ETV Bharat / state

HC ने प्रदेश सरकार को एंटी सुइसाइड हेल्प लाइन नंबर जारी करने के दिए आदेश

प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर आत्महत्या निरोधक हेल्पलाइन नंबर को सक्रिय करने के आदेश दिए. हाई कोर्ट ने उक्त हेल्पलाइन नंबर के प्रचार के लिए अपने सरकारी संचार साधनों सहित विज्ञापन के माध्यम से सभी अंग्रेजी व हिंदी अखबारों में प्रकाशित करने के लिए भी कहा.

HC shimla
HC shimla
author img

By

Published : Aug 29, 2020, 9:39 PM IST

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर आत्महत्या निरोधक हेल्पलाइन नंबर को सक्रिय करने के आदेश दिए. हाईकोर्ट ने हेल्पलाइन नंबर के प्रचार के लिए अपने सरकारी संचार साधनों सहित विज्ञापन के माध्यम से सभी अंग्रेजी व हिंदी अखबारों में प्रकाशित करने के लिए भी कहा.

न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने कोविड महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान बढ़ती संख्या में आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए जरूरी व कारगर कदम उठाने की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश दिए.

भारतीय विद्यापीठ पुणे से पढ़ रहे लॉ स्टूडेंट तुषार ने याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया कि कोरोना महामारी के दौरान बहुत सारे लोग आत्महत्याएं कर रहे हैं और ऐसा लगता है कि सरकार उसी की रोकथाम में असहाय है.

याचिकाकर्ता ने गुहार लगाई है कि प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य सेवा अधिनियम, 2017 को लागू करवाया जाए. इस अधिनियम के तहत मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या की रोकथाम से संबंधित विभिन्न प्रावधान हैं. अधिनियम की धारा-18 मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के अधिकार से संबंधित है और धारा-45 राज्य मानसिक प्राधिकरण की स्थापना और धारा-29 उचित सरकार के कर्तव्यों से संबंधित है.

धारा-29 (2) विशेष रूप से देश में आत्महत्या और आत्महत्या के प्रयास को कम करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों की योजना, डिजाइन और कार्यान्वित करने के लिए उपयुक्त सरकार के कर्तव्य के बारे में है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों की विभिन्न रिपोर्टे भी हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य सेवा से संबंधित हैं.

अधिनियम की धारा-121 के तहत परिकल्पित नियमों को राज्य द्वारा निर्धारित किया जा सकता है और अन्य कर्तव्यों का पालन भी किया जा सकता है. याचिकाकर्ता की यह दलील थी कि मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के तहत प्रावधानों को यदि लागू किया जाता है तो आत्महत्याओं की संख्या पर अंकुश लगाया जा सकता है. कोर्ट ने सरकार को छह सप्ताह के भीतर याचिका का जवाब देने के आदेश दिए. इस मामले पर अगली सुनवाई 15 अक्तूबर को होगी.

पढ़ें: कंगना के खिलाफ SP शिमला के पास की गई शिकायत, SC-ST एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर आत्महत्या निरोधक हेल्पलाइन नंबर को सक्रिय करने के आदेश दिए. हाईकोर्ट ने हेल्पलाइन नंबर के प्रचार के लिए अपने सरकारी संचार साधनों सहित विज्ञापन के माध्यम से सभी अंग्रेजी व हिंदी अखबारों में प्रकाशित करने के लिए भी कहा.

न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने कोविड महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान बढ़ती संख्या में आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए जरूरी व कारगर कदम उठाने की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश दिए.

भारतीय विद्यापीठ पुणे से पढ़ रहे लॉ स्टूडेंट तुषार ने याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया कि कोरोना महामारी के दौरान बहुत सारे लोग आत्महत्याएं कर रहे हैं और ऐसा लगता है कि सरकार उसी की रोकथाम में असहाय है.

याचिकाकर्ता ने गुहार लगाई है कि प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य सेवा अधिनियम, 2017 को लागू करवाया जाए. इस अधिनियम के तहत मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या की रोकथाम से संबंधित विभिन्न प्रावधान हैं. अधिनियम की धारा-18 मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के अधिकार से संबंधित है और धारा-45 राज्य मानसिक प्राधिकरण की स्थापना और धारा-29 उचित सरकार के कर्तव्यों से संबंधित है.

धारा-29 (2) विशेष रूप से देश में आत्महत्या और आत्महत्या के प्रयास को कम करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों की योजना, डिजाइन और कार्यान्वित करने के लिए उपयुक्त सरकार के कर्तव्य के बारे में है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों की विभिन्न रिपोर्टे भी हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य सेवा से संबंधित हैं.

अधिनियम की धारा-121 के तहत परिकल्पित नियमों को राज्य द्वारा निर्धारित किया जा सकता है और अन्य कर्तव्यों का पालन भी किया जा सकता है. याचिकाकर्ता की यह दलील थी कि मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के तहत प्रावधानों को यदि लागू किया जाता है तो आत्महत्याओं की संख्या पर अंकुश लगाया जा सकता है. कोर्ट ने सरकार को छह सप्ताह के भीतर याचिका का जवाब देने के आदेश दिए. इस मामले पर अगली सुनवाई 15 अक्तूबर को होगी.

पढ़ें: कंगना के खिलाफ SP शिमला के पास की गई शिकायत, SC-ST एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.