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कोरोना पॉजिटिव होने घर में रेमडेसिविर का सेवन न करें, इन बातों का भी रखें ख्याल - हिमाचल हिंदी न्यूज

होम आइसोलेशन में दवाइयों के संबंध में घर में रेमडेसिविर का सेवन न करने की साफ तौर पर सलाह दी जाती है. कोविड पाॅजिटिव रोगी को घर के अन्य सदस्यों से अलग रहना चाहिए. उन्हें विशेषकर बुजुर्गों और उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधि रोग, किडनी रोग आदि जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों से दूर रहना चाहिए.

Remdesivir
रेमडेसिविर
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Published : Apr 30, 2021, 9:00 PM IST

शिमला: प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार होम आइसोलेशन में कोविड रोगी खुद को किसी भी तरह के लक्षण सामने न आने के लगभग 10 दिन के बाद तीन दिनों तक बुखार न होने पर होम आइसोलेशन से बाहर आ सकता है. होम आइसोलेशन अवधि पूरी होने के बाद कोविड जांच की आवश्यकता नहीं है. होम आइसोलेशन में दवाइयों के संबंध में घर में रेमडेसिविर का सेवन न करने की साफ तौर पर सलाह दी जाती है. ओरल स्टिराॅयड्ज की भी सीमित भूमिका है. पांच दिनों तक लक्षण समाप्त नहीं होने की स्थिति में इनहेशनल बुडेसोनाइड का उपयोग कर सकते हैं.

तीन परत वाला मास्क पहनें

कोविड पाॅजिटिव रोगी को घर के अन्य सदस्यों से अलग रहना चाहिए. उन्हें विशेषकर बुजुर्गों और उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधि रोग, किडनी रोग आदि जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों से दूर रहना चाहिए. रोगियों को हर समय तीन परत वाले मास्क केवल आठ घंटे तक उपयोग में लाने चाहिए. रोगी को पौष्टिक आहार और पर्याप्त आराम करने के साथ-साथ शरीर को पानी की कमी से बचाने के लिए अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए. बीमार व्यक्ति की देखभाल के लिए हर समय कोई सहायक उपस्थित होना चाहिए. रोगी को अपने नाक और मुंह को छूने से बचना चाहिए.

रोगी की सांस के सीधे संपर्क में न आएं

रोगी के संपर्क में आने के बाद साबुन या अल्कोहलयुक्त हैंड रब से 40 सेकेंड तक हाथ धोने चाहिए. बीमार व्यक्ति या उसके तत्कालीन संपर्क में आए लोगों से दूर रहना चाहिए और रोगी की सांस के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए. रोगियों की देखभाल करते समय डिस्पोजेबल दस्तानों का इस्तेमाल करें और उन्हें कमरे में ही भोजन उपलब्ध करवाएं. रोगियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले बर्तनों को साबुन और डिटर्जेंट से साफ किया जाना चाहिए, ताकि इन्हें दोबारा इस्तेमाल किया जा सकें. उन्होंने कहा कि मरीज अपने लक्षणों के प्रति सचेत रहें और यदि उन्हें सांस लेने में तकलीफ, ऑक्सीजन स्तर में गिरावट, छाती में दर्द और मानसिक तनाव जैसे लक्षण आए तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क करें.

भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का करें पालन

अधिकतम मामले हल्के लक्षण या लक्षण रहित देखे गए हैं. ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने को कहा गया है. इस संबंध में भारत सरकार द्वारा संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. प्रयोगशाला में पाॅजिटिव मामले जिनमें कोई भी लक्षण नहीं है और ऑक्सीजन का स्तर सामान्य तौर पर 94 प्रतिशत से अधिक है वे नैदानिक रूप से लक्षणरहित हैं. इसके अलावा सभी पाॅजिटिव मामले जिनमें बुखार और सांस की समस्या संबंधी लक्षण नहीं है और ऑक्सीजन स्तर 94 प्रतिशत से अधिक है, उनको हल्के लक्षण वाले मामलों में शामिल किया गया है. चिकित्सा अधिकारी के परामर्श पर ऐसे लक्षणों वाले लोगों को खुद को आइसोलेट करना चाहिए.

ये भी पढ़ें- कोविड फंड में जुटे 85.30 करोड़, जिलों और विभागों को जारी किए 66 करोड़ से अधि

शिमला: प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार होम आइसोलेशन में कोविड रोगी खुद को किसी भी तरह के लक्षण सामने न आने के लगभग 10 दिन के बाद तीन दिनों तक बुखार न होने पर होम आइसोलेशन से बाहर आ सकता है. होम आइसोलेशन अवधि पूरी होने के बाद कोविड जांच की आवश्यकता नहीं है. होम आइसोलेशन में दवाइयों के संबंध में घर में रेमडेसिविर का सेवन न करने की साफ तौर पर सलाह दी जाती है. ओरल स्टिराॅयड्ज की भी सीमित भूमिका है. पांच दिनों तक लक्षण समाप्त नहीं होने की स्थिति में इनहेशनल बुडेसोनाइड का उपयोग कर सकते हैं.

तीन परत वाला मास्क पहनें

कोविड पाॅजिटिव रोगी को घर के अन्य सदस्यों से अलग रहना चाहिए. उन्हें विशेषकर बुजुर्गों और उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधि रोग, किडनी रोग आदि जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों से दूर रहना चाहिए. रोगियों को हर समय तीन परत वाले मास्क केवल आठ घंटे तक उपयोग में लाने चाहिए. रोगी को पौष्टिक आहार और पर्याप्त आराम करने के साथ-साथ शरीर को पानी की कमी से बचाने के लिए अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए. बीमार व्यक्ति की देखभाल के लिए हर समय कोई सहायक उपस्थित होना चाहिए. रोगी को अपने नाक और मुंह को छूने से बचना चाहिए.

रोगी की सांस के सीधे संपर्क में न आएं

रोगी के संपर्क में आने के बाद साबुन या अल्कोहलयुक्त हैंड रब से 40 सेकेंड तक हाथ धोने चाहिए. बीमार व्यक्ति या उसके तत्कालीन संपर्क में आए लोगों से दूर रहना चाहिए और रोगी की सांस के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए. रोगियों की देखभाल करते समय डिस्पोजेबल दस्तानों का इस्तेमाल करें और उन्हें कमरे में ही भोजन उपलब्ध करवाएं. रोगियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले बर्तनों को साबुन और डिटर्जेंट से साफ किया जाना चाहिए, ताकि इन्हें दोबारा इस्तेमाल किया जा सकें. उन्होंने कहा कि मरीज अपने लक्षणों के प्रति सचेत रहें और यदि उन्हें सांस लेने में तकलीफ, ऑक्सीजन स्तर में गिरावट, छाती में दर्द और मानसिक तनाव जैसे लक्षण आए तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क करें.

भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का करें पालन

अधिकतम मामले हल्के लक्षण या लक्षण रहित देखे गए हैं. ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने को कहा गया है. इस संबंध में भारत सरकार द्वारा संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. प्रयोगशाला में पाॅजिटिव मामले जिनमें कोई भी लक्षण नहीं है और ऑक्सीजन का स्तर सामान्य तौर पर 94 प्रतिशत से अधिक है वे नैदानिक रूप से लक्षणरहित हैं. इसके अलावा सभी पाॅजिटिव मामले जिनमें बुखार और सांस की समस्या संबंधी लक्षण नहीं है और ऑक्सीजन स्तर 94 प्रतिशत से अधिक है, उनको हल्के लक्षण वाले मामलों में शामिल किया गया है. चिकित्सा अधिकारी के परामर्श पर ऐसे लक्षणों वाले लोगों को खुद को आइसोलेट करना चाहिए.

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