा है. इससे यह तो पता चल गया कि कांग्रेस में एक कार्यकर्ता कभी बड़ा नेता नहीं बन सकता. नेता बनने के लिए परिवार के सदस्यों का राजनीति में होना आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि आनन-फानन में पदाधिकारियों की घोषणा से लगता है कि कांग्रेस पार्टी को भय था कि उनके दिग्गज नेता कहीं भाजपा की सदस्यता (himachal assembly elections 2022) ग्रहण न कर लें. क्षेत्रीय संतुलन से ज्यादा कांग्रेस ने अपने नेताओं को पार्टी परिवर्तन से बचने का प्रयास किया है. कांग्रेस की यह कार्यकारिणी लंबे समय के लिए नहीं चलने वाली, नेता बनने की प्रतिस्पर्धा इस कार्यकारिणी के आड़े आती दिखाई दे रही है.


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