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हिमाचल में 2 साल में खर्च नहीं हुआ 4352 करोड़ रुपए का फंड, कई कारणों से लैप्स या अनयूटिलाइज्ड रही भारी-भरकम रकम

Himachal Assembly Winter Session 2023: हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधायक होशियार सिंह द्वारा पूछे सवाल के जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में जयराम सरकार के दौरान विभिन्न विभागों में अलग-अलग मदों के तहत दो साल में कुल 4352 करोड़ रुपए से अधिक का फंड खर्च नहीं हो पाया है.

Himachal Assembly Winter Session 2023
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 23, 2023, 7:49 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में विभिन्न विभागों में अलग-अलग मदों के तहत दो साल में कुल 4352 करोड़ रुपए से अधिक का फंड खर्च नहीं हो पाया है. विभिन्न कारणों से ये रकम या तो लैप्स हो गई या फिर अनयूटिलाइज्ड यानी अनुप्रयुक्त रही. ये रकम दो वित्तीय वर्ष 2020-21 व 2021-22 की है. वर्ष 2020-21 में 2320.93 करोड़ रुपए लैप्स अथवा अनयूटिलाइज्ड रहे. इसी तरह वर्ष 2021-22 में ये रकम 2032.27 करोड़ रुपए रही. ये खुलासा देहरा के विधायक होशियार सिंह के सवाल के जवाब में हुआ. होशियार सिंह ने सवाल किया था कि विभिन्न योजनाओं के तहत कितना फंड लैप्स हो गया अथवा अनुप्रयुक्त रहा. ये स्थगित प्रश्न था और इसके लिखित जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से उपरोक्त जानकारी दी गई.

Himachal Assembly Winter Session 2023
वित्तीय वर्ष 202 0-21 व 2021-22 में विभिन्न मदों और विभागों में लैप्स हुए फंड का ब्यौरा

हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान शुरुआती व्यवधान के बाद जब प्रश्नकाल आरंभ हुआ तो विधायक होशियार सिंह ने कहा कि विभिन्न कारणों से ये रकम अनुप्रयुक्त रही है. विधायक जानना चाहते थे कि क्या ये रकम पूरी तरह से लैप्स हो गई है या इसे कैरी फारवर्ड किया गया है. उन्होंने ये भी पूछा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं और किसकी जवाबदेही है. इसके उत्तर में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्ष 2020-21 व 2021-22 में हिमाचल में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार थी. भाजपा सरकार ये रकम खर्च करने में असफल रही.

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वित्तीय वर्ष 202 0-21 व 2021-22 में विभिन्न मदों और विभागों में लैप्स हुए फंड का ब्यौरा
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वित्तीय वर्ष 202 0-21 व 2021-22 में विभिन्न मदों और विभागों में लैप्स हुए फंड का ब्यौरा

जयराम सरकार नहीं खर्च पाई फंड की रकम: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के तहत 408.37 करोड़ रुपए का फंड खर्च करने में नाकाम रही. फिर तत्कालीन सरकार 2021-22 में 611.26 करोड़ रुपए का फंड इसी कार्यक्रम का खर्च नहीं कर पाई. तब की सरकार जनजातीय विकास क्षेत्र में 381.65 करोड़ रुपए का फंड खर्च नहीं कर सकी. विधायक होशियार सिंह ने पुलिस विभाग और एलाइड ऑर्गेनाइजेशन के संदर्भ में सवाल किया कि उपरोक्त दो वित्तीय वर्ष में क्रमश: 245.05 व 91.62 करोड़ रुपए खर्च नहीं हो पाए. ये भारी-भरकम रकम लैप्स हो गई. पुलिस वालों को डाइट मनी हर महीने 210 रुपए दी जाती है. रकम लैप्स होने से बेहतर है उनकी डाइट मनी बढ़ा दी जाए.

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वित्तीय वर्ष 202 0-21 व 2021-22 में विभिन्न मदों और विभागों में लैप्स हुए फंड का ब्यौरा
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वित्तीय वर्ष 202 0-21 व 2021-22 में विभिन्न मदों और विभागों में लैप्स हुए फंड का ब्यौरा

किस मद में कितना फंड लैप्स या अनप्रयुक्त: अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम में वर्ष 2020-21 में 408.37 करोड़ व 2021-22 में 611.26 करोड़ रुपए लैप्स हो गए. इसी तरह ट्राइबल एरिया डवलपमेंट कार्यक्रम में दो साल में क्रमश: 381.65 करोड़ व 373.40 करोड़ रुपए की रकम लैप्स हो गई. पुलिस व एलाइड ऑर्गेनाइजेशन के लिए इन दो वित्तीय वर्षों में 245.05 करोड़ रुपए व 91.62 करोड़ रुपए का फंड लैप्स हो गया. शिक्षा विभाग में 900 करोड़ रुपए से अधिक का फंड लैप्स हो गया. वित्तीय वर्ष 2020-21 में 598.28 करोड़ रुपए व 2021-22 में 348.86 करोड़ रुपए का फंड लैप्स हो गया. सरकार की तरफ से दिए गए जवाब में बताया गया कि कोविड-19 महामारी, स्टाफ की कमी व अन्य कारणों से फंड लैप्स हो गए अथवा अनुप्रयुक्त रहे.

ये भी पढ़ें: डॉक्टर्स के एनपीए पर सालाना खर्च हो रहे 132 करोड़, भविष्य में NPA न देने से सरकारी खजाने को होगी 9 करोड़ की बचत

शिमला: हिमाचल प्रदेश में विभिन्न विभागों में अलग-अलग मदों के तहत दो साल में कुल 4352 करोड़ रुपए से अधिक का फंड खर्च नहीं हो पाया है. विभिन्न कारणों से ये रकम या तो लैप्स हो गई या फिर अनयूटिलाइज्ड यानी अनुप्रयुक्त रही. ये रकम दो वित्तीय वर्ष 2020-21 व 2021-22 की है. वर्ष 2020-21 में 2320.93 करोड़ रुपए लैप्स अथवा अनयूटिलाइज्ड रहे. इसी तरह वर्ष 2021-22 में ये रकम 2032.27 करोड़ रुपए रही. ये खुलासा देहरा के विधायक होशियार सिंह के सवाल के जवाब में हुआ. होशियार सिंह ने सवाल किया था कि विभिन्न योजनाओं के तहत कितना फंड लैप्स हो गया अथवा अनुप्रयुक्त रहा. ये स्थगित प्रश्न था और इसके लिखित जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से उपरोक्त जानकारी दी गई.

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वित्तीय वर्ष 202 0-21 व 2021-22 में विभिन्न मदों और विभागों में लैप्स हुए फंड का ब्यौरा

हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान शुरुआती व्यवधान के बाद जब प्रश्नकाल आरंभ हुआ तो विधायक होशियार सिंह ने कहा कि विभिन्न कारणों से ये रकम अनुप्रयुक्त रही है. विधायक जानना चाहते थे कि क्या ये रकम पूरी तरह से लैप्स हो गई है या इसे कैरी फारवर्ड किया गया है. उन्होंने ये भी पूछा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं और किसकी जवाबदेही है. इसके उत्तर में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्ष 2020-21 व 2021-22 में हिमाचल में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार थी. भाजपा सरकार ये रकम खर्च करने में असफल रही.

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वित्तीय वर्ष 202 0-21 व 2021-22 में विभिन्न मदों और विभागों में लैप्स हुए फंड का ब्यौरा
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जयराम सरकार नहीं खर्च पाई फंड की रकम: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के तहत 408.37 करोड़ रुपए का फंड खर्च करने में नाकाम रही. फिर तत्कालीन सरकार 2021-22 में 611.26 करोड़ रुपए का फंड इसी कार्यक्रम का खर्च नहीं कर पाई. तब की सरकार जनजातीय विकास क्षेत्र में 381.65 करोड़ रुपए का फंड खर्च नहीं कर सकी. विधायक होशियार सिंह ने पुलिस विभाग और एलाइड ऑर्गेनाइजेशन के संदर्भ में सवाल किया कि उपरोक्त दो वित्तीय वर्ष में क्रमश: 245.05 व 91.62 करोड़ रुपए खर्च नहीं हो पाए. ये भारी-भरकम रकम लैप्स हो गई. पुलिस वालों को डाइट मनी हर महीने 210 रुपए दी जाती है. रकम लैप्स होने से बेहतर है उनकी डाइट मनी बढ़ा दी जाए.

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वित्तीय वर्ष 202 0-21 व 2021-22 में विभिन्न मदों और विभागों में लैप्स हुए फंड का ब्यौरा
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किस मद में कितना फंड लैप्स या अनप्रयुक्त: अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम में वर्ष 2020-21 में 408.37 करोड़ व 2021-22 में 611.26 करोड़ रुपए लैप्स हो गए. इसी तरह ट्राइबल एरिया डवलपमेंट कार्यक्रम में दो साल में क्रमश: 381.65 करोड़ व 373.40 करोड़ रुपए की रकम लैप्स हो गई. पुलिस व एलाइड ऑर्गेनाइजेशन के लिए इन दो वित्तीय वर्षों में 245.05 करोड़ रुपए व 91.62 करोड़ रुपए का फंड लैप्स हो गया. शिक्षा विभाग में 900 करोड़ रुपए से अधिक का फंड लैप्स हो गया. वित्तीय वर्ष 2020-21 में 598.28 करोड़ रुपए व 2021-22 में 348.86 करोड़ रुपए का फंड लैप्स हो गया. सरकार की तरफ से दिए गए जवाब में बताया गया कि कोविड-19 महामारी, स्टाफ की कमी व अन्य कारणों से फंड लैप्स हो गए अथवा अनुप्रयुक्त रहे.

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