शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने इंडियन टेक्नॉमैक कंपनी की सम्पति की नीलामी अनुसूची पर अपनी मुहर लगा दी है. आबकारी एवं कराधान विभाग नाहन के उपायुक्त द्वारा नीलामी अनुसूची को अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसे न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने अनुमति दी.
अदालत के समक्ष पेश कि गई नीलामी अनुसूची के मुताबिक कंपनी की 265-14-16 बीघे जमीन की नीलामी कि जाएगी. जिसमें से 99-61 बीघे भूमि पर फैक्ट्री बनाई गई है. 37-83 बीघे भूमि पर सड़क और नालियां बनाई गई है, 50-77 बीघे भूमि को फैक्ट्री के लिए खाली रखा गया है, 189-01 बीघे भूमि पर कंपनी के दिवार लगाईं है और 76-13 बीघे भूमि फैक्ट्री के बाहर है, जिसे नीलाम किया जाना है.
गौरतलब है कि इंडियन टेक्नॉमैक कंपनी में हुए करोड़ों के घोटाले के मामले में प्रदेश हाई कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में परवर्तन विभाग और सीआईडी ने शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को इंडियन टेक्नॉमैक कंपनी की सम्पति का ब्यौरा सौंपा था.
सीआईडी ने इंडियन टेक्नॉमिक कंपनी लिमिटेड जगतपुर पांवटा साहिब द्वारा राज्य सरकार का लगभग 21 सौ करोड रूपय टैक्स न अदा करने पर फैक्ट्री को आबकारी एवं कराधान विभाग ने सीज किया है. कंपनी द्वारा जारी दस्तावेजों को तैयार करके व अधिक उत्पादन दर्शा कर मात्र विभिन्न बैंकों से ऋण लेने के लिए षडयंत्र रचा गया, जिससे हिमाचल सरकार को भारी नुकसान हुआ है.
इसके अतिरिक्त इंडियन टैक्नॉमिक कंपनी के प्रबंधन ने पांवटा साहिब स्थित आबकारी एवं कराधान विभाग व अन्य विभागों से मिलीभगत करके इस कंपनी के बीच होने के बाद भी कंपनी के अंदर रखे हुए सामान व स्क्रैब को चोरी छिपे बाहर निकाला है.
बता दें कि एक स्क्रेब ट्रक को पुलिस द्वारा बरामद किया गया. कंपनी की संपत्ति को अटैच करने के उपरांत इस तरह कंपनी प्रबंधन द्वारा स्क्रेब बेचना कानूनन सही नहीं है, जो कि तत्कालीन कंपनी प्रबंधन व आबकारी विभाग के कर्मचारियों द्वारा सुनियोजित तरीके से किया गया है.
सीआईडी इस बड़े घोटाले को लेकर पुलिस स्टेशन भराड़ी में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 468, 471, 201, 217, 218, 120 बी व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(2)डी व 5 तथा 7 के तहत पिछले दो सालो से जाँच कर रही है.
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