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एडवांस्ड स्टडी शिमला पहुंचे राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, की दुर्लभ विरासत भवन की सराहना

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला का दौरा किया. उन्होंने परिसर का अवलोकन किया और इस दुर्लभ विरासत भवन की सराहना की. बता दें कि भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान का भवन जिसे वायसरीगल लॉज के नाम से भी जाना जाता है. यह भवन वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है. ब्रिटिशकाल समय में बने इस भवन की भव्यता और ऐतिहासिकता को देखते हुए ही लाखों देशी ओर विदेशी सैलानी यहां घूमने के लिए आते हैं.

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Published : Jan 4, 2021, 9:59 PM IST

Governor Bandaru Dattatreya visits Indian Institute of Higher Studies Shimla
फोटो.

शिमला: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला का दौरा किया. उन्होंने परिसर का अवलोकन किया और इस दुर्लभ विरासत भवन की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह भवन शिमला के प्राचीन गौरव की याद दिलाता है.

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान अतीत, वर्तमान और भविष्य का समावेश है, जो देश में उच्च अध्ययन के सर्वश्रेष्ठ केंद्र के रूप में स्थापित है. उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन की दूरदर्शिता से वायस रीगल लॉज को भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में परिवर्तित करने के फलस्वरूप यह संस्थान शोध कार्य में भारत को लाभान्वित कर रहा है.

संस्थान के निदेशक ने राज्यपाल का स्वागत किया

इससे पूर्व, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के निदेशक मकरन्द आर परांजपे ने राज्यपाल का स्वागत किया और उन्हें इस भव्य एतिहासिक इमारत बारे अवगत करवाया. इस अवसर पर राज्यपाल के परिवारजन भी उनके साथ थे.

भवन जिसे वायसरीगल लॉज के नाम से भी जाना जाता है

बता दें कि भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान का भवन जिसे वायसरीगल लॉज के नाम से भी जाना जाता है. यह भवन वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है. ब्रिटिशकाल समय में बने इस भवन की भव्यता और ऐतिहासिकता को देखते हुए ही लाखों देशी ओर विदेशी सैलानी यहां घूमने के लिए आते हैं.

शिमला: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला का दौरा किया. उन्होंने परिसर का अवलोकन किया और इस दुर्लभ विरासत भवन की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह भवन शिमला के प्राचीन गौरव की याद दिलाता है.

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान अतीत, वर्तमान और भविष्य का समावेश है, जो देश में उच्च अध्ययन के सर्वश्रेष्ठ केंद्र के रूप में स्थापित है. उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन की दूरदर्शिता से वायस रीगल लॉज को भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में परिवर्तित करने के फलस्वरूप यह संस्थान शोध कार्य में भारत को लाभान्वित कर रहा है.

संस्थान के निदेशक ने राज्यपाल का स्वागत किया

इससे पूर्व, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के निदेशक मकरन्द आर परांजपे ने राज्यपाल का स्वागत किया और उन्हें इस भव्य एतिहासिक इमारत बारे अवगत करवाया. इस अवसर पर राज्यपाल के परिवारजन भी उनके साथ थे.

भवन जिसे वायसरीगल लॉज के नाम से भी जाना जाता है

बता दें कि भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान का भवन जिसे वायसरीगल लॉज के नाम से भी जाना जाता है. यह भवन वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है. ब्रिटिशकाल समय में बने इस भवन की भव्यता और ऐतिहासिकता को देखते हुए ही लाखों देशी ओर विदेशी सैलानी यहां घूमने के लिए आते हैं.

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