शिमला: प्रदेश सरकार राज्य में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करने के दावे करती आई है लेकिन स्वास्थ्य विभाग में काम करने वालों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. इसका अंदाजा आईजीएसमसी में काम करने वाले कर्मचारियों के सरकारी मकान की हालत देख कर लगाया जा सकता है.
सरकारी मकानों की हालत खस्ता हो चुकी है. 40 साल पुराना दो मंजिला मकान लकड़ी से बना हुआ है, जिसकी लकड़ी पूरी तरह से सड़ चुकी है और टूटने के कगार पर है. ऐसी स्थिति में मकान कभी भी ढह सकता है.
बारिश में घरों में टपकता है पानी
इस भवन में कुल 30 परिवार रहते हैं. तेज बारिश में कमरों की छत से पानी टपकना शुरु हो जाता है. भवन में बिजली की तारे भी खुले में लटक रही है जिससे कभी भी करंट लग सकता है. लेकिन आईजीएमसी प्रशासन को इसकी कोई खबर नही हैं.
ये भी पढ़े: अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला: कंवर ग्रेवाल के नाम रही पांचवीं सांस्कृतिक संध्या, सूफी गानों से मदहोश हुआ पंडाल
भवन में रहने वाले लोगों का कहना था कि इस भवन की सब दीवारें सड़ चुकी है जो कभी भी टूट सकती है. उनका कहना था कि 40 साल से इस भवन की कोई रिपेयरिंग नही हुई है और प्रशासन को कई बार इस बारे में अवगत करवाया गया है लेकिन कोई कारवाई नही हुई.
गौरतलब है की बारिश से कई भवनों के गिरने के मामले सामने आ रहे है और अभी हाल ही में कुम्हारहटी में बारिश से एक भवन ढह गया था जिसमे कई लोगों की मौत हो गयी थी. लेकिन प्रशासन कोई बड़ा हादसा होने के बाद ही जागता है.