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हिमाचल के इस जिले में नहीं आया दुष्कर्म का एक भी मामला, जानिए किस जिले में हुए कितने अपराध - Himachal crime data

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सरकार से प्रदेश में हुई आपराधिक वारदातों का रिकॉर्ड मांगा गया था. सरकार की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक लाहौल स्पीति में सबसे कम अपराध हुए हैं.

कॉन्सेप्ट इमेज
कॉन्सेप्ट इमेज (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 22, 2024, 4:49 PM IST

Updated : Sep 22, 2024, 4:58 PM IST

शिमला: देशभर में महिला अपराधों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. हाल ही में कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के बाद से पूरा देश गुस्से से उबल गया था, लेकिन भारत का एक ऐसा जिला जहां महिलाओं के साथ दुष्कर्म का कोई मामला सामने नहीं आया है.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान करसोग से बीजेपी विधायक दीपराज ने सरकार से सवाल पूछा था कि, पिछले डेढ़ साल से दिनांक 31.04.2024 तक प्रदेश में कितने हत्या, बलात्कार, चोरी, डकैती और झगड़ों के मामले दर्ज किए गए. इनकी रोकथाम के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.

जिलों का आपराधिक रिकॉर्ड

सरकार की ओर से दिए गए जवाब सामने आया कि लाहौल स्पीति में बलात्कार और डकैती का एक भी मामला सामने नहीं आया है. वहीं, मंडी में बलात्कार के सबसे अधिक 75 मामले सामने आया है. वहीं, सोलन में चोरी के सबसे अधिक 206 मामले सामने आए हैं. लाहौल स्पीति में चोरी के सबसे कम 3 मामले सामने आए हैं. शिमला में हत्या के सबसे अधिक 24 और लाहौल स्पीति में सबसे कम एक मामला सामना आया है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले डेढञ साल से 31.04.2024 तक हिमाचल में रेप के 498, हत्या के 138, चोरी के 1643 मामले सामने आए.

राज्यवार आंकड़े
राज्यवार आंकड़े (ETV BHARAT)

अपराध रोकने के लिए सरकार की ओल से उठाए जा रहे कदम

आपराधिक वारदातों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए सरकार ने कहा कि रात्रि गश्त और नाकाबन्दी को प्रभावी रूप से बढ़ाया गया है, सन्देहजनक स्थानों सादे कपड़ों मे जवानों को संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी हासिल करने के लिए तैनात किया गया है. होटल मालिकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि सभी पर्यटकों के फोटो पहचान पत्र को चेक करने के बाद ही ठहरने की अनुमति दी जाए. माननीय उच्चतम न्यायालय की ओर समय-समय पर अपराध को रोकने के लिए जारी दिशा निर्देशों की अनुपालना की जा रही है. अपराध में संलिप्त व्यक्तियों का जिला स्तर पर डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है व अपराधियों की मॉडस ऑपरेंडी का का पता लगाया जा रहा है.

चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए गांव-नगरपालिका के क्षेत्र को जहां पर अधिक चोरियां होती हैं, ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है. महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महिला हेल्प लाइन नम्बर 1091 जारी किया गया है और महिला पुलिस बल से विरांगना स्कूटी पर नियमित गश्त करवाई जा रही है. सीसीटीवी के माध्यम से संवेदनशील स्थानों की निगरानी की जा रही है.

इसके अतिरिक्त, बाहरी राज्यों से आने वाले कामगारों व अन्य के द्वारा भी हत्याएं और चोरियां की जाती हैं, इसलिए बाहरी राज्यों से आने वाले सभी कामगारों का पंजीकरण किया जा रहा है. पुलिस द्वारा नियमित रूप से जनता के साथ सम्पर्क किया जा रहा है, जिससे अपराध की रोकथाम और दोषियों की पहचान में सहयोग मिल सके.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में अगले महीने से नहीं मिलेगा मुफ्त पानी, ग्रामीणों को प्रति कनेक्शन चुकाने होंगे 100 रुपये

ये भी पढ़ें: हिमाचल में अगले महीने से मिलेगी महंगी बिजली, 300 यूनिट से ज्यादा खर्च करने पर सब्सिडी बंद

शिमला: देशभर में महिला अपराधों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. हाल ही में कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के बाद से पूरा देश गुस्से से उबल गया था, लेकिन भारत का एक ऐसा जिला जहां महिलाओं के साथ दुष्कर्म का कोई मामला सामने नहीं आया है.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान करसोग से बीजेपी विधायक दीपराज ने सरकार से सवाल पूछा था कि, पिछले डेढ़ साल से दिनांक 31.04.2024 तक प्रदेश में कितने हत्या, बलात्कार, चोरी, डकैती और झगड़ों के मामले दर्ज किए गए. इनकी रोकथाम के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.

जिलों का आपराधिक रिकॉर्ड

सरकार की ओर से दिए गए जवाब सामने आया कि लाहौल स्पीति में बलात्कार और डकैती का एक भी मामला सामने नहीं आया है. वहीं, मंडी में बलात्कार के सबसे अधिक 75 मामले सामने आया है. वहीं, सोलन में चोरी के सबसे अधिक 206 मामले सामने आए हैं. लाहौल स्पीति में चोरी के सबसे कम 3 मामले सामने आए हैं. शिमला में हत्या के सबसे अधिक 24 और लाहौल स्पीति में सबसे कम एक मामला सामना आया है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले डेढञ साल से 31.04.2024 तक हिमाचल में रेप के 498, हत्या के 138, चोरी के 1643 मामले सामने आए.

राज्यवार आंकड़े
राज्यवार आंकड़े (ETV BHARAT)

अपराध रोकने के लिए सरकार की ओल से उठाए जा रहे कदम

आपराधिक वारदातों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए सरकार ने कहा कि रात्रि गश्त और नाकाबन्दी को प्रभावी रूप से बढ़ाया गया है, सन्देहजनक स्थानों सादे कपड़ों मे जवानों को संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी हासिल करने के लिए तैनात किया गया है. होटल मालिकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि सभी पर्यटकों के फोटो पहचान पत्र को चेक करने के बाद ही ठहरने की अनुमति दी जाए. माननीय उच्चतम न्यायालय की ओर समय-समय पर अपराध को रोकने के लिए जारी दिशा निर्देशों की अनुपालना की जा रही है. अपराध में संलिप्त व्यक्तियों का जिला स्तर पर डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है व अपराधियों की मॉडस ऑपरेंडी का का पता लगाया जा रहा है.

चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए गांव-नगरपालिका के क्षेत्र को जहां पर अधिक चोरियां होती हैं, ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है. महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महिला हेल्प लाइन नम्बर 1091 जारी किया गया है और महिला पुलिस बल से विरांगना स्कूटी पर नियमित गश्त करवाई जा रही है. सीसीटीवी के माध्यम से संवेदनशील स्थानों की निगरानी की जा रही है.

इसके अतिरिक्त, बाहरी राज्यों से आने वाले कामगारों व अन्य के द्वारा भी हत्याएं और चोरियां की जाती हैं, इसलिए बाहरी राज्यों से आने वाले सभी कामगारों का पंजीकरण किया जा रहा है. पुलिस द्वारा नियमित रूप से जनता के साथ सम्पर्क किया जा रहा है, जिससे अपराध की रोकथाम और दोषियों की पहचान में सहयोग मिल सके.

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Last Updated : Sep 22, 2024, 4:58 PM IST
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