शिमला: कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग पर काम की जिम्मेदारी कई गुना ज्यादा बढ़ गई है. कुछ राज्यों में लोगों को इलाज के लिए बेड तक नहीं मिल पा रहे हैं. हिमाचल की बात की जाए तो यहां की मेडिकल सेवाएं अभी भी दूसरे राज्यों के मुकाबले अच्छी हैं. प्रदेश में मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में बेड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर उपलब्ध हैं.
ये है अस्पतालों में बेड क्षमता
कोरोनाकाल में प्रदेश के अस्पतालों में कुल 2,063 बेड हैं. इनमें से ऑक्सीजन वाले बेड की संख्या 1,819 हैं. आईसीयू बेड 244 हैं. फिलहाल जो बेड अभी खाली हैं, उनकी संख्या 408 है. ऑक्सीजन सहित 349 बेड खाली हैं. आईसीयू बेड 59 खाली हैं. वहीं अगर प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी की बात करें तो यहां कुल 302 बेड हैं. इसमें से 264 ऑक्सीजन बेड हैं और 38 बेड आईसीयू में हैं. वहीं, डीडीयू में 125 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं. ऑयुर्वेद अस्पताल शिमला में 45 बेड हैं.
आईजीएमसी में उपलब्ध हैं 70 वेंटिलेटर
आईजीएमसी शिमला के एमएस डॉक्टर जनक राज का कहना था कि प्रदेश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. उनका कहना था कि अस्प्ताल में अभी 304 बेड कोविड मरीजों के लिए रखे गए हैं. आईजीएमसी में उन्हीं मरीजों को लाया जाता है जो गंभीर अवस्था मे होते हैं. उन्होंने बताया कि अस्प्ताल में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. साथ ही 70 वेंटिलेटर की सुविधा भी है.
मास्क और दो गज की दूरी का करें पालन
आंकड़ों के मुताबिक तो प्रदेश के लोगों को फिलहाल स्वास्थ्य सुविधाओं की चिंता करने की जरुरत नहीं है, लेकिन लोग अगर खुद से मास्क और 2 गज की दूरी का पालन करें तो अस्पताल जाने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी और ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर ज्यादा भार भी नहीं पड़ेगा जिससे अति गंभीर मरीजों का इलाज सही से हो पाएगा.
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