शिमला: कोरोना काल में बढ़ रही महंगाई को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सरकार पर कोरोना की आड़ में आम लोगों से लूट करने के आरोप लगाए हैं.
सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में जयराम सरकार पहली ऐसी सरकार हुई है, जो आम लोगों को आए दिन महंगाई के तोहफे दे रही रही है. आज चाहे किसान हो, मजदूर वर्ग हो, निजी उद्योग धंधों में काम करने वाले लोग हों या फिर सरकारी कर्मचारी हों सरकार ने सभी को घुट-घुट कर जीने पर मजबूर कर दिया है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकार में इंसानियत नाम की कोई चीज नहीं है. आम आदमी कोरोना महामारी से ही नहीं बल्कि वह सरकार के दिए महंगाई के तोहफों से भी प्रताड़ित हो रहा है. सरकार कोरोना की आड़ में लोगों को खुलेआम लूट रही है. अपनी जमापूंजी से मुख्यमंत्री राहत कोष से लेकर पीएम केयर फंड में बढ़चढ़कर दान देने वाले लोगों को तरह-तरह लूटा जा रहा है.
सुधीर शर्मा ने कहा कि सबसे पहले बस किराए में बढ़ोतरी की गई. फिर बिजली के दाम बढ़ा दिए. उसके बाद सीमेंट महंगा कर दिया, बिजली के नए कनेक्शन के लिए शुल्क में चार गुना वृद्धि, नए वाहन खरीदने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 6 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी गई और अब निजी स्कूलों को मनमाफिक फीस व फंड वसूलने की खुली छूट देकर इस सरकार ने आम आदमी को कोरोना से ज्यादा महंगाई से मरने पर मजबूर कर दिया.
सुधीर शर्मा ने कहा कि जब बच्चे स्कूल ही नहीं गए तो अब पिछले 7-8 महीनों का शुल्क वसूलने के फरमान जारी कर दिए हैं, जबकि ट्यूशन फीस तो पहले से ही वसूली जा रही है. हर दिन अपने ही फैसलों को बदला जा रहा है. रोजमर्रा की वस्तुओं के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. आलू 50 रुपये किलो बिक रहा है और प्याज 70 पार हो गया है. किसी भी सब्जी के दाम 40 रुपये किलोग्राम से नीचे नहीं है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी सरकार का मुख्य कार्य जनकल्याण होता है, लेकिन यहां तो बीजेपी सरकार ने कल्याण की बजाए लोगों को मंहगाई की आग में धकेल दिया है. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बंद किया हुआ है. जब मंहगाई पर नियंत्रण ही नहीं तो फिर महंगाई भत्ता क्यों बंद किया हुआ है.
सुधीर शर्मा ने कहा कि आपदा एक्ट की आड़ में लोगों के इस विरोध को दबाया जा रहा है. इस समय कोरोना महामारी को सरकार तानाशाही के एक हथियार के रूप में प्रयोग कर रही है. प्रदेशवासियों के हित में यदि इन जनविरोधी फैसलों को सरकार के वापस न लेने पर कांग्रेस आम लोगों के साथ सड़कों पर उतरने से भी गुरेज नहीं करेगी.
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