शिमला: प्रदेश की राजनीति में इन दिनों एक पत्र की चर्चा है. अचानक से एक पत्र के वायरल होने पर सियासी तूफान मच जाता है. आलम ये रहा कि खुद सीएम जयराम ठाकुर को आक्रोश में ये कहना पड़ा कि ये कीचड़ उछालने की कोशिश है और सरकार ऐसे बेसिर-पैर के पत्र लिखने वालों बेनकाब करेगी. सरकार जांच करेगी कि ये पत्र कहां से ऑरिजिनेट हुआ और इसके पीछे कौन है.
वेंटिलेटर खरीद को लेकर वायरल हुआ था एक पत्र
उधर, जिस महकमे के मुखिया के खिलाफ ये पत्र लिखा गया है, सोशल मीडिया पर उनके समर्थक भी अपने नेता के पक्ष में खड़े हो गए हैं. यहां सवाल ये उठता है कि आखिर स्वास्थ्य विभाग ही निशाने पर क्यों है? इससे पहले भी वेंटिलेटर खरीद को लेकर एक पत्र वायरल हुआ था. तब उस पत्र पर आधारित समाचार मीडिया के कुछ सेक्शन में प्रकाशित हो गए थे. बाद में वो पत्र और उसमें लगाए गए आरोप झूठे और आधारहीन साबित हुए. फिर पत्र लिखने वाले ने माफी भी मांगी.
स्वास्थ्य विभाग में कई बार हुई घोटालों की चर्चा
हिमाचल में स्वास्थ्य विभाग में कई बार घोटालों की चर्चा हुई है. इसी सरकार के कार्यकाल में धांधली को लेकर स्वास्थ्य निदेशक की कुर्सी चली गई. यही नहीं, पार्टी के कद्दावर नेता और तब के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल को अपने पद से हटना पड़ा था. इस पत्र में भी देखा गया है कि लिखने वाले ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के नाम का भी जिक्र किया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने बयान में सख्त लहजे में कहा कि ऐसे-ऐसे कई पत्र उन्हें रोज मिलते हैं. यदि लिखने वाले में हिम्मत हो तो उसे सामने आना चाहिए.
पत्र में बीबीएन में तैनात अधिकारी पर भी लगे गंभीर आरोप
इस पत्र का वजन किस कदर हल्का है, उसका पता सरकार के मुखिया की प्रतिक्रिया से लगाया जा सकता है. यही नहीं, विपक्ष की तरफ से भी सरकार को घेरने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है. उक्त पत्र में हिमाचल के फार्मा हब बीबीएन में तैनात एक अधिकारी के खिलाफ भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं. जिला सोलन के बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ यानी बीबीएन को एशिया का फार्मा हब भी कहा जाता है. यहां कई फार्मा कंपनियां हैं और अक्सर दवाइयों के सैंपल फेल होने की खबरें आती रहती हैं. ऐसे में जयराम सरकार को ये देखना होगा कि बीबीएन फार्मा हब की विश्वसनीयता बनी रहे.
सीएम जयराम ने दी प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उक्त पत्र के संदर्भ में मीडिया के सवाल के जवाब में साफ किया कि ऐसे पत्र कीचड़ उछालने की कोशिश भर हैं. उसके बाद कैबिनेट मीटिंग में शुक्रवार को कोविड व स्वास्थ्य से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए. वहीं, राजनीतिक गलियारों में भी ये चर्चा है कि पत्र में लगाए गए आरोपों में कोई दम नहीं है. चूंकि इस पूरे मामले में सीएम जयराम ठाकुर ने विस्तार से सरकार का पक्ष रख दिया है, लिहाजा संबंधित महकमे के मुखिया ने अलग से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
सीएम ने दिए कार्रवाई के संकेत
अलबत्ता उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर जरूर ये दर्ज किया है कि प्रदेश की जनता महकमे के मंत्री की साफ छवि के बारे में जानती है. फिलहाल, इस प्रकरण पर जयराम सरकार ने संकेत दिया है कि पत्र लिखने वाले का पता लगाकर कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी और जरूरत पड़ने पर एफआईआर भी दर्ज की जाएगी.
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