शिमला: हाईकोर्ट में गुड़िया दुष्कर्म मामले की जांच फिर से करवाए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई फिलहाल टल गई है.
दोबारा जांच की याचिका पर टली सुनवाई
न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ के समक्ष मामले पर सुनवाई हुई जिसमें न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने सुनवाई वाले बेंच से खुद को अलग कर लिया है. अदालत में दाखिल याचिका में सीबीआई की जांच पर खामियों को उजागर करते हुए इस मामले की जांच फिर से करवाने की मांग की गई है.
सीबीआई की जांच से संतुष्ट नहीं हैं परिजन
बता दें कि कोटखाई में तीन साल पहले हुए गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर आज भी परिजन न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं. परिवार गुड़िया के लिए इंसाफ की मांग कर रहा है. हालांकि सीबीआई ने मामले को लेकर एक शख्स चिरानी को गिरफ्तार किया है, लेकिन गुड़िया के परिजन सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं हैं. परिजनों ने एक बार फिर से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए गुड़िया केस की फिर से जांच करने की मांग उठाई है. गुड़िया के परिजन ने प्रदेश हाई कोर्ट में केस की फिर से जांच के लिए याचिका दायर की है. इसके अलावा सीटिंग जज की देखरेख में मामले की जांच की मांग उठाई है.
परिजनों ने हाईकोर्ट में दाखिल की थी याचिका
गुड़िया के परिजनों के वकील का कहना है कि मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश हाई कोर्ट में मामले को लेकर फिर से याचिका दायर करने को कहा है. उन्होंने कहा कि परिजनों की तरफ से गुड़िया केस की फिर से जांच की मांग की गई है ताकि इंसाफ मिल सके. मामले में एक से अधिक लोगों की संलिप्तता है क्योंकि ब्रेन मैपिंग इसके साक्ष्य मिले हैं. बता दें कि गुड़िया कांड में सीबीआई ने अब तक एक आरोपी चिरानी को पकड़ा है, लेकिन परिजन उससे सन्तुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि उनकी बेटी को अब तक न्याय नहीं मिला है. जिसके लिए उन्होंने एक बार फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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