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आदेशों की अनुपालना नहीं की, अब HC में पेश होंगे वन विभाग के टॉप ऑफिसर

हिमाचल हाईकोर्ट ने वन विभाग के अतिरिक्त सचिव और मुख्य अरण्यपाल को कोर्ट के आदेशों की अनुपालना न करने पर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.

Himachal High Court
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Published : Sep 17, 2019, 9:19 PM IST

शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट ने वन विभाग के अतिरिक्त सचिव और मुख्य अरण्यपाल को कोर्ट के आदेशों की अनुपालना न करने पर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. ये आदेश वरिष्ठ न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने ये दिए हैं.

खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं संजीव कुमार व गुलाब सिंह द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए. मामले के अनुसार हाईकोर्ट ने वर्ष 2010 में पारित आदेशों के तहत वन विभाग को आदेश दिए थे कि वह याचिकाकर्ताओं को काम होने की एवज में लगातार नौकरी पर रखे.

वन विभाग ने याचिकाकर्ताओं को काम उपलब्ध होने के बावजूद भी नौकरी पर नहीं रखा. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि वन विभाग में काम उपलब्ध है, लेकिन विभाग जानबूझकर कर उनको नौकरी पर वापिस नहीं रख रहा है और इस तरह विभाग ने कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की है.

कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के पश्चात 14 अगस्त 2019 को वन विभाग से शपथ पत्र के माध्यम से इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा था. हाईकोर्ट ने विभाग द्वारा दायर शपथ पत्र से असंतुष्टि जताते हुए इन अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा है.

कोर्ट ने इन अधिकारियों को मामले से जुड़े तमाम दस्तावेजों को भी कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया है. मामले पर अब अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी.

शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट ने वन विभाग के अतिरिक्त सचिव और मुख्य अरण्यपाल को कोर्ट के आदेशों की अनुपालना न करने पर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. ये आदेश वरिष्ठ न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने ये दिए हैं.

खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं संजीव कुमार व गुलाब सिंह द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए. मामले के अनुसार हाईकोर्ट ने वर्ष 2010 में पारित आदेशों के तहत वन विभाग को आदेश दिए थे कि वह याचिकाकर्ताओं को काम होने की एवज में लगातार नौकरी पर रखे.

वन विभाग ने याचिकाकर्ताओं को काम उपलब्ध होने के बावजूद भी नौकरी पर नहीं रखा. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि वन विभाग में काम उपलब्ध है, लेकिन विभाग जानबूझकर कर उनको नौकरी पर वापिस नहीं रख रहा है और इस तरह विभाग ने कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की है.

कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के पश्चात 14 अगस्त 2019 को वन विभाग से शपथ पत्र के माध्यम से इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा था. हाईकोर्ट ने विभाग द्वारा दायर शपथ पत्र से असंतुष्टि जताते हुए इन अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा है.

कोर्ट ने इन अधिकारियों को मामले से जुड़े तमाम दस्तावेजों को भी कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया है. मामले पर अब अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी.

 हाईकोर्ट ने वन विभाग के अतिरिक्त सचिव एवं मुख्य अरण्यपाल को कोर्ट के आदेशों की अनुपालना न करने पर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है। वरिष्ठ न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओ संजीव कुमार व गुलाब सिंह द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए। मामले के अनुसार हाईकोर्ट ने वर्ष 2010 में पारित आदेशों के तहत वन विभाग को आदेश दिए थे कि वह याचिकाकर्ताओं को काम होने की एवज में लगातार नोकरी पर रखे। वन विभाग ने याचिकाकर्ताओं को काम  उपलब्ध होने के बावजूद भी नोकरी पर नही रखा। याचिकाकर्ताओ ने आरोप लगाया है कि वन विभाग में काम उपलब्ध है परंतु विभाग जानबूझकर कर उनको नोकरी पर वापिस नहीं रख रहा है और इस तरह विभाग ने कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की है। कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के पश्चात 14 अगस्त 2019 को वन विभाग से शपथ पत्र के माध्यम से इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। हाईकोर्ट ने विभाग द्वारा दायर शपथ पत्र से असंतुष्टि जताते हुये इन अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा है। कोर्ट ने इन अधिकारियों को मामले जुड़े तमाम दस्तावेजों को भी कोर्ट में पेश करने के आदेश जारी किया है। मामले पर सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी।
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