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मौत के साए में जीने को मजबूर 30 परिवार, ढ़हने के कगार पर है IGMC कर्मचारियों का मकान

आईजीएसमसी में काम करने वाले कर्मचारियों के सरकारी मकान टूटने के कगार पर है और प्रशासन को कई बार इस बारे में अवगत करवाया गया है लेकिन अब तक कोई कारवाई नहीं हुई.

आईजीएसमसी के सरकारी मकान की खस्ता हालत
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Published : Aug 2, 2019, 2:54 PM IST

Updated : Aug 2, 2019, 4:47 PM IST

शिमला: प्रदेश सरकार राज्य में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करने के दावे करती आई है लेकिन स्वास्थ्य विभाग में काम करने वालों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. इसका अंदाजा आईजीएसमसी में काम करने वाले कर्मचारियों के सरकारी मकान की हालत देख कर लगाया जा सकता है.

सरकारी मकानों की हालत खस्ता हो चुकी है. 40 साल पुराना दो मंजिला मकान लकड़ी से बना हुआ है, जिसकी लकड़ी पूरी तरह से सड़ चुकी है और टूटने के कगार पर है. ऐसी स्थिति में मकान कभी भी ढह सकता है.

बारिश में घरों में टपकता है पानी

इस भवन में कुल 30 परिवार रहते हैं. तेज बारिश में कमरों की छत से पानी टपकना शुरु हो जाता है. भवन में बिजली की तारे भी खुले में लटक रही है जिससे कभी भी करंट लग सकता है. लेकिन आईजीएमसी प्रशासन को इसकी कोई खबर नही हैं.

ये भी पढ़े: अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला: कंवर ग्रेवाल के नाम रही पांचवीं सांस्कृतिक संध्या, सूफी गानों से मदहोश हुआ पंडाल

भवन में रहने वाले लोगों का कहना था कि इस भवन की सब दीवारें सड़ चुकी है जो कभी भी टूट सकती है. उनका कहना था कि 40 साल से इस भवन की कोई रिपेयरिंग नही हुई है और प्रशासन को कई बार इस बारे में अवगत करवाया गया है लेकिन कोई कारवाई नही हुई.

गौरतलब है की बारिश से कई भवनों के गिरने के मामले सामने आ रहे है और अभी हाल ही में कुम्हारहटी में बारिश से एक भवन ढह गया था जिसमे कई लोगों की मौत हो गयी थी. लेकिन प्रशासन कोई बड़ा हादसा होने के बाद ही जागता है.

शिमला: प्रदेश सरकार राज्य में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करने के दावे करती आई है लेकिन स्वास्थ्य विभाग में काम करने वालों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. इसका अंदाजा आईजीएसमसी में काम करने वाले कर्मचारियों के सरकारी मकान की हालत देख कर लगाया जा सकता है.

सरकारी मकानों की हालत खस्ता हो चुकी है. 40 साल पुराना दो मंजिला मकान लकड़ी से बना हुआ है, जिसकी लकड़ी पूरी तरह से सड़ चुकी है और टूटने के कगार पर है. ऐसी स्थिति में मकान कभी भी ढह सकता है.

बारिश में घरों में टपकता है पानी

इस भवन में कुल 30 परिवार रहते हैं. तेज बारिश में कमरों की छत से पानी टपकना शुरु हो जाता है. भवन में बिजली की तारे भी खुले में लटक रही है जिससे कभी भी करंट लग सकता है. लेकिन आईजीएमसी प्रशासन को इसकी कोई खबर नही हैं.

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भवन में रहने वाले लोगों का कहना था कि इस भवन की सब दीवारें सड़ चुकी है जो कभी भी टूट सकती है. उनका कहना था कि 40 साल से इस भवन की कोई रिपेयरिंग नही हुई है और प्रशासन को कई बार इस बारे में अवगत करवाया गया है लेकिन कोई कारवाई नही हुई.

गौरतलब है की बारिश से कई भवनों के गिरने के मामले सामने आ रहे है और अभी हाल ही में कुम्हारहटी में बारिश से एक भवन ढह गया था जिसमे कई लोगों की मौत हो गयी थी. लेकिन प्रशासन कोई बड़ा हादसा होने के बाद ही जागता है.

Intro:राजधानी में मौत के साए में जीने को मजबूर 30परिवार
बारिष में लगा रहता है हादसा होने का डर ।
शिमला।
प्रदेश में सरकार स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करने का दावा करती आई है लेकिन स्वास्थ्य विभाग में काम करने वालो की दशा बद से बत्तर होती जा रही है ये अंदाजा आईजीएसमसी में काम करने वाले कर्मचारियों के सरकारी मकान में रहने वाले लोगो की हालत देख कर लगाया जा सकता है।



Body:आईजीएसमसी के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सरकारी मकानों की हालत खस्ता हो चुकी है । दो मंजिला मकान 40साल पुराना है और लकड़ी का बना है जो अब सड़ चुकी है और टूटने के कगार पर है ऐसी स्थिति में मकान में रहने वाले लोगो को डर सताने लगा है कि कहि तेज बारिश में यह मकान गिर ना जाए।
इस भवन में 30 परिवारों के लोग रहते है जिनमे उनके छोटे -छोटे बच्चे भी रहते है जिनमे भी यह डर सताने लगा है कि भवन कहि गिर ना जाये ।

बारिश में घरों में टपकता है पानी।
जब भी बारिश होती है तो भवन में रहने वाले लोगो के कमरों में जगह ,जगह से पानी टपकना शूरु हो जाता है और कमरे में रखा सारा सामान भीग जाता है। यही हालत भवन में रहने वाले सभी के लोगो की है । यही नही भवन में बिजली की तारे भी खुले में लटक रही है जिसमे कभी भी करंट लगा सकता है ।लेकिन आइजीएमसी प्रशासन इस भवन की रिपेयर करने की कोशिस तक नही कर रहा है।



Conclusion:भवन में रहने वाले लोगो से जब बात की गई तो उनका सबका यही कहना था कि इस भवन में सारी दीवार सड़ चुकी है लड़कीं के छत व फर्श सड़ चुके है और कभी भी टूट सकते है । उनका कहना था कि 40 साल से यह भवन जैसा था वैसे ही है इसमें कोई रिपेयर नही हुई है और प्रशासन को कई बार इस बारे अवगत करवाया गया है लेकिन कोई असर नही हुआ।
गौरतलब है की बारिश से कई भवनों के गिरने के मामले।सामने आ रहे है और अभी हाल ही में कुम्हारहटी में बारिश से एक भवन जमीदोज हो गया था जिसमे लोगो की मौत भी हो गयी थी बीते साल शिमला में भी कई जगह मकान गिरे थे इसके बाद भी प्रशासन कोई कार्रवाई नही कर रहा है कोई बड़ा हादसा होने के बाद ही प्रशासन जागता है।
Last Updated : Aug 2, 2019, 4:47 PM IST
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