रामपुर: देशभर में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन किया गया है. वहीं, प्रदेश में भी कर्फ्यू लगा कर लोगों को घरों में रहने के निर्देश दिए गए हैं. कर्फ्यू के दौरान लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
सबसे ज्यादा परेशानी किसान-बागवानों को पेश आ रही है. प्रदेश में सेब की फसल अधिकतर लोगों की आमदनी का साधन है. ऐसे में सेब की फसल पर छिड़काव की जाने वाली दवाईयां न मिलने से बागवान काफी चिंतित हो गए है.
चार जिलों के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों के हजारों बागवान सेब की फसल पर छिड़कने वाली दवाओं की खरीदारी के लिए रामपुर पहुंचते हैं. शिमला, किन्नौर, कुल्लू और मंडी के बागवान भी दवा और खेतों में इस्तेमाल होने वाले औजार रामपुर बाजार से भी खरीदते हैं. सेब, नकदी फसलों और सब्जियों का उत्पादन भी इन्ही जिलों में अधिक होता है.
बागवानों का कहना है कि इन दिनों सेब के बगीचों में कीटनाशक का छिड़काव करना जरूरी था,लेकिन सेब की फसल पर छिड़काव की दवाईया नहीं मिल पा रही है. इससे फसल को नुक्सान हो सकता है और किसानों की आमदनी पर भी बुरा असर हो सकता है.