शिमला: हिमाचल विधानसभा का विंटर सेशन बेशक पांच दिन का था, लेकिन इस छोटी अवधि में कई बातों ने ध्यान खींचा. वकालत का ज्ञान रखने वाले विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने अपने तीखे तेवरों से ये स्पष्ट कर दिया कि सदन सुप्रीम है और वे सत्ता पक्ष को भी राह दिखाने से पीछे नहीं हटेंगे.
स्पीकर कुलदीप पठानिया की सख्ती: दरअसल, सेशन के दौरान ही दूसरे दिन 20 दिसंबर को कैबिनेट की मीटिंग भी रखी गई थी. चर्चा लंबी खिंचने के कारण सेशन देर तक चला. इस दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कैबिनेट मंत्री सहित मंत्रिमंडल की बैठक में चले गए. विपक्ष ने ये मामला उठाया. स्पीकर कुलदीप पठानिया ने भी स्पष्ट किया कि सदन सुप्रीम है और इसकी अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वहीं, स्पीकर ने विपक्ष के दो सदस्यों को भी सीट पर बैठे-बैठे टिप्पणी करने के लिए सख्ती से चेताया. स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया का कहना है कि वे आसन की गरिमा के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते. सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, सभी को आसन की व्यवस्था और गरिमा का सम्मान करना होगा.
भाजपा का अनूठा प्रदर्शन: इस सेशन में विपक्षी दल भाजपा ने अपने अनूठे विरोध प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा. पांच दिन के सेशन में भाजपा ने चुनाव पूर्व कांग्रेस की गारंटियों को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किया. दूध खरीद की गारंटी पूरी न होने पर भाजपा के सदस्यों ने ग्वालों का वेश धारण किया और सदन के बाहर नाटकीय अंदाज में प्रदर्शन किया. चुराह के विधायक हंसराज ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का पात्र अभिनीत किया और बाकी सदस्यों ने उन्हें दूध बेचा.
कांग्रेस को याद दिलाई गारंटियां: इसी तरह सेब का मूल्य खुद तय करने से जुड़ी कांग्रेस की गारंटी पर नाचन के विधायक विनोद कुमार ने आढ़ती का पात्र निभाया. बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी बागवान बनकर महंगे दाम पर सेब बेचने के लिए अड़े रहे. अन्य भाजपा सदस्य भी सेब की पेटियां लेकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. दो रुपए किलो गोबर खरीदने की गारंटी को लेकर भाजपा सदस्य गोबर की टोकरियां लेकर सदन के बाहर पहुंचे. इस दौरान स्थानीय बोलियों में गारंटियों पर कांग्रेस सरकार को घेरा गया. भाजपा का ये नारा खूब चर्चित हो रहा है. नारा है-सुक्खू भाई, सुक्खू भाई, दस गरंटियां केथी पाई. यानी सुक्खू भाई उन दस गारंटियों का क्या हुआ?
भाजपा ने जताया स्पीकर का आभार: सेशन की एक और उल्लेखनीय बात ये रही कि भाजपा ने सदन के बाहर व भीतर सरकार को घेरने में अपनी विपक्षी भूमिका खूब निभाई. वॉकआउट भी हुआ, लेकिन सदन की कार्यवाही भी अच्छे से चली. भाजपा ने स्पीकर कुलदीप पठानिया का भी आभार जताया कि उन्होंने विपक्ष की आवाज को अच्छे से सुना और संरक्षण प्रदान किया. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन की कार्यवाही के अंतिम दिन सभी का आभार जताते हुए कहा कि लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर जनहित में काम करें.
ये अहम बिल हुए पारित: सेशन में सत्ता पक्ष ने भी अपनी ताकत दिखाई. विभिन्न मसलों पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी सरकार का पक्ष स्पष्ट किया. फिर चाहे मुद्दा आपदा के दौरान पर्याप्त केंद्रीय सहायता न मिलने की बात हो या कर्ज लेने की. इस दौरान सरकार ने कई अहम बिल भी सदन में पेश किए और वे पारित हुए. इनमें वाटर सेस कमीशन को वाटर कमीशन में तब्दील करना, स्टाम्प ड्यूटी बढ़ाना आदि शामिल हैं. सरकार ने गारंटियों को लेकर भी अपना पक्ष रखा. सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि भाजपा ओपीएस, स्टार्टअप फंड व प्राइमरी से अंग्रेजी पढ़ाने जैसी गारंटियों पर बात क्यों नहीं करती. सरकार ने तीन गारंटियां पूरी की हैं और बाकी भी चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएंगी.
झंडी वाली कार पर पक्ष-विपक्ष साथ: सेशन के दौरान एक मसला और भी उल्लेखनीय रहा. इस मसले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष एकमत था. मसला था माननीयों को झंडी वाली कार का. माननीय चाहते हैं कि उनका वाहन डिस्टिंक्टिव फ्लैग वाला हो, ताकि आसानी से पहचान में आ सके. माननीयों ने स्पीकर से आग्रह किया कि इस बारे में पूर्व में एक्ट में हुए संशोधन के अनुसार सरकार को मामले को अंजाम तक पहुंचाने के लिए निर्देश दें. फिलहाल, सुखविंदर सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. अब सभी की नजरें आगामी बजट सेशन पर होंगी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू अगले साल अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगे.