शिमला: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन की वजह से 5 को सितंबर शिक्षक दिवस पर आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को स्थगित कर दिया गया था. अब इस कार्यक्रम को सोमवार को अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर आयोजित किा गया. इस कार्यक्रम में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और शिक्षा मंत्री गोंविद ठाकुर ने शिरकत की.
पीटरहॉफ में आयोजित इस कार्यक्रम में 16 शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार दिए गए, जबकि बीते वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले विकास महाजन को भी विश्व शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपने संबोधन में कहा कि अध्यापक कोरोना जैसी महामारी में छात्रों को बेहतरीन ऑनलाइन शिक्षा देने का काम कर रहे हैं. इसलिए वह दिन दूर नहीं जब हिमाचल शिक्षा में सबसे अव्वल होगा.
इस दौरान राज्यपाल ने शिक्षकों के काम को सराहा और कहा कि शिक्षक देश निर्माण में अहम भूमिका अदा करते हैं. छात्र देश का भविष्य होते हैं और अध्यापक इन छात्रों को अच्छी शिक्षा देकर देश निर्माण में सहयोग दे सकते हैं. वहीं, राज्यपाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को कार्यान्वित करने में भी अध्यापकों के अहम योगदान की बात कही. उन्होंने कहा कि हिमाचल ने सबसे पहले सभी राज्यों में इस नई शिक्षा नीति को लागू किया है.
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने सम्मानित हुए सभी अध्यापकों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में भी शिक्षक छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए इसी तरह से काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि कोविड 19 के बीच में भी छात्रों की पढ़ाई को घरों से जारी रखने के लिए 'हर घर पाठशाला' कार्यक्रम के माध्यम से ऑनलाइन ही छात्रों को पढ़ाया गया. हालांकि, प्रदेश में कुछ क्षेत्रों में छात्रों के पास मोबाइल फोन ना होने और नेटवर्क की दिक्कत होने की जरूरत है.
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि इस कार्यक्रम में कुछ एक समस्याएं सामने आई, लेकिन उनका निदान शिक्षकों ने घर-घर जाकर छात्रों को नोट्स देकर किया. जिससे की छात्र घर से ऑफलाइन माध्यम से भी अपनी पढ़ाई को जारी रख पाएं. शिक्षकों ने अपनी ओर से एक मुहिम भी चलाई और जो जरूरतमंद छात्र थे, उन्हें स्मार्टफोन भी मुहैया करवाए गए, जिससे की छात्र आसानी से अपनी पढ़ाई को कोरोना संकट के बीच में भी जारी रखा.
इस अवसर पर शिक्षकों को शिक्षा में किए गए नवाचारों और प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया. शिक्षक पुरस्कार पाकर काफी खुश नजर आए. कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया गया. कोरोना की वजह से अवॉर्ड पाने वाले शिक्षकों को अपने साथ कम ही लोग लाने के निर्देश दिए गए थे.
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