शिमलाः गलत एचआईवी रिपोर्ट मिलने से कोमा में गई गर्भवती महिला की आईजीएमसी में हुई मौत के मामले में प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि जांच के बाद जो भी सच्चाई सामने आएगी उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने जनता से अपील करते हुए कहा कि एचआईवी जैसे टेस्ट की सुविधा सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध है. इस प्रकार के टेस्ट सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में ही करवाएं.
बता दें कि रोहड़ू के निजी अस्पताल में महिला को इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान महिला का एचआईवी टेस्ट किया गया था. आरोप है कि निजी अस्पताल की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में महिला को एचआईवी पॉजीटिव बताया गया था, लेकिन आईजीएमसी में किए गए एचआईवी टेस्ट में महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी.
महिला के परिजनों ने कहा कि निजी अस्पताल ने टेस्ट करने के बाद मरीज को केएनएच शिमला के लिए रेफर किया था. केएनएच में हुए ऑपरेशन के बाद मरीज को कुछ देर होश आया था. होश में आने के दौरान डॉक्टरों ने उससे एचआईवी के बारे में पूछताछ की जिससे वो कोमा में चली गई थी. इसके बाद डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. मंगलवार को महिला ने आईजीएमसी में दम तोड़ दिया.
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इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने रोहड़ू के निजी अस्पताल से मामले में रिपोर्ट तलब कर ली है. निजी अस्पताल प्रबंधन से गलत एचआईवी रिपोर्ट पर जवाब मांगा है. मृतक महिला के भाई ने मामले पर पुलिस और स्वास्थ्य निदेशक से भी एक शिकायत करने की बात कही है. मृत महिला के भाई का आरोप है कि उसकी बहन की मौत अस्पताल की गलत रिपोर्ट के कारण हुई है.
वहीं, निजी अस्पताल का कहना है कि महिला को एचआईवी रिपोर्ट के बारे में नहीं बताया गया था. खून की कमी के कारण मरीज को केएनएच भेजा गया था.