शिमला: राजधानी के तहसील ठियोग की रहने वाली गरिमा मुबंई में होने जा रहे मिस इंडिया कॉन्टेस्ट में हिमाचल का प्रतिनिधित्व करेगी. बीते 5 मार्च को दिल्ली में गरिमा ने मिस इंडिया हिमाचल का खिताब जीता है.
दिल्ली में कलर्स फेमिना मिस इंडिया में उत्तरी भारत के सात राज्यों से एक-एक युवती का चयन हुआ है. जिसमें हिमाचल राज्य से गरिमा को चुना गया है. गरिमा अब 15 जून को मुबंई में होने वाले मिस इंडिया कॉन्टेस्ट की तैयारियों में जुट गई हैं. गरिमा का अगला लक्ष्य मिस इंडिया का खिताब जीतना है.
बता दें कि फाइनल से पहले मिस इंडिया ऑर्गेनाइजेशन द्वारा गरिमा को कड़े परीक्षण व गुरमिंग के विभिन्न कठिन स्तर से गुजरना पड़ा. उनका कहना है कि साल 2014 में वह मिस शिमला सेकेंड रनरअप रही थी. 2018 में मिस हिमाचल की प्रतियोगिता में भाग लिया था जिसमें टाइटल विनर रही थी. जिसके बाद अब दिल्ली में मिस इंडिया हिमाचल का खिताब जीता है.
गरिमा का कहना है कि जब स्कूल में मिस फेयरवेल चुनी गई थी, तो उसी दिन से ठान लिया था कि आगे इसी फील्ड में ऊंचाइयों को छूना है. जिसके लिए अब वह दिन रात मेहनत कर रही है. अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने अपने पिता व माता को दिया है. उन्होंने कहा कि परिवार का उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है. यदि मन में कुछ करने की ठान लो तो सफलता जरूर कदम चूमती है. लड़कियों व महिलाओं को अपनी इच्छाओं को मन में नहीं दबाना चाहिए. अपनी जिंदगी में वह जो भी करना चाहती है उसे हासिल करने के लिए मेहनत करें, ताकि भविष्य में मन मे कोई मलाल न रहे.
गरिमा शिमला जिला के तहसील ठियोग के गांव हलोठू की रहने वाली है और अपने माता पिता के साथ शिमला कसुम्पटी में रहती है. गरिमा के पिता सनाइक मस्तराम वर्मा स्वास्थ्य विभाग व माता अमन वर्मा निजी संस्थान में कार्यरत है. गरिमा की स्कूल की शिक्षा शिमला के हनोलट पब्लिक स्कूल से पूरी की है. जिसके बाद सेंट बीड्स कॉलेज से बीकॉम व एचपीयू से एमकॉम व पीजीडीसीए की पढ़ाई पूरी की. गरिमा के पिता मस्तराम वर्मा ने कहा है कि मुझे मेरी बेटी पर नाज़ है. गरिमा ने हिमाचल का नाम रोशन किया है. अब बस इंतजार है तो मुंबई में होने वाली प्रतियोगिता का मुझे विश्वास है कि गरिमा यब प्रतियोगिता जरूर जीतेगी.