शिमला: हिमाचल में कोरोना मामलों में हो रही बढ़ोतरी पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में कोविड अस्पतालों, वेंटिलेटर्स और बेड की संख्या बढ़ाई जाए. वहीं, कोरोना संक्रमितों को ऑक्सिमिटर्स उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं. मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने ये आदेश एक समाचार पत्र में छपी खबर पर संज्ञान लेने वाली जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पारित किए.
प्रकाशित खबर के अनुसार इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में कोरोना के मामले बढ़ने की वजह से वॉर्ड क्षमता से अधिक भर गए हैं. कोर्ट ने अपने पिछले आदेशों में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इस संबंध में उठाए गए कदमों को अवगत करवाने का निर्देश दिया था.
इन आदेशों की अनुपालना में, महाधिवक्ता ने बताया कि राज्य भर में कोविड रोगियों को उचित उपचार दिया जा रहा है. रोगियों को किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ रहा है. बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों में समर्पित कोविड देखभाल केंद्रों में कोविड रोगियों के लिए 2401 खाली बेड हैं. राज्य में समर्पित कोविड देखभाल केंद्रों में आईसीयू बेड समेत कुल 2583 बेड हैं.
कोर्ट ने कहा कि लोगों को पर्याप्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना राज्य का संवैधानिक दायित्व है. कोर्ट ने कहा कि अल्पकालिक आर्थिक लाभ को दीर्घकालिक सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण को खतरे में डालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. उन्होंने राज्य में पर्यटकों और बाहरी लोगों के प्रवेश को विनियमित करने का सुझाव दिया.
ऑनलाइन प्रशिक्षण और प्रोटोकॉल फ्रंटलाइन वर्करों को प्रशिक्षण प्रदान करने में मदद करने के लिए सक्रिय, मुफ्त और बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग, ई-कॉमर्स को प्रोत्साहित करने जैसे सुझाव दिए. आर्थिक गतिविधियों पर समय रहते विशेष प्रतिबंधों पर विचार करना, ई-लर्निंग को प्रोत्साहित करना, लेकिन पर्याप्त बुनियादी ढांचे की उपलब्धता सुनिश्चित करने जैसे सुझाव दिए.
सरकार के दायर किए गए शपथ पत्र देखने के बाद कोर्ट ने पाया कि राज्य में समर्पित कोविड अस्पतालों में पर्याप्त वेंटिलेटर्स उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं. वेंटिलेटर्स को बिलासपुर और सिरमौर जिला में बढ़ाने की आवश्यकता है. इन दोनों जिलों को केवल 4 वेंटिलेटर्स प्रदान किए गए हैं.