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गर्भवती महिला की गलत HIV रिपोर्ट से मौत का मामला, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश - दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

गर्भवती महिला को निजी अस्पताल से गलत एचआईवी रिपोर्ट के मामले में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने जांच के आदेश दिए है. परिजनों के आरोप के मुताबिक गर्भवती महिला की जान निजी अस्पताल की गलत एचआईवी रिपोर्ट के कारण हुई है.

health minister ordered probe
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Published : Aug 27, 2019, 9:07 PM IST

शिमलाः गलत एचआईवी रिपोर्ट मिलने से कोमा में गई गर्भवती महिला की आईजीएमसी में हुई मौत के मामले में प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि जांच के बाद जो भी सच्चाई सामने आएगी उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने जनता से अपील करते हुए कहा कि एचआईवी जैसे टेस्ट की सुविधा सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध है. इस प्रकार के टेस्ट सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में ही करवाएं.

वीडियो

बता दें कि रोहड़ू के निजी अस्पताल में महिला को इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान महिला का एचआईवी टेस्ट किया गया था. आरोप है कि निजी अस्पताल की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में महिला को एचआईवी पॉजीटिव बताया गया था, लेकिन आईजीएमसी में किए गए एचआईवी टेस्ट में महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी.

महिला के परिजनों ने कहा कि निजी अस्पताल ने टेस्ट करने के बाद मरीज को केएनएच शिमला के लिए रेफर किया था. केएनएच में हुए ऑपरेशन के बाद मरीज को कुछ देर होश आया था. होश में आने के दौरान डॉक्टरों ने उससे एचआईवी के बारे में पूछताछ की जिससे वो कोमा में चली गई थी. इसके बाद डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. मंगलवार को महिला ने आईजीएमसी में दम तोड़ दिया.

ये भी पढे़ंः दुकानदार को पहले मुफ्त में चखाया चिट्टा, लत लगने के बाद 2 माह में ऐंठे 5 लाख

इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने रोहड़ू के निजी अस्पताल से मामले में रिपोर्ट तलब कर ली है. निजी अस्पताल प्रबंधन से गलत एचआईवी रिपोर्ट पर जवाब मांगा है. मृतक महिला के भाई ने मामले पर पुलिस और स्वास्थ्य निदेशक से भी एक शिकायत करने की बात कही है. मृत महिला के भाई का आरोप है कि उसकी बहन की मौत अस्पताल की गलत रिपोर्ट के कारण हुई है.

ये भी पढे़ें- निजी अस्पताल ने गर्भवती को बताया HIV पॉजीटिव, IGMC में रिपोर्ट आई नेगेटिव, कोमा में महिला

वहीं, निजी अस्पताल का कहना है कि महिला को एचआईवी रिपोर्ट के बारे में नहीं बताया गया था. खून की कमी के कारण मरीज को केएनएच भेजा गया था.

शिमलाः गलत एचआईवी रिपोर्ट मिलने से कोमा में गई गर्भवती महिला की आईजीएमसी में हुई मौत के मामले में प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि जांच के बाद जो भी सच्चाई सामने आएगी उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने जनता से अपील करते हुए कहा कि एचआईवी जैसे टेस्ट की सुविधा सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध है. इस प्रकार के टेस्ट सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में ही करवाएं.

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बता दें कि रोहड़ू के निजी अस्पताल में महिला को इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान महिला का एचआईवी टेस्ट किया गया था. आरोप है कि निजी अस्पताल की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में महिला को एचआईवी पॉजीटिव बताया गया था, लेकिन आईजीएमसी में किए गए एचआईवी टेस्ट में महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी.

महिला के परिजनों ने कहा कि निजी अस्पताल ने टेस्ट करने के बाद मरीज को केएनएच शिमला के लिए रेफर किया था. केएनएच में हुए ऑपरेशन के बाद मरीज को कुछ देर होश आया था. होश में आने के दौरान डॉक्टरों ने उससे एचआईवी के बारे में पूछताछ की जिससे वो कोमा में चली गई थी. इसके बाद डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. मंगलवार को महिला ने आईजीएमसी में दम तोड़ दिया.

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इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने रोहड़ू के निजी अस्पताल से मामले में रिपोर्ट तलब कर ली है. निजी अस्पताल प्रबंधन से गलत एचआईवी रिपोर्ट पर जवाब मांगा है. मृतक महिला के भाई ने मामले पर पुलिस और स्वास्थ्य निदेशक से भी एक शिकायत करने की बात कही है. मृत महिला के भाई का आरोप है कि उसकी बहन की मौत अस्पताल की गलत रिपोर्ट के कारण हुई है.

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वहीं, निजी अस्पताल का कहना है कि महिला को एचआईवी रिपोर्ट के बारे में नहीं बताया गया था. खून की कमी के कारण मरीज को केएनएच भेजा गया था.

Intro:रोहड़ू के निजी अस्पताल पर एक गर्भवती महिला को एचआईवी पॉजीटिव बताने और सदमे से महिला की मौत के बाद अब प्रदेश सरकार ने मामले कि जांच के आदेश दे दिए है. स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि जांच के बाद जो भी सामने आयेगा उसमें नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दोषियों को बक्षा नहीं जाएगा कार्रवाई जरूरी होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने जनता से अपील की है कि इस प्रकार ने टेस्ट की सुविधा सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध है और निशुल्क है इसलिए इस प्रकार के टेस्ट सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में ही करवाएं। Body:दरअसल महिला को एचआईवी पॉजीटिव बताने के बाद निजी अस्पताल ने महिला को केएनएच शिमला रेफर कर दिया. आईजीएमसी में भी महिला का एचआईवी टेस्ट किया गया, आईजीएमसी में महिला की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई.21 अगस्त को चिड़गांव की 22 वर्षीय महिला को रोहड़ू के निजी अस्पताल में बच्चादानी की ट्यूब फटने के कारण भर्ती करवाया गया था. अस्पताल में महिला के टेस्ट किए गए. टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद निजी अस्पताल में महिला को केएनएच शिमला रेफर कर दिया.

महिला के पति के मुताबिक केएनएच में उसकी पत्नी का ऑपरेशन हुआ. ऑपरेशन के बाद उसकी पत्नी कुछ देर होश में रही. इस दौरान डॉक्टरों ने निजी अस्पताल की एचआईवी रिपोर्ट के बारे में पूछताछ की. डॉक्टरों के एचआईवी के बारे में पूछताछ करने के बाद उसकी पत्नी कोमा में चली गई. उसकी पत्नी तीन दिन से कोमा में रही जिसके बाद उसकी मौत हो गई। Conclusion:
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