शिमला: कोरोना संकट काल में सबसे बड़ी मार उन प्रवासी मजदूरों और गरीबों पर पड़ी है. जिनके पास इस वक्त ना रोजी रोटी का साधन है और ना दो जून की रोटी के लिए बचत. ऐसे में केंद्र सरकार ने गरीब और प्रवासी मजदूरों के लिए मुफ्त राशन देने का ऐलान किया. हिमाचल में भी केंद्र सरकार की इस योजना के तहत राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है.
लॉकडाउन के दौरान कई मजदूर हिमाचल प्रदेश में फंस गए. जिनकी दो जून की रोटी का संकट दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने मुफ्त राशन देने का ऐलान किया. अकेले कुल्लू जिले में 1 हजार 20 क्विंटल चावल खाद्य आपूर्ति विभाग तक पहुंच चुका है. जिन्हें 10 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों में बांटा जाएगा.
उधर मंडी जिले में भी प्रशासन की तरफ लॉकडाउन के दौरान कई चरण में राशन बांटा गया. जिसमें स्थानीय जरूरतमंद लोगों के अलावा प्रवासी मजदूर भी शामिल हैं. जिला उपायुक्त के मुताबिक 30 हजार से ज्यादा जरूरतमंदों को राशन पहुंचाया गया है और उनकी कोशिश है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी भूखा ना रहे.
सिरमौर जिले में भी सरकार की मुफ्त राशन योजना के तहत प्रवासी मजदूरों के साथ तमाम जरूरतमंद परिवारों को प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल और हर परिवार को एक किलो काला चना दिया जा रहा है.
स्थानीय लोगों को राशन कार्ड पर ये राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है जबकि प्रवासियों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए एक फॉर्म भरना होगा. संकट की घड़ी में प्रवासी परिवार इस योजना का लाभ उठा रहे हैं.
देशभर में लॉकडाउन को दो महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है और हिमाचल में कर्फ्यू जारी है. इस दौरान सबसे दुर्गति प्रवासी मजदूरों और उन जरूरतमंद लोगों की हो रही है. जिनकी जेब और पेट दोनों खाली हैं. ऐसे में इन जरूरतमंदों को सरकार की ये मुफ्त राशन योजना किसी राहत से कम नहीं है.
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